________________ ववहारो उ. 6 603 वा धारेत्तए वा // 147 // थेराणं थेरभूमिपत्ताणं आयारपकप्पे णामं अज्इ यणे परिभट्टे मिया, कप्पइ तेसिं संणिसण्णाण वा संतुयाण वा उत्ताणयाण वा पारिल्लयाण वा आयारपकप्पं णामं अज्झयणं दोच्चं पि तच्च पि पडिपुच्छित्तए वा पडिसारेत्तए वा // 148 // जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, णो ण्हं कप्पइ अण्णमण्णस्स अंतिए आलोएत्तए, अत्थि या इत्थ ण्हं केइ आलोयणारिहे, कप्पइ ण्हं तस्स अंतिए आलोहत्तए, णत्थि या इत्थ ण्हं केइ आलोयणारिहे, एव ण्हं कप्पइ अण्णमण्णस्स अंतिए आलोएत्तए // 149 // जे णिग्गंथा य णिग्गंथीओ य संभोइया सिया, णो ण्हं कप्पड अण्णमण्णेणं वेयावच्चं कारवेत्तए, अत्थि याइं ण्हं केइ वेयावच्चकरे कप्पइ ण्हं तेणं वेयावच्चं कारवेत्तए, णत्थि याइं ण्हं केइ वेयावच्चकरे एव ण्हं कप्पइ अण्णमण्णेणं वेयावच्च कारवेत्तए: // 150 // णिग्गंथं च णं राओ वा वियाले वा दीहपट्ठो लूसेज्जा, इत्थी वा पुरिसस्स ओमावेजा पुरिसो वा इत्थीए ओमावेजा, एवं से कप्पइ, एवं से चिट्ठइ, परिहारं च से ण(णो) पाउणइ-एस कप्पे थेरकप्पियाणं, एवं से णो कप्पइ, एवं से णो चिट्ठइ, परिहारं च णो पाउणइ-एस कप्पे जिणकप्पियाणं // 151 // त्ति-बेमि // ववहारस्स पंचमो उद्देसओ समत्तो // 5 // .ववहारस्स छट्ठो उद्देसओ भिक्खू य इच्छेजा गायविहं एत्तए, णो से कप्पइ थेरे अणापुच्छित्ता णायविहं - एत्तए, कप्पद से थेरे आपुच्छित्ता णायविहं एत्तए, थेरा य से वियरेजा, एवं से कप्पइ णायविहं एत्तए, थेरा य से णो वियरेजा, एवं से णो कप्पइ णायविहं एत्तए, जे तत्थ थेरेहिं अविइण्णे णायविहं एइ, से संतरा हैए वा परिहारे वा.॥ 152 // णो से कप्पह अप्पसुयस्स अप्पागमस्स एगाणियस्स णायविहं एत्तए // 153 / / कप्पइ से जे तत्थ बहुस्सुए बब्भागमे तेण सद्धिं णायविहं एत्तए // 154 / / तत्थ से पुवागमणेणं पुव्वाउत्ते चाउलोदणे पच्छाउत्ते मिलिंगसूवे, कप्पइ से चारलोदणे पडिग्गाहेत्तए, णो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडिग्गाहेत्तए // 155 // तत्थ से पुव्वागमणेणं पुवाउत्ते भिलिंगसूवे पच्छाउत्ते चारलोदणे, कप्पइ से भिलिंगसूवे पडि. ग्गाहेत्तए, णो से कप्पइ चाउलोदणे पडिग्गाहेत्तए // 158 // तत्थ से पुव्वागमणेणं दो वि पुवाउत्ते कप्पइ से दो वि पडिग्गाहेत्तए // 157 // तत्थ से पुव्वागमणेणं