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सुदर्शिनी टीका अ० १ सू० १३ चतुरिन्द्रियादिनां हिंसाप्रयोजननिरूपणम् ५९ णाममन्दबुद्धिजनाः तै मिथ्यात्वोदयेन 'दुर्विज्ञेया' 'एते हीनदीनाः पाणिनो रक्षणीयाः, इति ज्ञातुमशक्यास्तान , 'पुढविमए' पृथिवीमयान् पृथिवीकायिकान् , 'पुढवि संसिए' पृथिवीसंश्रितान अलसमभृति द्वीन्द्रियान् 'जलमए' जलमयान्अप्कायिकान् 'जलगए' जलगतान् पूतरकादि त्रसान् , अणलाणिलतणवणस्सइ गणनिस्सिए य ' अनलाऽनिलतृणवनस्पतिगणनिश्रितांश्च=अनला=अग्निः, अनिलो = वायुः, तृणानि = दर्भादीनि वनस्पतया बनस्पतिकायभेदा अग्रवीजादयः,तणं वनस्पतिकायिकमेव पुर्वनस्पतिग्रहणं स्वगत सूक्ष्मादिसकलभेदख्यापनार्थम् , तेषां गणः-समूहस्तस्य निश्रितान् अनलाद्याश्रितान् च शब्दात्-तेजस्कायिकादींश्च, तथा-'तम्मयतज्जीए ' तन्मय तज्जीवान् तत्र तन्मयान् पृथिवी कायिकादीन् भोगना पड़ता है, इस तरह के ज्ञान के अभाव वाले मंदबुद्धि हैं, उन जनों द्वारा मिथ्यात्व के उदय से “ये हीन दीन प्राणी रक्षा करने योग्य हैं हिंसा करने योग्य नहीं है" यह बात जानी नहीं जा सकती है इसलिये ऐसे प्राणियों द्वारा ये जीव नहीं जाने जा सकते अतः ये अज्ञानी जीव ( पुढविमए ) पृथ्वीकायिक जीवों को तथा ( पुढविसंसिए पृथिवी के आश्रय रहे हुए अलस आदि द्वीन्द्रिय जीवों को इसी तरह ( जलमए) जल कायिक जीवों को तथा ( जलगए ) जलकायिक जीवों के सहारे रहे हुए पूतरकादि त्रस जीवों को, तथा (अणलाणिलतण वणस्सइगणनिस्सिए) अग्निकायिक जीवों को और अग्निकाय के सहारे रहे हुए उस जीवों को और वायुकायिक जीवों के सहारे रहे हुए बस जीवों को, तृणरूपवनस्पतिकायिक जीवों को, एवं वनस्पतिकाय के भेद प्रभेदों के सहारे रहे हुए त्रस जीवों को भी मारते है। यही बात “ तम्मथतज्जीवए" આ પ્રકારના જ્ઞાન વિનાના જી મંદબુદ્ધિ છે. તે લેકે દ્વારા મિથ્યાત્વના ઉદયથી “આ હીન દીન પ્રાણુઓ રક્ષા કરવાને ચગ્ય છે હિંસાને ચોગ્ય નથી.” એ વાત પણ સમજી શકાતી નથી. તે કારણે એવા જ દ્વારા તે જેને भी शाता नथी, तेथी ते अज्ञानी " पुढविमए" पृथ्वीय वानी तथा “पुढविसंसिए" पृथ्वीन माश्रये २२८ मसियां माहीन्द्रिय वानी, मे प्रमाणे " जलमए" oratis वोनी तथा “जलगए" साथि:
वोने याश्रये २९१ पूत२४।६ सयानी, तथा “ अणलाणिल तणवणस्सइगण निस्सिए " ममि योगी 43 ममियने माश्रये उस यानी, વાયુકાય જેની અને તેમને આશ્રયે રહેલ ત્રસ જીની, તૃણરૂપ વનસ્પતિકાય જીની અને વનસ્પતિકાયના ભેદ પ્રભેદના આશ્રયે રહેલ ત્રસજીની હિંસા १२ छ. मे १ पात " तम्मय तज्जीवए" त्या यह दास हवामा भार
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