________________ उत्तरज्झयणसुत्तं अ. 23 1123 तं काहिसि भावं, जा जा दिच्छसि णारिओ / वायाविद्धोव्व हटो, अट्टिअप्पा भवि म्ससि // 45 // गोवालो भंडवालो वा, जहा तहव्वऽणिस्सरो / एवं अणिस्सरो तं पि, सामण्णस्स भविस्ससि / / 46 // कोहं माणं णिगिणिहत्ता, मायं लोभं च सव्वसो / इंदियाइं वसे कार, अप्पाणं उवसंहरे // 47 // तीसे सो वयणं सोचा, संजयाए सुभासियं / अंकुसेण जहा णागो, धम्मे संपडिवाइओ // 48 // मणगुत्तो वयगुत्तो, कायगुत्तो जिइंदिओ / सामण्णं णिच्चलं फासे, जावजवं दढव्दओ // 49 // उग्गं तवं चरित्ताणं, जाया दोण्णि वि केवली / सव्वं कम्मं खवित्ताणं, सिद्धिं पत्ता अणुत्तरं // 20 // एवं करेंति संबुद्धा, पंडिया पवियखणा। विणियटृति भोगेसु, जहा सो पुरिसोत्तमो // 51 // त्ति-बेमि // इति रहोमज्जणामं बावीसइम अज्झयणं समत्तं // 22 // अह केसिगोयमिज्जणामं तेवीसइमं अज्झयणं __ जिणे पासित्ति णामणं, अरहा लोगपृहओ। संबुद्धप्पा य सव्वण्णू, धम्मतित्थयरे जिणे // 1 // तस्स लोगपईवस्त, आसि सीसे महायसे / केसी कुमारसमणे, विजाचरणपारगे // 2 // ओहिणाणसुए बुद्धे, सीससंघसमाउले / गामाणुगामं रीयंते, सावस्थिं पुरमागए // 3 // तिंदुयं णाम उजाणं, तम्मी णगरमंडले / फासुए सिजसंथारे, तत्थ वासमुवागए // 4 // अह तेणेव कालेणं, धम्मतित्थयरे जिणे / भगवं वद्धमाणित्ति, सव्वलोगंमि विस्सुए // 5 // तस्म लोगपईवस्स, आसि सीसे महायसे / भगवं गोयमे णाम, विजाचरणपारए // 6 // बारसंगविऊ बुद्धे, सीसमंघसमाउले। गामाणुगामं र.यंते, सो वि सावत्थिमागए // 7 // कोट्टगं णाम उजाणं, तम्मी णगरमंडले / फासुए सिज्जसंथारे, तत्थ वास मुवागए / / 8 // केसी कुमारसमणे, गोयमे य महायसे / उभओ वि तत्थ विहरिंतु, अल्लीणा सुसमाहिया // 9 // उमओ सीससंघाणं, संजयाणं तवस्सिणं / तत्थ चिंता समुप्पण्णा, गुणवंताण ताइणं // 10 // केरिसो वा इमो धम्मो, इमो धम्मो व केरिसो / आयारधम्मपणिही, इमा वा सा व केरिसी ? // 11 // चाउजामो य जो धम्मो, जो इमो पंचसिदिखओ / देसिओ बद्धमाणेण, पासेण य महामणी // 12 // अचेलओ य जो धम्मो, जो इमो संतरुत्तरो। एग कजपवण्णाणं, विसेसे किं णु कारणं ? // 13 // अह ते तत्थ सीसाणं, विण्णाय पवितक्कियं / समागमे कयमई, उभओ केसिगोयमा