________________ 1020 अनंगपविट्ठसुत्ताणि भवइ आसायणा सेहस्स // 29 // सेहे राइणियस्स कहं कमाणस्स कहं आच्छिदित्ता भवइ आसायणा सेहस्स / / 30 // सेहे राइणियस्स कहं कहेमाणस्स तीसे परिसाए अणुट्टियाए अभिण्णाए अधुच्छिण्णाए अवोगडाए दो(दु)च्चपि तच्चंपि तमेव कहं कहित्ता भवइ आसायणा सेहस्स // 31 / / सेहे राइणियस्स सिजासंथारगं पाएणं संघट्टित्ता हत्थेण अणणुतावित्ता [अणणु(ण्णवे)वित्ता] गच्छइ भवइ आसायणा सेहस्स // 32 // सेहे राइणियस्स सिजासंथारए चिट्ठित्ता वा णिसीइत्ता वा तुयहित्ता वा भवइ आसायणा सेहस्स // 33 // सेहे राइणियस्स उच्चासणंसि वा समासणंसि वा चिट्ठित्ता वा णिसीइत्ता वा तुयट्टित्ता वा भवइ आसायणा सेहस्स // 34 // एयाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं तेत्तीसं आसायणाओ पण्णत्ताओ // 35 // त्ति-बेमि // तइया दसा समत्ता // 3 // चउत्था दसा सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं, इह खलु थेरेहि भगवंतेहिं अट्ठविहा गणिसंपया पण्णत्ता, कयरा खलु अट्ठविहा गणिसंपया, पण्णत्ता ! इमा खलु अट्ठविहा गणिसंपया पण्णत्ता। तंजहा-आयारसंपया 1, सुयसंपया 2, सरीरसंपया 3. वयणसंपया 4. वायणासंपया 5, मइसंपया 6, पओगसंपया 7, संगहपरिण्णा(णाम) अट्ठमा 8 / से किं तं आयारसंपया ? आयारसंपया चउव्विहा पण्णत्ता / तंजहासंजमधुवजोगजुत्ते यावि भवइ, असंपगहियअप्पा, अणिययवित्ती, वुड्डसीले यावि भवइ / से तं आयारसंपया // 1 // से किं तं सुयसंपया? सुयसंपया चउव्विहा पण्णत्ता। तंजहा-बहुसु(त्ते)ए यावि भवइ, परिचियसुए यावि भवइ, विचित्तसुए यावि भवइ, घोसविसुद्धिकारए यावि भवइ / से तं सुयसंपया // 2 // से किं तं सरीरसंपया ? सरीरसंपया चउन्विहा पण्णत्ता। तंजहा-आरोहपरिणाहसंपण्णे यावि भवइ, अणोतप्पसरीरे, थिरसंघयणे, बहुपडिपुणिदिए यावि भवइ / से तं सरीरसंपया॥३॥ से किं तं वयणसंपया ? वयणसंपया चउव्विहा पण्णत्ता। तंजहा-आदेयवयणे यावि भवइ, महुरवयणे यावि भवइ, अणिस्सियवयणे यावि भवइ, असंदिद्धवयणे यावि भवइ / से तं वयणसंपया // 4 // से किं तं वायणासंपया ? वायणासंपया चउव्विहा पण्णत्ता / तंजहा-विजयं उद्दिसइ, विजयं वाएइ, परिणिव्वावियं वाएइ, अत्थणिजाबए यावि भवइ / से तं वायणासंपया // 5 // से किं तं मइसंपया ? मइसंपया चउव्विहा पण्णत्ता। तंजहा-उग्गहमइसंपया, ईहामइसंपया, अवायमइसंपया,