________________ . उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 5 1087 उति // 4 // वित्तेण ताणं ण लभे पमत्ते, इमंमि लोए अदुवा परत्था / दीवप्पणदेव अणंतमोहे, णेयाउयं दटुमदटुमेव // 5 // सुत्तेसु यावी पडिबुद्ध र्ज वी, ण 'वीससे पंडिए आसुपण्णे / घोरा मुहुत्ता अबलं सरीरं, भारंडपक्खीव चरेऽप्पमत्ते // 6 // चरे पयाई परिसंकमाणो, जं किंचि पास इह मण्णमाणो / लाभंतरे जीविय बूहहत्ता, पच्छा परिण्णाय मलावधंसी // 7 // छंद णिरोहेण उवेइ मोक्खं, आसे जहा सिक्खियवम्मधारी / पुव्वाई वासाई चरेऽप्पमत्तो, तम्हा मुणी खिप्पमुवेइ मोक्खं // 8 // स पुवमेवं ण लभेज पच्छा, एसोवमा सासयवाइयाणं / विसीयई सिढिले आउयम्मि, कालोवणीए सरीरस्स भेए // 9 // खिप्पं ण सक्केइ विवेगमे, तम्हा समुट्ठाय पहाय कामे / समिच्च लोयं समया महेसी, आयाणुरक्खी चरें। ऽप्पमत्तो // 10 // मुहूं मुहं मोहगुणे जयंतं, अणेगरूवा समणं चरंतं / फासा पुसंति असमंजसं च, ग तेसि भिक्खू मणसा पउस्से // 11 // मंदा य फासा बहुलोहणिज्जा, तहप्पगारेसु मणं ण कुजा / रक्खिज कोहं विणएज माणं, मायं ण सेवेज पहेज लोहं // 12 // जेऽसंखया तुच्छपरप्पवाई, ते पिज्जदोसाणुगया परज्झा। एए अहम्मे त्ति दुगुंछमाणो, कंखे गुणे जाव सरीरभेउ // 13 // त्ति-बेमि // इति असंखयं णाम चउत्थमज्झयणं समत्तं // 4 // अह अकाममरणिज्जं णामं पंचममज्झयणं अण्णवंसि महोहंसि, एगे तिण्णे दुरुत्तरे / तत्थ एगे महापण्णे, इमं पण्हमुदा. हरे // 1 // संतिमे य दुवे ठाणा, अक्खाया मरणंतिया। अकाममरणं चेव, सकाममरणं तहा // 2 // बालाणं अकामं तु, मरणं असइं भवे। पंडियाणं सकाम तु, उक्कोसेण सई भवे // 3 // तत्थिमं पढमं ठाणं, महावीरेण देसियं / कामगिद्धे जहा बाले, मिसं कूराई कुव्वई / / 4 // जे गिद्धे कामभोगेसु, एगे कूडाय गच्छई / ण मे दिढे परे लोए, चक्खुदिट्ठा इमा रई // 5 // हत्थागया इमे कामा, कालिया जे अणागया। को जाणइ परे लोए, अस्थि वा णत्थि वा पुणो // 6 // जणेण सद्धि होक्खामि, इइ वाले पगभई / कामभोगाणुराएणं, केसं संपडिवजई // 7 // तओ से दंड समारभई, तसेसु थावरेसु य / अट्ठाए य अणट्ठाए, भूयगामं विहिंसई / / 8 / / हिसे बाले मुसावाई, माइल्ले पिसुणे सढे / भुंजमाणे सुरं मंसं, सेयमेयं ति मण्णई / / 9 / / कायसा वयसा मत्ते, वित्ते गिद्धे य इत्थिसु / दुहओ मलं संचिणइ, सिसुणागुव्व