________________ 176] [जीवानीवाभिगमसूत्र तेउक्काइय एगिदिय तिजो० गपुंसका असंखेज्जगुणा, पुढविकाइय एगिविय ति० जो० गपुसका विसेसाहिया, आउक्काइय एगि० ति० जी० णपुसका विसेसाहिया, वाउक्काइय एगि० ति० जो० ण सका विसेसाहिया, वणस्सकाइय एगिदिय तिरिक्खजोणिय णपुसका अणंतगुणा / [60] (1) भगवन् इन नैरयिक नपुंसक, तिर्यक्योनिक नपुंसक और मनुष्ययोनिक नपुसकों में कौन किससे अल्प, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े मनुष्य नपुंसक, उनसे नैरयिक नपुसक असंख्यातगुण, उनसे तिर्यक्योनिक नपुसक अनन्तगुण हैं / (2) भगवन् ! इन रत्नप्रभा पृथ्वी नैरयिक नपुंसकों में यावत् अधःसप्तमपृथ्वी नरयिक नपुंसकों में कोन किससे अल्प, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं। गौतम ! सबसे थोड़े अध:सप्तमपृथ्वी के नैरयिक नपुसक, उनसे छठी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक असंख्यातगुण, यावत् दूसरी पृथ्वी के नैरयिक नपुंसक क्रमशः असंख्यात-असंख्यात गुण कहने चाहिए। उनसे इस रत्नप्रभा पृथ्वी के नैरयिक नपुसक असंख्यातगुण हैं। (3) भगवन् ! इन तिर्यक्योनिक नपुसकों में एकेन्द्रिय तिर्यक् नपुसकों में पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक एकेन्द्रिय तिर्थक्योनिक नपुसकों में, द्वीन्द्रिय, श्रीन्द्रिय, चतुरिन्द्रिय, पंचेन्द्रिय तिर्यकयोनिक नपूसकों में, जलचरों में, स्थलचरों में, खेचरों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े खेचर तिर्यक्योनिक नपुंसक, उनसे स्थलचर तिर्थक्योनिक नपुसक संख्येयगुण, उनसे जलचर तिर्यक्योनिक नपुसक संख्येयगुण, उनसे चतुरिन्द्रिय तिर्यक्योनिक नपुंसक विशेषाधिक, उनसे त्रीन्द्रिय तिर्यक्योनिक नपुसक विशेषाधिक, उनसे द्वीन्द्रिय तिर्यक्योनिक नपुसक विशेषाधिक. उनसे तेजस्काय एकेन्द्रिय तिर्यक नपुसक असंख्यातगुण, उनसे पृथ्वीकायिक एकेन्द्रिय तिर्यक् नपुसक विशेषाधिक / उनसे अप्कायिक, वायुकायिक, वनस्पतिकायिक एकेन्द्रिय तिर्यक्योनिक नपुसक अनन्तगुण हैं। (4) भगवन् ! इन मनुष्य नपुसकों में, कर्मभूमिक मनुष्य नपुसकों में, प्रकर्मभूमिक मनुष्य नपुंसकों में और अन्तर्वीपों के मनुष्य नपुसकों में कोन किससे अल्प, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org