________________ . उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 36 1165 अट्ठविहा वाणमंतरा // 208 // चंदा सूरा य गक्खत्ता, गहा तारागणा तहा। दिसा विचारिणो चेव, पंचहा बोइसालया // 209 // वेमाणिया उजे देवा, दुविहा ते वियाहिया। कप्पोवगा य बोधव्वा, कप्पाईया तहेव य // 210 // कप्पोवगा बारसहा, सोहम्मीसाणगा. तहा / सणंकुमारमाहिंदा, बंभलोगा य लंतगा // 211 // महासुक्का सहस्सारा, आणया पाणया तहा। आरणा अच्चुया चेव, इइ कप्पोबगा सुरा // 212 // कप्पाईया उजे देवा, दुविहा ते वियाहिया / गेविजाणुत्तरा चेव, गेविजा णवविहा तहिं / / 213 // हेडिमाहेट्ठिमा चेव, हेट्ठिमामज्झिमा तहा / हेट्ठिमाउवरिमा चेव, मज्झिमाहेट्ठिमा तहा // 214 // मज्झिमामज्यिमा चेव, मज्झिमाउवरिमा तहा / उवरिमाहेडिमा चेव, उवरिमामज्झिमा तहा / / 215 // उपरिमाउबरिमा चेव, इय गेविजगा सुरा / विजया वेजयंता य, नयंता अपराजिया // 216 // सव्वत्थसिद्धगा चेव, पंचहाणुत्तरा सुरा / इय वेमाणिया एए, ऽगेगदा एवमायओ // 217 // लोगस्स एगदेसंमि, ते सव्वे वि वियाहिया / इत्तो कालविभागं तु, तेसिं वुच्छं चउम्बिई // 218 / / संतई पप्पऽणाईया, अपजवसिया वि य / ठिई पडुच्च साईया, सपजवसिया वि य / / 219 // साहियं सागरं एक्कं, उक्कोसेण ठिई भवे। भोमेजाणं जहण्णेणं, दसवाससहस्सिया // 220 // [पलिओवम दो अगा, उक्कोसेण वियाहिया / असु(रे)रिंदवज्जेताण, नहण्णा दससहस्सगा॥] पलिओवममेगं तु, उक्कोसेण ठिई भवे / वंतराणं बहण्णेणं, दसवाससहस्सिया // 221 // पलिओवममेगं तु, वासलब खेण साहियं / पलिओवमट्ठभागो, नोइसेसु जहणिया.॥२२२॥ दो चेव सागराइं, उनकोसेण वियाहिया। सोहम्मम्मि जहण्णेणं, एगं च पलिओवमं // 223 / / सागरा साहिया दुण्णि, उक्कोसेण वियाहिया / ईसाणम्मि जहण्णेणं, साहियं पलिओवमं // 224 // सागराणि य सत्तेव, उक्कोसेण ठिई भवे / सणंकुमारे जहण्णेणं, दुण्णि ऊ सागरोवमा // 225 // साहिया सागरा सत्त, उक्कोसेण टिई भवे / माहिदम्मि जहण्णेणं, साहिया दुण्णि सागरा // 226 // दस चेव सागराई, उक्कोसेण टिई भवे / बंगलोए जहण्णेणं, सत्त ऊ सागरोवमा // 227 // चउद्दस सागराइं, उक्कोसेण टिई भवे / लंतगम्मि जहण्णेणं, दस उ सागरोवमा // 228 // सत्तरस सागराइं, उवकोसेण टिई भवे / महासुक्के नहण्णेणं, चोद्दस सागरोवमा / / 229 // अट्ठारस सागराई, उक्कोसेण ठिई भवे / सहस्सारम्मि जहण्णेणं, सत्तरस सागरोवमा // 230 / / सागरा