________________ जंबुद्दीवपण्णत्ती व. 3 641 अदूरसामंते दुवालसजोयणायाम णवणोयणविच्छिण्णं जाव कयमालस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ 2 त्ता पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी जाव कयमालगं देवं मणसि * करेमाणे 2 चिट्ठइ, तए णं तस्स भरहस्स रण्णो अट्ठमभत्तंसि परिणममाणसि कयमालस्स देवस्स आसणं चलइ तहेव जाव वेयदृगिरिकुमारस्स णवरं पीइदाणं इत्थीरयणस्स तिलगचोद्दसं भंडालंकारं कडगाणि य जाव आभरणाणि य गेण्हइ 2 त्ता ताए उक्किट्ठाए जाव सक्कारेइ सम्माणेइ स० 2 त्ता पडिविसज्जेइ जाव भोयणमंडवे, तहेव महामहिमा कयमालस्स पञ्चप्पिणंति // 51 // तए णं से भरहे राया कयमालस्स० अठ्ठाहियाए महामहिमाए णिवत्ताए समाणीए सुसेणं सेणावई सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-गच्छाहि णं भो देवाणुष्पिया ! सिंधूए महाणईए पञ्चत्थिमिल्लं णिक्खुडं ससिंधुसागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य ओअवेहि ओअवेत्ता अग्गाइं वराई रयणाइं पडिच्छाहि अग्गाई पडिच्छित्ता ममेयमाणत्तियं पच्चप्पिणाहि, तए णं से सेणावई बलस्स णेया भरहे वासंमि विस्सुयजसे महाबलपरक्कमे महप्पा ओयंसी तेयलक्खणजुत्ते मिलक्खुभासाविसारए चित्तचारुभासी भरहे वासंमि णिक्खुडाणं णिण्णाण य दुग्गमाण य दुप्पवेसाण य वियाणए अत्थसत्थकुसले रयणं सेणावई सुसेणे भरहेणं रण्णा एवं वुत्ते समाणे हट्टतुट्ठचित्तमाणं दिए जाव करयलपरिग्गहियं दसणहं सिरसावत्तं मत्थए अजलिं कटु एवं सामी ! तहत्ति आणाए विणएणं वयणं पडिसुणेइ 2 त्ता भरहस्स रण्णो अंतियाओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेव सए आवासे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ 2 त्ता एवं वयासी-खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ! आभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेह हयगयरहपवर जाव चाउरंगिणिं सेण्णं सण्णाहेहत्तिकटु जेणेव मज्जणघरे तेणेव उवागच्छइ 2 त्ता मजणघरं अणुपविसइ २त्ता ण्हाए कयबलिकम्मे कयकोउयमंगल-पायच्छित्ते सण्णद्धबद्धवम्मियकवए उम्पीलियसरासणपट्टिए पिणद्धगेविजबद्धआविद्धविमलवरचिंधपट्टे गहियाउहप्पहरणे अणेगगणणायगदंडणायग जाव सद्धिं संपरिबुडे सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं मंगलजय 2 सद्दकयालोए मजणघराओ पडिणिक्खमइ 2 त्ता जेणेब बाहिरिया उवट्ठाणसाला जेणेव आभिसेक्के हत्थिरयणे तेणेव उवागच्छइ 2. त्ता आभिसेक्कं हत्थिरयणं दुरूढे / तए णं से सुसेणे सेणावई हत्थिखंधवरगए सकोरंटमल्लदामेणं छत्तेणं धरिजमाणेणं हयगयरहपवरजोहकलियाए चाउरंगिणीए सेणाए सद्धिं संपरिबुडे महयाभडचडगरपहगरवंदपरिक्खित्ते महया