________________ 1044 अनंगपविट्ठसुत्ताणि. से तं साहु। एवं खलु समणाउसो ! णिग्गंथे णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अपडिक्कते कालमासे कालं किच्चा अण्णयरेसु देवलोएसु देवत्साए उववत्तारो भवइ तंजहा-महिड्डिएमु महज्जुइएसु जाव पभासमाणे णो अण्णेसिं देवाणं अण्णं देवि अभिमुंजिय 2 परियारेइ, अप्पणो चेव अप्पाणं विसव्वित्ता परियारेइ अप्पणिज्जियाओ देविओ अभिमुंजिय 2 परियारेइ से णं ताओ देवलोगाओ आउखएणं 3 तं जेव जाव पुमत्ताए पञ्चायाइ जाव किं ते आसगस्स सयइ ? तस्स णं तहप्पगारस्स पुरिसा जायस्स समणे वा माहणे वा जाव पडिस्सुणेजा ? हंता पडिस्सुणेजा जाव से णं सद्दहेजा पत्तिए जा रोए जा ? णो इणढे समढे // 28 // अण्णस्थरुई रुइमादाए से य भवइ, से जे इमे' आरष्णिया आवसहिया गामंतिया कण्हुइ रहस्सिया णो बहुसंजया णो बहुविरया सव्वपाणभूयजीवसत्तेसु अप्पणो सच्चामोसाइं एवं विपडिवदंति-अहं ण हतब्बो अण्णे हंतव्वा अहं ण अजावेययो अण्णे अजावेयव्वा अहं ण परियावेयव्वो अण्णे परियावेयव्वा अहं ण परिघेत्तवो अण्णे परिवेत्तव्वा अहं ण उद्दवेयव्वो अण्णे उद्दवेयव्वा, एवामेव इत्थिकामेहि मच्छिया गढिया गिद्धा अज्झोववण्णा जाव कालमासे कालं किच्चा अण्णयराइं असुराई किब्बिसियाई ठाणाई उववत्तारो भवंति, तओ वि(प्प)मुच्चमाणा भुज्जो 2 एलमूयत्ताए पञ्चायंति, एवं खलु समणाउसो! तस्स णियाणस्स जाव णी संचाएइ केवलिपण्णत्तं धम्मं सद्दहित्तए वा 3 // 29 // एवं खलु समणाउसो! मए धम्मे पण्णत्ते जाव माणुस्सगा खलु कामभोगा अधुवा तहेव, संति उढे देवा देवलोगंसि० णो अण्णेसिं देवाणं (अण्णे देवे) अण्णं देविं अभिमुंजिय 2 परियारेति, णो अप्पणो चेव अप्पाणं विउव्विय परियारेंति, अप्पणिज्जियाओ० देवीओ अभिजंजिय 2 परियारेति, जइ इमस्स तवणियम "तं चेव सव्वं जाव एवं खलु समणाउसो ! णिग्गंथो का णिग्गंथी वा णियाणं किच्चा तस्स ठाणस्स अणालोइय अप्पडिवते तं चेव जाव विहरइ, से णं तत्थ णो अण्णसिं देवाणं अण्णं देविं अभिजुजिय 2 परियारेह, णो अप्पणा चेव अप्पाणं विउव्विय परियारेइ, अप्पणिज्जियाओ देवीओ अमिजंजिय 2 परियारेइ, से णं तओ आउक्खएण भवक्खएणं ठिइक्खएणं तहेव वत्तत्वं, णवरं हता! सद्द. हेजा पत्तिएजा रोएजा, से णं सीलब्वयगुणवेरमणपच्चक्खाणपोसहोववासाइं .पडिवज्जेजा ? णो इणढे समढे, से णं दंसणसावए भवइ-अभिग्यजीवाजवे जाव 1 विसेसाय सूयगडे 2 सु० अ० 2 बारसमं किरियट्ठाणं दट्टत्वं / /