________________ 218] मोवानीवाभिगमसूत्र [79] भगवन् ! इस रत्नप्रभापृथ्वी के ऊपर के चरमांत से नीचे के चरमान्त के बीच कितना अन्तर कहा गया है ? गौतम ! एक लाख अस्सी हजार योजन का अन्तर है / भगवन् ! इस रत्नप्रभापृथ्वी के ऊपर के चरमान्त से खरकांड के नीचे के चरमान्त के बीच कितना अन्तर है ? गौतम ! सोलह हजार योजन का अन्तर है। ] हे भगवन् ! इस रत्नप्रभापृथ्वी के ऊपर के चरमान्त से रत्नकांड के नीचे के चरमान्त के बीच कितना अन्तर है ? | गौतम ! एक हजार योजन का अन्तर है। भगवन् ! इस रत्नप्रभापृथ्वी के ऊपर के चरमान्त से वज्रकांड के ऊपर के चरमान्त के बीच कितना अन्तर है ? गौतम ! एक हजार योजन का अन्तर है / भगवन् ! इस रत्नप्रभापृथ्वी के ऊपर के चरमान्त से वजकांड के नीचे के चरमान्त के बीच कितना अन्तर है? गौतम ! दो हजार योजन का अन्तर है। इस प्रकार रिष्टकाण्ड के ऊपर के चरमान्त के बीच पन्द्रह हजार योजन का अन्तर है और नीचे के चरमान्त तक सोलह हजार का अन्तर है / _ भगवन् ! इस रत्नप्रभापृथ्वी के ऊपर के चरमान्त से पंकबहुलकाण्ड के ऊपर के चरमान्त के बीच कितना अन्तर है ? गौतम ! सोलह हजार योजन का अन्तर है। नीचे के चरमान्त तक एक लाख योजन का अन्तर है / अपबहुलकाण्ड के ऊपर के चरमान्त तक एक लाख योजन का और नीचे के चरमान्त तक एक लाख अस्सी हजार योजन का अन्तर है / घनोदधि के ऊपर के चरमान्त तक एक लाख अस्सी हजार और नीचे के चरमान्त तक दो लाख योजन का अन्तर है। इस रत्नप्रभापृथ्वी के ऊपर के चरमान्त से धनवात के ऊपर के चरमान्त तक दो लाख योजन का अन्तर है और नीचे के चरमान्त तक असंख्यात लाख योजन का अन्तर है। ___ इस रत्नप्रभापृथ्वी के ऊपर के चरमान्त से तनुवात के ऊपर के चरमान्त तक असंख्यात लाख योजन का अन्तर है और नीचे के चरमान्त तक भी असंख्यात लाख योजन का अन्तर है। इसी प्रकार अवकाशान्तर के दोनों चरमान्तों का भी अन्तर समझना चाहिए। हे भगवन् ! दूसरी पृथ्वी (शर्कराप्रभा) के ऊपर के चरमान्त से नीचे के चरमान्त के बीच कितना अन्तर है ? गौतम ! एक लाख बत्तीस हजार योजन का अन्तर है / धनोदधि के उपरि चरमान्त के बीच एक लाख बत्तीस हजार योजन का अन्तर है। नीचे के चरमान्त तक एक लाख बावन हजार योजन का Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org