________________ 1072 अनंगपविट्ठसुत्ताणि सययं पूययामि // 13 // जहा णिसंते तवणच्चिमाली, पभासई केवलभारहं तु / एवायरिओ सुयसीलबुद्धिए, विरायई सुरमज्झे व इंदो // 14 // बहा ससी कोमुइ-. जोगजुत्तो, णक्खत्ततारागणपरिवुडप्पा / खे सोहई विमले अब्भमुक्के, एवं गणी सोहइ भिक्खुमज्झे // 15 // महागरा आयरियामहेसी, समाहिजोगे सुयसीलबुद्धिए। संपाविउकामे अणुत्तराई, आराहए तोसइ धम्मकामी // 16 // सुच्चाण मेहावि सुभासियाई, सुस्सूसए आयरियप्पमत्तो / आराहइत्ताण गुणे अणेगे, सो पावई सिद्धिमणुत्तरं // 17 // त्ति-बेमि // इति विणयसमाहिणामणवमज्झयणे पढमो उद्देसो समत्तो॥ 9-1 // अह णवमज्झयणे बीओ उद्देसो. मूलाउ खंधप्पभवो दुमस्स, खंधाउ पच्छा समुर्विति साहा / साहप्पसाहा विरुहंति पत्ता, तओ सि पुष्पं च फलं रसो य // 1 // एवं धम्मस्स विणओ, मूलं परमो से मुक्खो / जेण कित्तिं सुयं सिग्धं, णिस्सेसं चाभिगच्छइ // 2 // जे य चंडे मिए थद्धे, दुन्वाई णियडी सढे / वुझइ से अविणीयप्पा, कटुं सोयगयं जहा // 3 // विणयं पि जो उवाएणं, चोइओ कुप्पई णरो। दिव्वं सो सिरीमिज्जति, दंडेण पडिसेहए // 4 // तहेव भविणीयप्पा, उववज्झा हया गया / दीसंति दुहमेहंता, आभिओगमुवट्ठिया // 5 // तहेव सुविणीयप्पा, उववज्झा हया गया / दीसंति सुहमेहंता, इट्टि पत्ता महायसा // 6 // तहेव अविणीयप्पा, लोगंसि णरणारिओ / दीसंति दुहमेहंता, छाया ते विगलिंदिया // 7 // दंडसत्थपरिज्जुण्णा, असम्भवयणेहि य / कलुणा विवण्णछंदा खुप्पिवासाइपरिगया // 8 // तहेव सुविणीयप्पा, लोगंसि परणारिओ। दीसंति सुहमेहंता, इट्टि पत्ता महायसा ||9|| तहेव अविणीयप्पा, देवा जक्खा य गुज्झगा / दीसंति दुहमेहंता, आभिओगमुवटिया // 10 // तहेव सुविणीयप्पा, देवा जक्खा य गुज्झगा। दीसंति सुहमेहंता, इडि पत्तामहायसा // 1 // जे आयरियउवज्झायाणं, सुस्सूसावयणकरा / तेसिं सिक्खा पवहृति, जलसित्ता इव पायवा // 12 // अप्पणट्ठा परट्ठा वा, सिप्पा णेउणियाणि य / गिहिणो उवभोगट्ठा, इहलोगस्स कारणा // 13 // जेण बंधं वहं घोरं, परियावं च दारुणं / सिक्खमाणा णियच्छंति, जुत्ता ते ललिइंदिया // 14 // ते वि तं गुरुं पूयंति, तस्स सिप्पस्स