Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 264] [जीवाजीवाभिगमसूत्र [96] (1) तिर्यकयोनिक जीवों का क्या स्वरूप है ? तिर्यक्योनिक जीव पांच प्रकार के कहे गये हैं, यथा 1. एकेन्द्रिय तिर्यकयोनिक, 2. द्वीन्द्रिय तिर्यक्योनिक, 3. त्रीन्द्रिय तिर्यकयोनिक, 4. चतुरिन्द्रिय तिर्यक्योनिक और 5. पंचेन्द्रिय तिर्यक्योनिक / एकेन्द्रिय तिर्यक्योनिक का क्या स्वरूप है ? एकेन्द्रिय तिर्यक्योनिक पांच प्रकार के हैं, यथापृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय ति. यावत् वनस्पतिकायिक तिर्यक्योनिक / पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय ति. का क्या स्वरूप है ? वे दो प्रकार के हैं, यथा--सूक्ष्म पृथ्वीकायिक ए. ति. और बादर पृथ्वीकायिक ए. ति. / सूक्ष्म पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय तिर्यक्योनिक क्या हैं ? वे दो प्रकार के हैं, यथा-पर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक ए. ति. और अपर्याप्त सूक्ष्म पृथ्वीकायिक ए. तियंचयोनिक / यह सूक्ष्मपृथ्वीकाय का वर्णन हुआ। बादर पृथ्वीकायिक क्या हैं ? वे दो प्रकार के हैं पर्याप्त बादर पृथ्वीकायिक और अपर्याप्त बादर पृथ्वीकायिक / यह बादर पृथ्वीकायिक ए. ति. का वर्णन हुआ। यह पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय तिर्यक्योनिकों का वर्णन हुआ। अपकायिक एकेन्द्रिय तिर्यक्योनिक क्या हैं ? वे दो प्रकार के हैं, इस प्रकार पृथ्वीकायिक की तरह चार भेद कहने चाहिए। वनस्पतिकायिक एके. तिर्यक्योनिक पर्यन्त ऐसे ही भेद कहने चाहिए। यह वनस्पतिकायिक एके. तिर्यक्योनिकों का कथन हुआ। 96. [2] से किं तं बेइंदिय तिरिक्खजोणिया ? बेईदिय तिरिवखजोणिया दुविहा पण्णता, तंजहापज्जत्त बेइंदिय तिरिक्खजोणिया, अपज्जत्त बेइंदिय तिरिक्खजोणिया। से तं बेइंदिय तिरिक्खजोणिया एवं जाव चारिदिया। पंचिदिय तिरिक्खनोणिया तिविहा पण्णता, तंजहाजलयर पंचिदिय ति. थलयर पंचिदिय ति. खहयर पंचिदिय तिरिक्खजोणिया। से किं तं जलयर पंचिदिय तिरिक्खजोणिया? जलयर पंचि ति० जोणिया दुविहा पणत्ता, तनहा संमुच्छिमजलयरपंचिदिय तिरिक्खजोणिया य गम्भवपकंतियजलयरपंचिदिय तिरिक्खजोणिया या से कि तं सम्मुच्छिम जलयर पंचि० ति० जोणिया ? संमुच्छिम जलयर पंचि० ति० जोणिया दुविहा पण्णता, तंजहा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org