________________ 860 अनंगपविट्ठसुत्ताणि कत्तिओ सेट्ठी तहा णिग्गच्छइ जाव पज्जुवासइ, धम्मं सोचा णिसम्म० जं णवरं देवाणुप्पिया! जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठावेमि, तए णं अहं देवाणुप्पियाणं जाव पव्वयामि, जहा गंगदत्ते तहा पव्वइए जाव गुत्तबम्भयारी // 89 // तए णं से अंगई अणंगारे पासस्स अरहओ तहारूवाणं थेराणं अंतिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अंगाई अहिजइ 2 त्ता वहूहिं च उत्थ जाव भावेमाणे बहूई वासाइं सामण्णपरियागं पाउणइ 2 त्ता अद्धमासियाए.संलेहणाए तीसं भत्ताइं अणसणाए छेइत्ता विराहियसामण्णे कालमासे कालं किच्चा चंदवडिसए विमाणे उववा(य)इयाए सभाए देवसयणिज्जंसि देवदूसंतरिए चंदे जोइसिंदत्ताए उववण्णे // 90 // तए णं से चंदे जोइसिंदे जोइ[सि]सराया अहुणोववण्णे समाणे पंचविहाए पजत्तीए पजत्तीभावं गच्छइ, तंजहा-आहारपजत्तीए. सरीरपजत्तीए इंदियपजत्तीए सासोसासपज्जत्तीए भासामणपजत्तीए // 9 // चंदस्स णं भंते ! जोइसिंदस्स जोइसरण्णो केवइयं कालं ठिई पण्णत्ता ? गोयमा! पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं / एवं खलु गोयमा ! चंदस्स 'जाव जोइसरण्णो सा दिव्वा देविड्डी० / चंदे णं भंते ! जोइसिंदे जोइसराया ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं 3 चइत्ता कहिं गच्छिहिंइ 2 1 गोयमा ! महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ 5 / णिक्खेवओ // 92 // पढम अज्झयणं समत्तं // 3 // 1 // बिइयं अज्झयणं जइ णं भंते ! समणेणं भगवया जाव पुफियाणं पढमस्स अज्झयणस्स अयमढे पण्णत्ते, दोच्चस्स णं भंते ! अज्झयणस्स पुफियाणं समजेणं भगवया जाव संपत्तेणं के अटे पण्णत्ते ? एवं खलु जम्बू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे णामं णयरे / गुणसिलए चेइए / सेणिए राया। समोसरणं / जहा चंदो तहा सूरोवि आगओ जाव णट्टविहिं उवदंसित्ता पडिगओ। पुव्वभवपुच्छा / सावत्थी णयरी / सुपट्टे णामं गाहावई होत्था, अड्ढे जहेव अंगई जाव विहरइ। पासो समोसढो, जहा अंगई पव्वइए, तहेव विराहियसामण्णे जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिइ जाव अंतं करेहिइ / णिक्खेवओ // 93 // बिइयं अज्झयणं समत्तं // 3 // 2 // तइयं अज्झयणं जहणं भंते ! जाव संपत्तेणं उक्खेवओ भाणियव्यो। रायगिहे णयरे / गुणसिलए चेइए / सेणिएं राया / सामी समोसढे / परिसा णिग्गया। तेणं कालेणं तेणं समएण