________________ ..1114 अनंगपविट्ठसुत्ताणि . ग्गहविवजणं / सवारंभपरिच्चाओ, णिम्ममत्तं सुदुक्करं // 29 // चरबिहे वि आहारे, राईभोयणवजणा / सण्णिहीसंचओ चेव, वज्जेयध्वो सुदुक्करं // 30 // छुहा तण्हा य सीउण्हं, दंसमसगवेयणा / अक्कोसा दुक्खसेज्जा य, तणफासा जल्लमेव य / / 3.1 / / तालगा तजणा चेव, वहबंधपरीसहा / दुक्खं भिक्खायरिया, जायणा य अलाभया // 32 // कावोया जा इमा वित्ती, केसलोओ य दारुणो / दुक्खं बंभव्वयं घोरं, धारेउं अमहप्पणो // 33 // सुहोइओ तुमं पुत्ता !, सुकुमालो सुमज्जिओ / ण हु सि पभू तुमं पुत्ता !, सामण्णमणुपालिया // 34 / / जावज्जीवमविस्सामो, गुणाणं तु महब्भरो / गुरुओ लोहमारुव्व, जो पुत्ता ! होइ दुव्वहो // 35 / / आगासे गंगसोउव्व, पडिसोउव्व दुत्तरो। बाहाहिं सागरो चेव, तरियव्यो गुणोदही // 36 // वालुया कवले चेव, णिरस्साए उ संजमे। असिधारागमणं चेव, दुक्करं चरिउं तवो // 37 // अलीवेगंतदिट्ठीए, चरित्ते पुत्त ! दुकरे / जवा लोहमया चेव, चावेयव्वा सुदुक्कर // 38 // जहा अग्गिसिहा दित्ता, पाउं होइ सुदुक्करा / तही दुक्करं करेउं जे, तारुण्णे समणत्तणं // 39 // जहा दुक्खं भरेउं जे, होइ वायरस कोत्थलो। तहा दुक्खं करेउ जे, कीवेणं समणत्तणं / / 40 // जहा तुलाए तोलेउं, दुक्करो मंदरो गिरी। तहा णिहुयं णीसंकं, दुकरं समणत्तणं // 41 / / जहा भुयाहि तरिउं, दुकरं रयणायरो। तहा अणुवसंतेणं, दुक्करं दमसागरो // 42 // भुंज माणुस्सए भोए, पंचलक्खणए तुमं / भुत्तभोगी तओ जाया !, पच्छा धम्मं चरिस्ससि // 43 // सो बेइ अम्मापियरो, एवमेयं जहा फुडं / इह लोए णिप्पिवासस्स, णस्थि किंचिवि दुक्करं // 44 // सारीरमाणसा चेव, वेयणाओ अणंतसो / मए सोढाओ भीमाओ, असई दुक्खभयाणि य // 45 // जरामरणकंतारे, चाउरंते भयागरे / मया सोढाणि भीमाणि, जम्माणि मरणाणि य // 46 // जहा इहं अगणि उण्हो, एत्तोऽणंतगुणो तहिं / णरएसु वेयणा उण्हा, असाया वेइया मए // 47 // जहा इमं इहं सीयं, एत्तोऽणंतगुणो तहिं / णरएसु वेयणा सीया, असाया वेइया मए // 48 // कंदतो कंदुकुंभीसु, उड्डपाओ अहोसिरो हुयासणे जलंतम्मि, पक्कपुव्वो अणंतसो // 49 // महादवगिसंकासे, मरुमि वइरवालुए / कलंबवालुयाए य, दट्टपुटवो अणंतसो॥५०॥रसंतो कंदुकुंभीसु, उद्धं बद्धो अबंधवो / करवत्तकरकयाई हिं, छिण्णपुव्वो अणंतसो // 52 // अइतिक्ख. कंटगाइण्णे, तुंगे सिंबलिपायवे / खेवियं पासबद्धणं, कड्डोकड्ढाहिं दुक्करं // 52 // महाजतेसु उच्छू वा, आरसंतो सुभेरवं / पीलिओमि सकम्मेहि, पावकम्मो अणंतसो