Book Title: Prashnavyakaran Sutram
Author(s): Kanhaiyalalji Maharaj
Publisher: Jain Shastroddhar Samiti

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Page 942
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सुदर्शिनी टीका अ०५ सू०७ निस्पृहता' नामकप्रथमभावनानिरूपणम् ८५३ अथवा-तलतालाः हस्ततालाः, त्रुटितवाद्यविशेषः, एषां यो निर्घोषो निनादः, तथा-गीत-गानम् , वादितं-सामान्यवाद्यम् , एषां द्वन्द्वः, तानि तथोक्तानि, तथा ‘णडणदृगजल्लमल्लमुढिगवेलंबग-कहगपबगलासग-आइक्खगलंखमंख तूणइल्लतुंबवीणियतालायरपकरणाणि य' नटनर्तकजल्लमल्लमौष्टिकविडम्बक-कथक लवकलासकाख्यायकलङ्घमणिकतुम्बवीणिक तालाचरप्रकरणानि च, नत्र-नटाः नाटयकारिणः, नर्तकाः नृत्यकारिणः, जल्ला=चर्मरज्जूमवलम्ब्य क्रीडाकारकाः, मल्ला=मल्लयुद्धकोरिणः, मौष्टिका मुष्टियुद्धकारकाः, विडम्बका विदूषकाः, कथकाः= कत्थक' इतिप्रसिद्धा गान्धर्वविद्याविशारदाः, प्लवका कूर्दनकारिणः, लासका 'लास्य' इति नाटक विशेषकारिणः, अख्यायकाःकथाकारकाः, लङ्काः महावंशाग्रभागमधिरुह्य क्रीडाकारिणः, मङ्खा-चित्रफलकहस्ताः क्रीडकाः, हाथ, ताल-कसिका-झांजे, अथवा तलताल-हाथों की ताल, त्रुटितवाद्यविशेष, ईन सब के निर्घोषों-शब्दों को तथा गीतों को एवं सामान्य वाजों की आवाजों को तथा ( नड़-नगजल्लमल्ल-मुहिग-वेलंबगकहगपवगलासग-आइक्खग-लंखमंखतूणइल्ल तुंबवीणियतालायर पकरणाणि ) नट-नाटक करने वाले नटों के, नर्तकों-नृत्य करने वालों के, जल्ल चर्म रज्जू का अवलम्बन कर के क्रीडा करने वालों के, मल्लमल्ल युद्ध करने वालों के, मौष्टिक-मुष्टि से युद्ध करने वालों के, विड़म्षक-विदूषकों के, कथन-गांधर्वविद्या :विशारदों के, प्लवक-उछलकूद करने वाले मनुष्यों के, लासक-लास्य नामकनाटक विशेष को करने वालों के, आख्यायक-कथा कहने वालों के, लड-बड़े २ वंश के अग्रभाग पर चढ़कर विविध प्रकार के खेल करने वालों के, मंख चित्र फलकों को हाथ में लेकर खेल तमासा करने वालों के तूणिक-तूण ત્રુટિત-એક જાતનું વાઘ, એ બધાના અવાજને તથા તેને તથા સામાન્ય पारिजाना माने तथा " नडनहगजल्लमल्लमुद्विगवेल बगकहगपवगलासग आइक्खग-लंखमंखतूण-इल्लतुंचवीणिय-तालायरपकरणाणि " नट-!es 3 २नार નટના, નર્તક-નૃત્યકરનારના, જલ્લ–ચામડાની દોરી પર કીડા કરનારના, મલ્લમલ્લયુદ્ધ કરનારના, મૌષ્ટિક-મુષ્ટિયુદ્ધ કરનારના, વિડમ્બક-વિષકના, કથકગાંધર્વવિદ્યા વિશારદન, વક-કૂદકા ભરનાર માણસોનાં, લસક-લાસ્યનામના એક ખાસ પ્રકારનાં નાટક કરનારના, આખ્યાયક કથા કરનારના, લંખ ઉંચા ઉંચા વાંસની ટોચે ચડીને વિવિધ પ્રકારના ખેલ કરનારના, મંખ-ચિત્રનાં કુલકે હાથમાં લઈને બેલ તમાસા કરનારના, તૂણિક-તૂનામનું વાજિંત્ર વગા For Private And Personal Use Only

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