________________ 1064 अनंगपविट्ठसुत्ताणि इहेव पोसहरओ, भवाहि मणुयाहिवा! // 42 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्बवी // 43 // मासे मासे तु जो बालो, कुसग्गेणं तु भुंजए / ण सो सुअक्खायधम्मस्स, कलं अग्घइ सोलसिं // 44|| एयमढें णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमि रायरिसिं, देविंदो इणमब्रवी // 45 // हिरण्णं सुवणं मणिमुत्तं, कंसं दूमं च वाहणं / कोसं वडावइत्ताणं, तओ गच्छसि खत्तिया ! // 46 // एयमढें णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसि, देविंदं इणमब्बवी // 47 // सुवण्णरुप्पस्स उ पव्वया भवे, सिया हु केलाससमा असंखया / णरस्स लुद्धस्स ण तेहि किंचि, इच्छा हु आगाससमा अणंतिया // 48 // पुढवी साली जवा चेव, हिरण्णं पसुभिस्सह / पडिपुण्णं णालमेगस्स, इइ विजा तवं चरे // 49 // एयमटुं णिसामित्ता, हेऊकारणचोइओ। तओ णमि रायरिसिं देविंदो इणमचवी // 50 // अच्छेरयमन्भुदए, भोए चयसि पत्थिवा। भसंते कामे पत्थेसि, संकप्पेण विहम्मसि // 51 // एयमद्वं णिसामित्चा, हेऊकारणचोइओ। तओ णमी रायरिसी, देविंदं इणमब्यवी // 52 // सल्लं कामा विसं कामा, कामा आसीविसोवमा। कामे पत्थेमाणा, अकामा जंति दोग्गइं // 53 / / अहे वयइ कोहेणं,माणेणं अहमा गई। माया गई पडिग्घाओ, लोभाओ दुहओ भयं // 54 // अवउज्झिऊण माहणरूवं विउविऊण इंदत्तं / वंदइ अभित्थुणंतो इमाह महुराहिं वग्गूहि।।५५।। अहो ते णिज्जिओ कोहो, अहो माणो पराजिओ / अहो ते णिरक्किया माया अहो लोभो वसीकओ॥५६॥ अहो ते अजवं साह, अहो ते साहु मद्दवं / अहो ते उत्तमा खती, अहो ते मुत्ति उत्तमा // 57 // इहं सि उत्तमो भंते !, पच्छा होहिसि उत्तमो। लोगुत्तमुत्तमं ठाणं, सिद्धिं गच्छसि णीरओ // 58 // एवं अभित्थुगंतो, रायरिसिं उत्तमाए सद्धाए / पयाहिण करेंतो, पुणो पुणो वंदई सक्को // 59 // तो वंदिऊण पाए, चक्ककुसलक्खणे मुणिवरस्स / आगासेणुप्पइओ, ललियचवलकुंडलतिरीडी॥६०॥णमी णमेइ अप्पाणं, सक्खं सक्केण चोइओ। चइऊण गेहं च वेदेही, सामण्णे पज्जुवढिओ // 61 // एवं करेंति संबुद्धा, पंडिया पवियक्खणा / विणियदृति भोगेसु, नहा से णमी रायरिसि / 62 / त्ति बेमि // इति णमिपव्वज्जा णामं णवममज्झयणं समत्तं // 9 // अह दुमपत्तयं णामं दसममज्झयणं दुमपत्तए पंडुयए जहा, णिवडइ राइगणाण अच्चए / एवं मृणुयाण जीवियं, समयं गोयम ! मा पमायए // 1 // कुसग्गे जह ओस बिंदुए, थोवं चिट्ठइ लंबमाणए /