Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 34] जिीवाजीवाभिगमसूत्र [18] भगवन् ! वे जोव क्या प्राहार करते हैं ? गौतम ! वे द्रव्य से अनन्तप्रदेशी पुद्गलों का आहार करते हैं, क्षेत्र से असंख्यप्रदेशावगाढ पुद्गलों का आहार करते हैं, काल से किसी भी समय की स्थिति वाले पुद्गलों का आहार करते हैं, भाव से वर्ण वाले, गंध वाले, रस वाले और स्पर्श वाले पुद्गलों का प्राहार करते हैं। प्र.--भगवन् ! भाव से जिन वर्ण वाले पुद्गलों का आहार करते हैं, वे एक वर्ण वाले, दो वर्ण वाले, तीन वर्ण वाले, चार वर्ण वाले या पंच वर्ण वाले हैं ? उ.-गौतम ! स्थानमार्गणा की अपेक्षा से एक वर्ण वाले, दो वर्ण वाले, तीन वर्ण वाले, चार वर्ण वाले, पांच वर्ण वाले पुद्गलों का प्राहार करते हैं। भेदमार्गणा की अपेक्षा काले पुद्गलों का भी आहार करते हैं यावत् सफेद पुद्गलों का भी प्राहार करते हैं। प्र.-भंते ! वर्ण से जिन काले पुद्गलों का आहार करते हैं वे क्या एक गुण काले हैं यावत् अनन्तगुण काले हैं ? उ.-गौतम ! एकगुण काले पुत्गलों का भी आहार करते हैं यावत् अनन्तगुण काले पुद्गलों का भी आहार करते हैं / इस प्रकार यावत् शुक्लवर्ण तक जान लेना चाहिए / प्र.-भंते ! भाव से जिन गंध वाले पुद्गलों का आहार करते हैं वे एक गंध वाले या दो गंध वाले पुद्गलों का आहार करते हैं ? ___ उ.—गौतम ! स्थानमार्गणा की अपेक्षा एक गन्ध वाले पुद्गलों का भी पाहार करते हैं और दो गन्ध वालों का भी। भेदमार्गणा की अपेक्षा से सुरभिगन्ध वाले और दुरभिगन्ध वाले दोनों का आहार करते हैं। प्र.-भंते ! जिन सुरभिगन्ध वाले पुद्गलों का आहार करते हैं वे क्या एकगुण सुरभिगन्ध वाले हैं यावत् अनन्तगुण सुरभिगन्ध वाले होते हैं ? उ.- गौतम ! एकगुण सुरभिगन्ध वाले यावत् अनन्तगुण सुरभिगन्ध वाले पुद्गलों का पाहार करते हैं। इसी प्रकार दुरभिगन्ध के विषय में भी कहना चाहिए / रसों का वर्णन भी वर्ण की तरह जान लेना चाहिए। प्र.-भंते ! भाव की अपेक्षा से वे जीव जिन स्पर्श वाले पुद्गलों का आहार करते हैं वे एक स्पर्श वालों का श्राहार करते हैं यावत् पाठ स्पर्श वाले पुद्गलों का आहार करते हैं ? उ.--गौतम ! स्थानमार्गणा की अपेक्षा एक स्पर्श वालों का आहार नहीं करते, दो स्पर्श वालों का आहार नहीं करते हैं, तीन स्पर्श वालों का आहार नहीं करते, चार स्पर्श वाले, पाँच स्पर्श वाले यावत् आठ स्पर्श वाले पुद्गलों का पाहार करते हैं। भेदमार्गणा की अपेक्षा कर्कश स्पर्श वाले पुद्गलों का भी यावत् रूक्ष स्पर्श वाले पुद्गलों का भी आहार करते हैं। प्र.---भंते ! स्पर्श की अपेक्षा जिन कर्कश पुद्गलों का आहार करते हैं वे क्या एकगुण कर्कश हैं या अनन्तगुण कर्कश हैं ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org