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________________ णिसीहसुत्तं उ. 3 949 पमज्जेज्ज वा आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा साइज्जइ // 53 // जे भिवखू अप्पणो उढे संवाहेज्ज वा पलिमद्देज्ज वा संवाहतं वा पलिम तं वा साइज्जइ // 54 // जे भिव खू अप्पणो उढे तेल्लेण वा घएण वा वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज्ज वा भिलिगेज्ज वा मक्खेंतं वा भिलिंगेंतं वा साइज्जइ // 55 // जे भिक्खू अप्पणो उठे लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ 56 / जे भिक्खू अप्पणो उढे सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ // 57 // जे भिक्खू अप्पणो उढे फूमेजं वा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 58 // जे भिवखू अप्पणो दीहाइं उत्तरोहरोमाइं कप्पेज बा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 59 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई अच्छिपत्ताई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 60 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि आमज्जेज वा पमज्जेज्ज वा आमज्जतं वा पमज्जतं वा साइजइ // 61 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि संवाहेज वा पलिमद्देज वा संवाहेंतं वा पलिमद्देतं वा साइजइ // 62 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि तेल्लेण वा घएण वा. वसाए वा णवणीएण वा मक्खेज वा भिलिंगेज वा मक्खेत वा भिलिंगेतं वा साइजइ // 63 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि लोद्धेण वा जाव पउमचुण्णेण वा उल्लोलेज वा. उव्वट्टेज वा उल्लोलेंतं वा उव्वदे॒तं वा साइजइ // 64 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि सीओदगवियडेण वा उसिणोदगवियडेण वा उच्छोलेज वा पधोवेज वा उच्छोलेंतं वा पधोवेंतं वा साइजइ // 65 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छीणि फूमेजवा रएज वा फूतं वा रएंतं वा साइजइ // 66 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाइं भुमगरोमाई कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संठवेंतं वा साइजइ // 67 // जे भिक्खू अप्पणो दीहाई पासरोमाइं कप्पेज वा संठवेज वा कप्तं वा संटवेतं वा साइजइ // 68 // जे भिक्खू अप्पणो अच्छिमलं वा कण्णमलं वा दंतमलं वा णहमलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 69 जे भिक्खू अप्पणो कायाओ सेयं वा जल्लं वा पंकं वा मलं वा णीहरेज वा विसोहेज वा णीहरेंतं वा विसोहेंतं वा साइजइ // 70 // जे भिक्खू गामाणुगामं दूइज्जमाणे अप्पणो सीसदुवारियं / करेइ करेंतं वा साइजइ // 71 // जे भिक्खू सणकप्पासाओ वा उण्णकप्पासाओ वा पोण्डकप्पासाओवा अमिलकप्पासाओ वा वसीकरणसोत्तियं करेइ करेंतं वा साइजाइ
SR No.004389
Book TitleAnangpavittha Suttani Bio Suyakhandho
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
PublisherAkhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh
Publication Year1984
Total Pages746
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, agam_jambudwipapragnapti, agam_jambudwipapragnapti, agam_nirayavalika, agam_kalpavatansika, agam_pushpika, agam_pushpachulika, agam_vrushnidasha, & agam
File Size13 MB
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