________________ 118 [जीवाजीवामिगमसूत्र से किं तं जलयरीओ? / जलयरीओ पंचविहाओ पण्णत्ताओ, तंजहामच्छीओ जाय सुसुमारोओ। से किं तं थलयरीमो?:: यलयरोसो दुविहाओ पण्णत्ताओ, तंजहाचउप्पदीओ य परिसप्पोमोय / से कि तं चउप्पदीओ? चउप्पदीओ पाउविबहाओ पण्णताओ, संजहाएगखुरीओ आव सणएफईओ। से किं तं परिसप्पीओ? परिसप्पीओ दुविहाओ पण्णताओ, तंजहा! उरपरिसप्पीओ य भुजपरिसप्पोमोय : से कि तं उरपरिसप्पीओ? उरपरिसप्पीनो तिविहाओ पण्णत्तामो, तंजहा१. अहीओ, 2. अयगरीओ, 3. महोरगोओ। सेतं उरपरिसप्पोप्रो / से कि तं भयपरिसप्पीओ? भयपरिसप्पीओ अणेगविहाओ पण्णताओ, तंजहा गोहीओ, णउलीओ, सेवाओ, सेलीओ सरडीओ, सेरंषीमो',ससामओ, खारामओ, पंचलोइयाओ, बउप्पइयाओ, मूसियाओ, मंगुसियाओ, घरोलियाओ, गोल्हियाम्रो, जोहियाओ, विरसिरालियामो, से तं भयपरिसप्पीओ। से कि तं खयरीओ? खहयरीओ चउविवहाम्रो पण्णताओ, तंजहाचम्मपक्खिणीओ जाव विययपविखणीओ, से तं खहयरीओ, से तं तिरिक्खजोणियानो। [45] स्त्रियाँ कितने प्रकार की हैं ? स्त्रियाँ तीन प्रकार की कही गई हैं, यथा-१ तियंचयोनिकस्त्रियां, 2 मनुष्यस्त्रियां और 3 देवस्त्रियां। तियंचयोनिक स्त्रियां कितने प्रकार की हैं ? 1. यहां अनेक वाचना-भेद दृष्टिगोचर होते हैं। प्रागमोदय समिति से प्रकाशित प्रति में 'सरडीनो सेरंधियो गोहीमो पउलीयो सेधाप्रो सणासो सरडीमो सेरंधीनो, भावाप्रो खारामो . पवण्णइयामो चउप्पइयाओ मूसियानो....इस प्रकार पाठ दिया गया है। कई वाचनाओं में गोहीमो जाव विरचिरालिया' पाठ है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org