Book Title: Prashnavyakaran Sutram
Author(s): Kanhaiyalalji Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti

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Page 941
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ८९२ प्रश्नव्याकरणसूत्रे गीयवाइयाइं ' वरमुरजमृदङ्गपणवदर्दुरकच्छपी वीणाविपञ्चीवल्लकी बद्धीशकसुघोषनन्दोमुस्वरपरिवादीनीवंशतूणकपर्वजतन्त्रीतलतालत्रुटितनिघोषगीतवादितानि , तत्र-वरमुरजाः श्रेष्ठमृदङ्गाः, मृदङ्गाः-प्रसिद्धाः, पणवा: लघुपटहाः, ददुराः चर्मावनद्धमुखाः कलशाः कच्छपी-कच्छपाकारी वाद्यविशेषः, वीणाविपश्चीवल्लक्य ए. तास्तिस्रो वीणाभेदाः, बद्धीशकं वायविशेषः, सुघोषा घण्टाविशेषः, नन्दिा द्वादशतूर्यसमुदायः, द्वादशविधतूर्यागि यथा "भंभा १ मुकुंद २ मद्दल ३ कडंब ४ झल्लरि ५ हुडुक ६ कंसाला ७ । कलह ८ तलिमा ९ वसो १० संखो ११ पणवो १२यवारसमो ॥११॥” इति । सुस्वरपरिवादिनी-वीणाविशेषः, वंशः वेणुः, तूणको वोद्यविशेषः, पर्वजोवंशपर्वनिर्मितो वाद्यविशेषः, तन्त्री-वीणाविशेषः, तालहस्ताः, ताला:-कांसिकाः, पव्वयततीतल-ताल-तुडिय निग्योसगीयवाइयाई) वरमुर जउत्तम एक जात का मृदंग, मृदंग-सामान्य मृदंग, पणव-छोटाढोल, दर्दुर चमडे से मडे हुए मुखवाले कलश, कच्छपी-कच्छपाकार वाद्यविशेष, वीणा, विपश्वी, वल्लकी-ये तीनों वीणा के ही भेद हैं, बद्धीशक-वाद्यविशेष, सुघोषा-एक प्रकार का वाद्यविशेष घंट, नन्दि-बारह प्रकार के बोजों का समूह वे इस प्रकार है-भंभा १, मुकुंद २, मईल ३, कडंब ४; झालर ५, हुडक ६, कंसाल ७, कलह ८, तलिमा ९, वस १०, शंख ११, पणव १२, सुस्वरपरिवादिनि एक विशेष प्रकार की बीणा वंश-बांसुरी, तृणक-एक प्रकार का वाद्यविशेष जिसे हिन्दी भाषा में रमतूला कहते हैं, पर्वज-वंश के पर्यों से निर्मित किया हुआ एक प्रकार का विशेष वाद्य, तन्त्री-वीणा विशेष-जिसे हिन्दिी में सारंगी कहते हैं, तल-परिवादिाण-वंसतूणक-पव्यय-तंतीतलताल-तुडिय-निग्घोस गोय वाइयोइ” १२ भु२०४- तनी उत्तम भृग, भू-सामान्य भृह, ५-नाना दास, દ૬-ચામડાથી મઢેલ મુખવાળે કળશ, કચ્છપી-કાચબાના આકારનું એક વાજિંત્ર, વણ, વિપંચી, વલ્લક-એ ત્રણે વીણાના પ્રકાર છે, બદ્ધશક-એક પ્રકારનું વાદ્ય, સુષા-એક પ્રકારને ખાસ ઘંટ, નન્ટિ-બાર પ્રકારના વાજિ. त्रानो समूड ते मा प्रमाणे छ-(१) मा (२) मु४, (3) Ha, (४) ४, (५) आ१२, (१) ४४, (७) ४साद, (८) ४, (८) तामा, (१०) १स. (११) शम, सने (१२) ५५१. सुस्१२ परिवाहिनी-मारनी વીણા, વંશ-બંસરી, તુણક-એક પ્રકારનું ખાસ વાદ્ય જેને હિંદી ભાષામાં રમતુલા કહે છે, પર્વજ-વાંસમાંથી બનાવેલ એક પ્રકારનું ખાસ વાદ્ય, તત્રીसारी, तह-७.५, तास-भ७२, Aथ तसतात-डायाथी ५ती asl, For Private And Personal Use Only

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