________________ 102] [जीवाजीवाभिगमसूत्र 200. सोहम्मीसाणेसु कप्पेसु विमाणपुढवी किंपइट्ठिया पणता? गोयमा ! घणोदहिपइट्ठिया / सणंकुमारमाहिदेसु कप्पेसु विमाणपुढवी किपइडिया पण्णता? गोयमा! घणवायपईडिया पण्णत्ता / बंभलोए णं कप्पे विमाणपुढवी णं पुच्छा ? घणवायपइट्ठिया पण्णता / लंतए णं भंते पुच्छा? गोयमा तदुभयपइट्ठिया / महासुक्कसहस्सारेसुवि तदुभय पट्ठिया। आणय जाव अच्चुएसु णं भंते ! कप्पेसु पुच्छा ? ओवासंतरपइटिया। गेवेज्जविमाणपुढवी णं पुच्छा ? गोयमा ! प्रोवासंतरपट्टिया। अणुत्तरोबवाइयपुच्छा ? ओवासंतरपइट्टिया। 200. भगवन् ! सौधर्म और ईशान कल्प की विमानपृथ्वी किसके आधार पर रही हुई है ? गौतम ! घनोदधि के आधार पर रही हुई है। सनत्कुमार और माहेन्द्र की विमानपृथ्वी किस पर टिकी हुई है ? गौतम ! धनवात पर प्रतिष्ठित है। ब्रह्मलोक विमान-पृथ्वी किसके आधार पर है ? गौतम ! घनवात पर प्रतिष्ठित है। लान्तक विमानपृथ्वी का प्रश्न ? गौतम ! लान्तक विमानपृथ्वी घनोदधि और घनवात दोनों के प्राधार पर रही हुई है। महाशुक्र और सहस्रार विमान पृथ्वी भी घनोदधि-घनवात पर प्रतिष्ठित है / प्रानत यावत् अच्युत विमानपृथ्वी (9 से 12 देवलोक) किस पर आधारित है ? गौतम ये चारों कल्प आकाश पर प्रतिष्ठित हैं। ग्रैवेयकविमान और अनुत्तरविमान भी आकाश-प्रतिष्ठित हैं। (संग्रहणी गाथा में कहा है-प्रथम, द्वितीय कल्प घनोदधि पर, तीसरा, चौथा, पांचवा कल्प धनवात पर, छठा-सातवां-पाठवां कल्प उभय प्रतिष्ठित है, आगे नोवां, दसवां, ग्यारहवां, बारहवां कल्प और नौ ग्रेवेयक, अनुत्तर विमान आकाश प्रतिष्ठित हैं।' बाहल्य आदि प्रतिपादन ___ 201. (अ) सोहम्मीसाणकप्पेसु विमाणपुढवी केवइयं बाहल्लेणं पण्णता ? गोयमा ! सत्तावीसं जोयणसयाई बाहल्लेणं पण्णत्ता / एवं पुच्छा ? सणंकुमारमाहिदेसु छध्वीसं जोयणसयाई, बंभलंतए वीस, महासुक्क-सहस्सारेसु चउवीस, प्राणय-पाणय-आरणाच्चुएस तेवीसं सयाई। गेविज्जविमाणपुढवी बावोसं, अणुत्तरविमणापुढवी एक्कवीसं जोयणसयाई बाहल्लेणं / / सोहम्मीसाणेसु णं भंते / कप्पेसु विमाणा केवइयं उड्ढे उच्चत्तेणं ? गोयमा ! पंच जोयणसयाई उड्ढं उच्चत्तेणं / सणंकुमार-माहिदेस छ जोयणसयाई, बंभलंतएस सत्त, महासुक्कसहस्सारेसु अट्ट, आणय-पाणयारणाच्चुएसु णव, गेवेज्जयिमाणा णं भंते ! केवइयं उड्ढं उच्चत्तणं ? गोयमा ! दस जोयणसयाई / अणुत्तरविमाणा णं एक्कारस जोयणसयाई उड्ढे उच्चत्तेणं / 201. (अ) भगवन् ! सौधर्म और ईशान कल्प में विमानपृथ्वी कितनी मोटी है ? गौतम ! सत्ताईससी योजन मोटी है। इसी प्रकार सबकी प्रश्न पृच्छा करनी चाहिए। सनत्कुमार और माहेन्द्र 1. धणोदहिपइट्ठाणा सुरभवणा दोसु कप्पेसु / तिसु बायपइट्ठाणा तदुभय पइट्टिया तिसु / / 1 / / तेण परं उवरिमगा आगासंतर-पइट्ठिया सव्वे / एस पइट्ठाण विही उड्ढं लोए विभाणाणं // 2 // Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org