________________ - बिहक्कप्पसुत्तं उ० 2 925 एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 5 // उवस्सयस्स अंतो वगडाए सव्वराइए जोई झियाएजा, णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहालंदमवि वत्थए, हुरत्था य उवस्सयं पडिलेहमाणे णो लभेजा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 6 // उवस्सयस्स अंतो वगडाए सव्वराइए पईवे दि पेजा, णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहालंदमवि वत्थए, हुरत्था य उवस्सयं पडिलेहमाणे णो लभेजा, एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए, णो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए, जे तत्थ एगरायाओ वा दुरायाओ वा परं वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा // 7 // उवस्सयस्स अंतो वगडाए पिण्डए वा लोयए वा खीरे वा दहिं वा णवणीए वा सप्पिं वा तेल्ले वा फाणिए वा पूर्व वा सक्कुली वा सिहरिणी वा उक्खित्ताणि वा विक्खित्ताणि वा विहगिण्णाणि वा विष्पइण्णाणि वा, णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अहालंदमवि वत्थए // 8 // अह पुण.एवं जाणेज्जा–णो उक्खित्ताइं 4, रासिकडाणि वा पुंजकडाणि वा भित्तिकडाणि वा कुलियकडाणि वा लंछियाणि वा मुद्दियाणि वा पिहियाणि वा कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा हेमंतगिम्हासु वत्थए // 9 // अह पुण एवं जाणेजा-णो रासिकडाइं 4, कोहाउत्ताणि वा पल्लाउत्ताणि वा मंचाउत्ताणि वा मालाउत्ताणि ओलित्ताणि वा विलित्ताणि वा कुम्भिउत्ताणि वा करभिउत्ताणि वा पिहियाणि वा लंछियाणि वा मुद्दियाणि 'वा कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गथीण वा वासावासं वत्थए // 10 ॥णो कप्पइ णिग्गंथीणं अहे आगमणगिहंसि वा वियडगिर्हसि वा वंसीमूलंसि वा रुक्खमूलंसि वा अब्भावगासियंसि वा वत्थए // 11 // कप्पई णिगंथाणं अहे आगमणगिहंसि वा वियडगिहंसि वा वंसीमूलंसि वा रुक्खमूलंसि वा अब्भावगासियंसि वा वत्थए // 12 // एगे सागारिए पारिहारिए, दो तिण्णि चत्तारि पंच सागारिया पारिहारिया, एगं तत्थ कप्पागं ठवइत्ता अवसेसे णिव्विसेज्जा // 13 / / णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सागारियपिण्डं बहिया अणीहडं असंसर्ट वा संसटुं वा पडिगाहित्तए ॥१४॥णो कप्पइ णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा सागारियपिण्डं बहिया णीहडं असंसटुं पडिगाहित्तए / कप्पइ णिगंथाण वा णिग्गंथीण वा सागारियपिण्डं बहिया णीहडं संसर्ट पडिगाहित्तए // 15 //