________________ णवमा दसा ___ तेणं कालेणं तेणं समएणं चंपा णामं णयरी होत्था, वण्णओ। पुण्णभद्दे णामं चेइए, वण्णओ। कोणियराया, धारिणी देवी, सामी समोसढे, परिसा णिग्गया, धम्मो कहिओ, परिसा पडिगया // 1 // अज्जो ! त्ति समणे भगवं महावीरे बहवे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य आमंतेत्ता एवं क्यासी-“एवं खलु अज्जो ! तीसं मोहणिजठाणाई जाई इमाइं इत्थी वा पुरिसो वा अभिवत्रणं अभिक्खणं आयारेयरमाणे वा समायरमाणे वा मोहणिजत्ताए कम्मं पकरेइ, तंजहा-जे (यावि) केइ तसे पाणे, बारिमझे विगाहिया / उदएणक्कम्म मारे(ई)इ, महामोहं पकुव्वइ / / 2 / / पाणिणा संपिहित्ताणं, सोयमावरिय पाणिणं / अंतोणदंत मारेइ, महामोहं पकुव्वइ // 3 // जायतेयं समारब्भ, बहुं ओरंभिया जणं / अंतो धूमेण मारेइ,. महामोहं पकुव्वइ // 4 // सीसम्मि जो (जे) पहणइ, उत्तमंगम्मि चेयसा। विभज मत्थयं फाले, * महामोहं पकुव्वइ // 5 // सीसं वेढेण जे केइ, आवेढेइ अभिवखणं / तिव्वासुभसमायारे, महामोहं पकुव्वइ // 6 // पुणो पुणो पणिहिए हणित्ता उवहसे जणं / फलेणं अदुव दंडेणं, महामोहं पकुव्वइ // 7|| गूढायारी णिगृहिजा, मायं मायाए छायए / असच्चवाई णिण्हाइ, महामोहं पकुव्वइ / / 8 // धंसेई जो अभूएणं, अकम्म अत्तकम्मुणा / अदुवा तुमकासित्ति, महामोहं पकुव्वइ // 9 // जाणमाणो परिसाए, सच्चामोसाणि भासइ / अक्खीणझंझे पुरिसे, महामोहं पकुव्वइ // 10 // अणायगस्स णयवं, दारे तस्सेव धंसिया। विउलं विक्खोभइत्ताणं, किच्चा णं पडिबाहिरं // 11 // उवगसंतंपि झपित्ता, पडिलोमाहिं वग्गुहिं / भोगभोगे वियारेइ, महामोहं पकुव्वइ // 12 // अकुमारभूए जे केइ, कुमारभूएत्ति हं वए / इत्थीविसयगेहीए, महामोहं पकुवह // 13 / / अबंभयारी जे केइ, बंभयारित्ति हं वए / गद्दहेव्व गवां मज्झे, विस्सरं णयई णदं // 14 // अप्पणो अहिए बाले, मायामोसं बहुं भसे / इत्थीविसयगेहीए, महामोहं पकुव्वइ // 15 // जं णिस्सिए उव्वहइ, जससाहिगमेण का / तस्स लुब्भइ वित्तमि महामोहं पकुवइ / / 16 // ईसरेण अदुवा गामेणं अणिस्सरे ईसरीकए। तस्स संपयहीणस्स, सिरी अतुलमागया // 17 // ईसाटोसेण आवटे, कलुसाविलचेयसे / जे अंतरायं चेएइ, महामोहं पकुवइ // 18 // सप्पी जहा अंड. उडं, भत्तारं जो विहिंसइ / सेणावइं पसत्थारं, महामोहं पकुव्वइ / / 19 / / जे णायगं च रटुस्स, णेयारं णिगमस्स वा / सेटिं बहुरवं हता, महामोहं पकुव्वइ // 20 //