Book Title: Agam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Rajendramuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ तृतीय प्रतिपत्ति: बाहल्य की अपेक्षा तुल्यतादि] ]221 इस प्रकार भगवान के द्वारा प्रश्नों के उत्तर दिये जाने पर श्री गौतमस्वामी भगवान् के प्रति अपनी अटूट और अनुपम श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहते हैं कि भगवन् ! आपने जो कुछ फरमाया, वह पूर्णतया वैसा ही है, सत्य है, यथार्थ है। ऐसा कह कर गौतमस्वामी भगवान् को वन्दननमस्कार करके संयम एवं तप से आत्मा को भावित करते हुए विचरते हैं / इस प्रकार जीवाजीवाभिगम की तीसरी प्रतिपत्ति का प्रथम मरक-उद्देशक समाप्त / 00 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org