Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 1.0] [जीवाजीवाभिगमसूत्र कल्पों के नाम देवों की संख्या देवी संख्या स्थिति देवी नहीं है 2,000 4,000 देवियां नहीं देवियां नहीं देवियां नहीं 12 सागरो. 7 प. 12 सागरो.६ प. 12 सागरो. 5 प. dic and do 6. लांतक आभ्य. पर्षद मध्यम पर्षद बाह्य पर्षद महाशुक आभ्य पर्षद मध्यम पर्षद बाह्य पर्षद stic 1,000 2,000 4,000 देवियां नहीं देवियां नहीं देवियां नहीं साढ़े 15 सा. 5 पल्यो. साढ़े 15 सा. 4 पल्यो. साढ़े 15 सा. 3 पल्यो. नहीं है नहीं है नहीं है 500 1,000 2,000 देवियां नहीं देवियां नहीं देवियां नहीं साढ़े 17 सा. 7 पल्यो. साढ़े 17 सा. 6 पल्यो. साढ़े 17 सा. 5 पल्यो. नहीं है नहीं है 8. सहस्त्रार आभ्य. पर्षद मध्यम पर्षद बाह्य पर्षद 9-10. मानत-प्राणत प्राभ्य. पर्षद मध्यम पर्षद बाह्य पर्षद नहीं है 250 500 1,000 देवियां नहीं देवियां नहीं देवियां नहीं 19 सा. ५पल्यो. 19 सा. 4 पल्यो. 19 सा. 3 पल्यो . नहीं है the aheate नहीं है 11-12. आरण-अच्युत प्राभ्य. पर्षद मध्यम पर्षद बाह्य पर्षद 125 250 देवियां नहीं देवियां नहीं देवियां नहीं 21 सा. ७पल्यो. 21 सा. 6 पल्यो. 21 सा. 5 पल्यो. नहीं है नहीं है नहीं है अधस्तन-वेयक मध्यम-ग्रैवेयक उपरितन-वेयक अनुत्तर विमान अहमिन्द्र होने से पर्षद नहीं हैं अहमिन्द्र होने से पर्षद नहीं हैं अहमिन्द्र होने से पर्षद नहीं हैं अहमिन्द्र होने से पर्षद नहीं हैं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org