________________ 252] [जीवाजीवाभिगमसूत्र 2. शर्कराप्रभा को प्रस्तट के अनुसार स्थिति जघन्य एक सागरोपम एक सागरोपम और सागरोपम - प्रस्तब उत्कृष्ट ใจ 10 // पहला प्रस्तट दूसरा " तीसरा चौथा पांचवां छठा सातवां पाठवां नौवां दसवां ग्यारहवां , 21 , २वर , २का , 3 सागरोपम पूर्ण 3. बालकाप्रभा उत्कृष्ट जघन्य 3 सागरोपम प्रथम प्रस्तट 34 सागरोपम द्वितीय , तुतीय // चतुर्थ , "पंचम , छठा " mr r xku blou oko aku ke wako aku suhu ur सप्तम , अष्टम , नवम , 7 सागरोपम पूर्ण 4. पंकप्रभा / जघन्य उत्कृष्ठ 71 सागरोपम 7 सागरोपम प्रथम प्रस्तट द्वितीय " तृतीय , चतुर्थ , पंचम , 3900 बारा-66clar 6.6K40 सप्तम , 10 सागरोपम परिपूर्ण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org