________________ अनंगपविट्ठसुत्ताणि रणमि नायई / अच्छंतं रुक्खमूलंमि, को णं ताहे तिगिन्छई // 78 // को वा से ओसहं देइ ?, को वा से पुच्छई सुहं ? / को से भत्तं च पाणं वा, आहरित्तु पणा. मए ? // 79|| जया य से सुही होइ, तया गच्छइ गोयरं / भत्तपाणस्स अट्ठाए, वल्लराणि सराणि य // 80 // खाइत्ता पाणियं पाउं, वल्लरेहिं सरेहि य / मिगचारियं चरित्ताणं, गच्छई मिगचारियं // 81 / / एवं समुट्ठिओ भिक्खू , एवमेव अणेगए / मिगचारियं चरित्ताणं, उट्ठे पक्कमई दिसं // 82 // जहा मिए एग अणेगचारी, अणेगवासे धुवगोयरे य / एवं मुणी गोयरियं पविटे, णो हीलए णो वि य खिंसएजा // 83 // मिगचारियं चरिस्सामि, एवं पुत्ता ! जहासुहं / अम्मापिऊहिंऽगुण्णाओ, जहाइ उवहिं तहा / / 84 // मिगचारियं चरिस्सामि, सव्वदुक्खविमोक्वणिं / तुब्भेहिं अन्भणुण्णाओ, गच्छ पुत्त ! जहासुहं // 85 // एवं सो अम्मापियरो, अणुमाणित्ताण बहुविहं / ममत्तं छिंदई ताहे, महाणागोव्व कंचुयं // 86 // इड्डी वित्तं च मित्ते य, पुत्तदारं च णायओ। रेणुयं व पडे लग्गं, णिधुणित्ताण णिग्गओ // 87 / / पंचमहव्वयजुत्तो, पंचसमिओ तिगुत्तिगुत्तो य। सब्भितरबाहिरए, तवोकम्ममि उज्जुओ // 88 // णिम्ममो णिरहंकारो, णिस्संगो चत्तगारवो / समो य सव्वभूएसु, तसेसु थावरेसु य // 89 // लाभालाभे सुहे दुक्खे, जीविए मरणे तहा। समो जिंदापसंसासु, तहा माणावमाणओ // 90|| गारवेसु कसाएसु, दंडसल्लभएमु य / णियत्तो हाससोगाओ, अणियाणो अबंधणो॥९१।। अणिस्सिओ इहं लोए, परलोए अणिस्सिओ। वासीचंदणकप्पो य असणे अणसणे तहा / / 92 // अप्पसत्थेहिं दारेहिं सव्वओ पिहियासवे / अज्झप्पज्झाणजोगेहिं, पसत्थदमसासणे // 93 // एवं णाणेण चरणेण दंसणेण तवेण य / भावणाहि य सुद्धाहिँ, सम्मं भाविन्तु अप्पयं // 94 // बहुयाणि उबासाणि, सामण्णमणुपालिया। मासिएण उ भत्तेण, सिद्धिं पत्तो अणुत्तरं॥९५॥ एवं करंति संबुद्धा, पंडिया पवियक्खणा। विणियटृति भोगेसु, मियापुत्ते जहा मिसी // 96 / / महापभावस्स महाजसस्स, मियाइपुत्तस्स णिसम्म भासियं / तवप्पहाणं चरियं च उत्तम, गइप्पहाणं च तिलोगविस्सुयं // 97 // वियाणिया दुक्खविवद्धणं धणं, ममत्तबंधं च महाभयावहं / सुहावहं धम्मधुरं अणुत्तरं, धारेज णिब्वाणगुणावहं महं ॥९८||त्ति-बेमि // इति मियापुत्तीयं णामं एगणवीसइमं अज्झयणं समत्तं // 19 //