________________ 1106 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. आहारपाणगं, विविहं खाइमं साइमं परेसिं लर्छ / जो तं तिविहेण णाणुकंपे, मणवयकायसुसंवुडे स भिक्खू // 12 // आयामगं चेव जवोदणं च, सीयं सोवीरजवोदगं च / णो हीलए पिंडं णीरसं तु, पंतकुलाइं परिव्वए स भिक्खू // 13 // सद्दा विविहा भवंति लोए, दिव्वा माणुस्सगा तिरिच्छा / भीमा भयमेरघा उगला, जो सोच्चा ण विहिजई स भिक्खू // 14 // वायं विविहं समिच्च लोए, सहिए खेयाणुगए य कोवियप्पा / पण्णे अभिभूय सव्वदंसी, उवसंते अविहेडए स भिक्खू // 15 // असिप्पजीवी अगिहे अमित्ते, जिइंदिए सव्वओ विप्पमुक्के / अणुक्कसाई लहुअप्पभक्खी, चिच्चा गिहं एगचरे स भिक्खू // 16 // त्ति-बेमि // इति सभिक्खू णामं पण्णरसममज्झयणं समत्तं // 15 // अह बंभचेरसमाहिठाणा णामं सोलसममज्झयणं सुयं मे आउसं ! तेणं भगवया एवमक्खायं / इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं दस बंभचेरसमाहिठाणा पण्णत्ता, जे भिक्खू सोचा णिसम्म संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले गुत्ते गुत्तिं दिए गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेजा / कयरे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं दस बंभचेरसमाहिठाणा पण्णत्ता, जे भिक्खू सोच्चा णिसम्म संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले गुत्ते गुत्तिं दिए गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेजा ? इमे खलु ते थेरेहिं भगवंतेहिं दस बंभचेरसमाहिठाणा पण्णत्ता, जे भिक्खू सोच्चा णिसम्म संजमबहुले संवरबहुले समाहिबहुले गुत्ते गुत्तिं दिए गुत्तबंभयारी सया अप्पमत्ते विहरेजा / तंजहा-विवित्ताइं सयणासणाई सेवित्ता हवद से णिग्गंथे / णो इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाइं सेवित्ता हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / णिग्गंथस्स खलु इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पज्जिज्जा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायंकं हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ [वा] धम्माओ भंसेजा / तम्हा णो इत्थीपसुपंडगसंसत्ताई सयणासणाई सेवित्ता हवइ से णिग्गंथे // १॥णो इत्थीणं कहं कहित्ता हवइ से णिग्गंथे / तं कहमिति चे ? आयरियाह / णिग्गंथस्स खलु इत्थी कहं कहेमाणस्स बंभयारिस्स बंभचेरे संका वा कंखा वा विइगिच्छा वा समुप्पज्जिजा, भेदं वा लभेजा, उम्मायं वा पाउणिज्जा, दीहकालियं वा रोगायक हवेजा, केवलिपण्णत्ताओ धम्माओ भंसेजा /