________________ 158] [जीवाजीवाभिगमसूत्र सणकुमारकप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, ईसाणकप्पे देवपुरिसा असंखेज्जगुणा, सोहम्मे कप्पे देवपुरिसा संखेज्जगुणा, भवणवासिदेवपुरिसा असंखेज्जगुणा, खहयर तिरिक्खजोणिय पुरिसा असंखेज्जगुणा, थलयर तिरिक्खजोणिय पुरिसा संखेज्जगुणा, जलयर तिरिक्खजोणिय पुरिसा असंखेज्जगुणा, वाणमंतर देवपुरिसा संखेज्जगुणा, जोति सियंदेवपुरिसा संखेज्जगुणा / [56] स्त्रियों का जैसा अल्पबहुत्व कहा यावत् हे भगवन् ! देव पुरुषों-भवनपति, वानव्यंतर, ज्योतिष्क और वैमानिकों में कौन किससे अल्प, अधिक, तुल्य या विशेषाधिक है ? गौतम ! सबसे थोड़े वैमानिक देवपुरुष, उनसे भवनपति देवपुरुष असंख्येयगुण, उनसे वानव्यन्तर देवपुरुष असंख्येय गुण, उनसे ज्योतिष्क देवपुरुष संख्येयगुणा हैं। हे भगवन् ! इन तिर्यंचयोनिक पुरुषों-जलचर, स्थलचर और खेचर; मनुष्य पुरुषोंकर्मभूमिक, अकर्मभूमिक, अन्तर्वीपकों में; देवपुरुषों-भवनवासी, वानव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिकों-सौधर्म देवलोक यावत् सर्वार्थ सिद्ध देवपुरुषों में कौन किससे अल्प, बहुत, तुल्य या विशेषाधिक हैं ? गौतम ! सबसे थोड़े अन्तीपों के मनुष्यपुरुष, उनसे देवकुरु उत्तरकुरु अकर्मभूमिक मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण, उनसे हरिवास रम्यकवास अकर्मभूमिक मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण, उनसे हेमवत हैरण्यवत अकर्मभूमिक मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण, उनसे भरत ऐरक्तवास कर्मभूमि के मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण, उनसे पूर्वविदेह अपरविदेह कर्मभूमि मनुष्यपुरुष दोनों संख्यातगुण, उनसे अनुत्तरोपपातिक देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे उपरिम ग्रेवेयक देव पुरुष संख्यातगुण, उनसे मध्यम अवेयक देवपुरुष संख्यातगुण, उनसे अधस्तन ग्रेवेयक देवपुरुष संख्यातगुण, उनसे अच्युतकल्प के देवपुरुष संख्यातगुण, उनसे यावत् प्रानतकल्प के देवपुरुष संख्यातगुण, उनसे सहस्रारकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे महाशुक्रकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे यावत् महेन्द्रकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे सनत्कुमारकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे ईशानकल्प के देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे सौधर्मकल्प के देवपुरुष संख्यातगुण, उनसे भवनवासी देवपुरुष असंख्यातगुण, उनसे खेचर तिर्यंचयोनिक पुरुष असंख्यातगुण, उनसे स्थलचर तिर्यंचयोनिक पुरुष संखेय गुण, उनसे जलचर तिर्यंचयोनिक पुरुष असंखेयगुण, उनसे वाणव्यन्तर देवपुरुष संखेयगुण, उनसे ज्योतिषी देवपुरुष संखेयगुण हैं / विवेचन सामान्य स्त्री-प्रकरण में स्त्रियों के अल्पबहुत्व का कथन जिस प्रकार किया गया है, उसी प्रकार से सामान्य पुरुषों का अल्पबहुत्व कहना चाहिए। यहाँ पर अल्पबहुत्व का प्रकरण यावत् देवपुरुषों के अल्पबहुत्व प्रकरण से पहले पहले का गृहीत हुआ है। यहाँ पांच प्रकार से अल्प Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org