________________ 120] [जीवाजीवाभिगमसूत्र पंचसु भरतेसु, पंचसु एरवएसु, पंचसु महाविवेहेसु / से तं कम्मभूमिगमणस्सीओ। से तं मणुस्सित्थीओ। मनुष्य स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? मनुष्य स्त्रियां तीन प्रकार की कही गई हैं-कर्मभूमिजा, अकर्मभूमिजा और अन्तर्दीपजा। अन्तर्वीपजा स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? अन्तर्वीपजा स्त्रियां अट्ठावीस प्रकार की हैं, यथा--- एकोरुकद्वीपजा, अाभाषिकद्वीपजा यावत् शुद्धदंतद्वीपजा। यह अन्तीपजा स्त्रियों का वर्णन हुआ। अकर्मभूमिजा स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? अकर्मभूमिजा स्त्रियां तीस प्रकार की हैं / यथा पांच हैमवत में उत्पन्न, पांच एरण्यवत में उत्पन्न, पांच हरिवर्ष में उत्पन्न, पांच रम्यकवर्ष में उत्पन्न, पांच देवकुरु में उत्पन्न, पांच उत्तरकुरु में उत्पन्न / यह अकर्मभूमिजा स्त्रियों का वर्णन हुआ। कर्मभूमिजा स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? कर्मभूमिजा स्त्रियां पन्द्रह प्रकार की हैं / यथा-- पांच भरत में उत्पन्न, पांच ऐरवत में उत्पन्न और पांच महाविदेहों में उत्पन्न / यह कर्मभूमिजा स्त्रियों का वर्णन हुआ / यह मनुष्य स्त्रियों का वर्णन हुआ। [3] से कि तं देवित्थियाओ? देवित्थियाओ चउन्बिहाओ पण्णत्ताओ, तंजहा 1. भवणवासिदेवित्थियाओ, 2. वाणमंतरदेविस्थियाओ, 3. जोइसियदेवित्थियाओ, 4. वेनाणियदेवित्थियाओ। से कि तं भवणवासिदेवित्थियाओ? भवणवासिदेवित्थियाओ क्सविहा पण्णत्ता, तंजहा असुरकुमारभवणवासिदेवित्थियाओ जाव थपियकुमारभवणवासिदेवित्थियाओ / से तं भवणवासिदेवित्थियाओ। से कि तं वाणमंतरदेवित्थियाओ? वाणमंतरदेविस्थियानो अढविहाओ पण्णत्ताओ, तंजहा–पिसायवाणमंतरदेवित्थियाओ जाव गंधव्य वाणमंतरदेवित्थीओ, से तं वाणमंतरदेवित्थियाओ। से कि तं जोइसियदेवित्थियाओ? जोइसियदेवित्थियाओ पंचविहाओ पष्णताओ, तंजहा Jain Education International Jain Education International For Private & Personal Use Only For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org