________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
प्रश्नव्याकरणसूत्रे तथा-' सुयधरविदितत्थकायबुद्धिणो' भूतधरविदितार्थकायबुद्धयः श्रुतधराःश्रुतज्ञानिनस्तैत्रिदितो ज्ञातोऽर्थकः यः तत्त्वज्ञानराशिः श्रुतसमूहो यया सा श्रुतधरविदितार्थकाया, तादृशी बुद्धियेषां ते तथोक्ताः, तथा- धीरमइबुद्धिणो रहता है-उस आसन को लगडासन कहते हैं। इस आसन से जो मुनि शयन करते हैं वे लगंडशायी मुनि हैं । सोते समय जो एक ही करयट से सोते हैं-करवट नहीं बदलते है-ऐसे मुनि एक पाश्चिक हैं। जो साधुजन, शीत, उष्ण आदि की आतापना लेते हैं वे आताप मुनि हैं। हेमन्त ऋतु में जो प्रावरण से रहित होते हैं वे अप्रावृत मुनि हैं। जो मुनि अपने मुख के लेष्मा के अपरिष्ठापक होते हैं वे अनिष्ठीवकमुनि हैं । जो मुनि शरीर में खुजली चलने पर भी उसे नहीं खुजाते हैं वे मुनि अकण्डूयक है । तथा जो अपने केशों का मूछ दाढी आदि के बालों का-तथा नखों का संस्कार नहीं करते हैं-जैसे हैं वैसा ही उन्हें रखे रहते हैं ऐसे मुनि धृतकेशश्मश्रुलोमनखवाले कहलाते हैं यह जिन कल्पिक मुनियोंका तथा जो मुनि अपने समस्त शरीर का संस्कार नहीं करते हैं वे मुनि सर्व, गात्रप्रतिकर्मविमुक्त हैं । तथा ( सुयधरविदियत्थकायबुद्धिणो ) श्रुतज्ञानियों द्वारा तत्त्वज्ञानराशिरूप श्रुतसमूह जिसके प्रभाव से विदित होता है ऐसा जिन्हों की बुद्धि है तथा (धीरमहबुद्धिणो) अवग्रहादिरूपमति ભાગ જમીનથી અદ્ધર રહે છે, તે આસનને લગુડાસન કહે છે. તે આસને જે મુનિ શયન કરે છે તેમને ઢાંકરાચી મુનિ કહે કહે છે. સૂતી વખતે જે मे ५४थे शयन रे छे-५४४३२वता नथी-तेवा भुनिय! एकपार्श्विक ४९. पाय छे. २ मुनिजना शीत, सभी माहिनी मातापना से छे तेमने आतोજ મુનિ કહે છે, હેમન્ત તુમાં જે પ્રાવરણથી રહિત હોય છે. તેમને अप्रावृत्त भुनि छ. रे मुनि पोताना भुपना दोभाना અપરિડાયક હોય છે તેમને નિઃ8ીવ કહે છે જે મુનિ શરીરમાં ખુજલી શળ આવવા છતાં પણ તેને ખજવાળતા નથી તેમને અwદૂચ મુનિ કહે છે. જે મુનિ પોતાના કેશના-મૂંછ, દાઢી આદિના વાળના તથા નખના સંસ્કાર (છેદન) કરતા નથી, જેવા હોય તેવા જ તેને રહેવા દે છે, એવા મુનિઓને धृतकेशश्मश्रुलोमनखा है. तथा मुनि पोताना मस्त शरीरन २४२ ४२॥ नथी ते भुनियाने सर्वगोत्रप्रतिकर्मविमुक्त तथा “ सुयधर विदियस्थकायबुद्धिणो" श्रुतज्ञानी व तत्वज्ञानराशि श्रुतसभूना प्रसाथा विहित पाय छे सेवा भनी भुद्धि तथा “ धीरमइबुद्धिणो" भनी
For Private And Personal Use Only