________________ . उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 19 1115 // 53 / / कुवंतो कोलसुणए हिं, सामेहिं सबलेहि य / पाडिओ फालिओ छिण्णो, वि कुरतो अणेगसो // 54 / / असीहिं अयसिवण्णाहिं, भल्लेहिं पट्टिसेहि य / छिण्णो "भिण्णो विभिण्णो य, ओइण्णो पावकम्मुणा // 55 // अवसो लोहरहे जुत्तो, जलंते समिलाजुए। चोइओ तोत्तजुत्तेहि, रोज्झो वा जह पाडिओ // 56 // हुयासणे जलंतम्मि, चियासु महिसो विव / दट्टो पक्को य अवसो, पावकम्मे हिं पाविओ // 57 // बला संडासतुंडेहि, लोहतुंडेहिं पविखहिं / विलुत्तो विलवंतो हं, ढंकगिद्धेहिंऽणंतसो // 58 // तण्हाकिलंतो धावतो, पत्तो वेयरणिं णइं / जलं पाहिं ति चिंतंतो, खुरधाराहिं. विवाइओ // 59 // उण्हाभितत्तो संपत्तो, असि पत्तं महावणं / असिपत्तेहिं पडतेहिं, छिण्णपुव्वो अणेगसो // 60 // मुग्गरेहिं मुसंढीहिं, सूलेहिं मुसलेहि य / गयासंभग्गगत्तहिं, पत्तं दुक्खं अणंतसो // 61 // खुरेहिं तिक्खधाराहिं, छुरियाहिं कप्पणीहि य / कप्पिओ फालिओ छिण्णो, उक्कित्तो य अणेगसो // 62 // पासेहिं कृडजालेहि, मिओ वा अवसो अहं / वाहिओ बद्धरुद्धो वा, बहुसो चेव विवाइओ // 63 // गलेहि मगरजालेहि, मच्छो वा अवसो अहं / उल्लिओ फालिओ गहिओ, मारिओ य अणंतसो // 64 // वीदंसएहिं जालेहि, लेप्पाहि सउणो विव / गहिओ लग्गो बद्धो य, मारिओ य अणंतसो // 65 // कुहाडफरसुमाईहि, वड्डई हिं दुमो विव / कुट्टिओ फालिओ छिण्णो, तच्छिओ य अणंतसो // 66 // चवेडमुट्ठिमाई हि, कुमारेहिं अयं पिव / ताडिओ कुट्टिओ भिण्णो, चुण्णिओ य अणंतसो // 67 // तत्ताई तंबलोहाइं, तउयाइं सीसयाणि य / पाइओ कलकलंताई, आरसंतो सुभेरवं // 68 // तुहं पियाई मंसाई, खंडाइं सोल्लगाणि य / खाविओमि समंसाई, अग्गिवप्रणाइंऽणेगसो // 69 // तुहुं पिया सुरा सीहू, मेरओ य महूणि य / पाइओमि जलंतीओ, वसाओ रुहिराणि य // 70 // णिच्चं भीएण तत्थेण, दुहिएण वहिएण य / परमा दुहसंबद्धा, वेयणा वेइया मए // 71 // तिव्वचंडप्पगाढाओ, घोराओ अइदुस्सहा / महन्मयाओ भीमाओ, णरएसु वेइया मए / / 72 / / जारि सा माणुसे लोए, ताया ! दीसंति वेयणा / एत्तो अणंतगुणिया, णरए सु दुव खवेयणा / / 73 // सव्व. भवेसु अस्साया, वेयणा वेइया मए / णिमेसंतरमित्तं पि, जं साया णत्थि वेयणा // 74 / / तं बितऽम्मापियरो, छंदेणं पुत्त ! पव्वया / णवरं पुण सामण्णे, दुक्खं णिप्पडिकम्मया // 75 // सो बेइ अम्मापियरो!, एवमेयं जहा फुडं / पडिकम्म को कुणई, अरण्णे मियपक्खिणं // 76 // एगब्भूए अरण्णे वा, जहा उ चरई मिगे। एवं धम्मं चरिस्सामि, संजमेण तवेण य // 77 // जहा मिगस्स आयको, महा