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प्रश्नव्याकरणसूत्रे सत्येन च ' तत्ततेल्लतउलोहसीसगाई' :तप्ततैलत्रपुलौहशोशकानि, तैलं प्रसिद्धम् अपुरङ्गम् , लौहम् अयं, शीशकं प्रसिद्धम् , तप्तानि-उत्कलित्तानि यानि तैलअपुलौहशीशकानि तानि तथोक्तानि छिवंति ' स्पृशन्ति, 'धरेति' धारयन्ति हस्ते किन्तु तेन ' न डझंति ' न दह्यन्ते । तथा- 'सच्चेण परिग्गहिया' सत्येन परिगृहिता मनुष्याः, : पव्ययकड गाहिं' पर्वतकट केभ्यः पर्वतपदेशेभ्यः 'मुच्चंते' मुच्यन्ते पात्यन्ते, तथापि ' न य मरंति' न च म्रियन्ते । तथा- सच्चाई' सत्यवादिनः 'असिपंजरगया वि' असिपञ्जरगता अपि-चतुर्दिक्षु खङ्गहस्तशत्रुपुरुषपरिवेष्टिता अपि सर्वतः खगषु पतत्स्वपीत्यर्थः; 'अणहाय य ' अनधा एवअक्षतशरीराएव 'समराओ ' समरात , 'णियंति' निर्यान्ति-निर्गच्छन्ति। तथा 'सच्चवाई ' सत्यवादिनः पुरुषाः ‘वहबंधाभिभोगवेरघोयेहि वधबन्धाभियोग नहीं है। (सच्चेण य मणुम्मा तत्तनेल्लतउलोहसीसगाई) सत्य से मनुष्य तप्त उबलते हुए तैल को, पिवले हुए रोगे को, लाल हुए लोहे को गले हुए शीशे को (छि ति) छू लेते हैं, अर्थात्-शीतल करता है(धरेंति) उन्हें हाथमें ले लेता है, परन्तु (न डझंति ) ये उनसे जलते नहीं हैं। (पव्ययकड. गाहिं मुच्चते न य मरंति सच्चेणं परिग्गहिया ) सत्यवादी मनुष्य को यदि पर्वत के ऊपर से भी नीचे धकेल दिया जावे तो भी वह सत्य के प्रभाव से मरता नहीं है-सर्वथा पच जाता है। इसी तरह जो (सच्चबाई ) सत्यवादी मनुष्य होते हैं वे (असिपंजरगया) चारों ओर से युद्ध में तलवारों को लिये हुए अपने शत्रुओं द्वारा धेर भी लिये जावें तो भी वे ( अणहाय ) अक्षत शरीर ही (णिइंति ) चाहे कितनी ही सलवारों के बार उन पर पड़ रहे हों, और वे उस युद्धभूमि में सुरक्षित निकल आते हैं। और (वहबंधाभिओगवेरघोरेहिं पमुचंति य ) भास पणती नथी. " सच्चेण य मणुस्सा तत्ततेलतउलोहसीसगाई" सत्यथी માણસ ઉકળતા તેલને, લાલચોળ લેઢાને અને ઓગાળેલ સીસાને પણ સ્પર્શ ४३ श छ. “धरेति” भने डायमा सो छ ५५ " न डझति" ते तेनाथी हाता नथी. "पव्वयकडगाहिं मुच्चंते न य मरति सच्चेण परिग्गहिया" સત્યવાદી મનુષ્યને જે પર્વતના ઉપરથી નીચે ધકેલી દેવામાં આવે તે પણ સત્યના પ્રભાવથી મરતે નથી–તેને વાળ પણ વાંકો થઈ શકતું નથી. मा शत “ सच्चवाई " सत्यवाही मनुष्य। डाय छ “ असिपंजरगया" युद्धमा ચોમેરથી હાથમાં તલવાર ધારણ કરેલ શત્રએ વડે ઘેરાઈ જાય તે પણ '. अणहाय" मक्षत २०१३ १४ णिति" मे तरक्षी तसवाना ॥ तेना પર પડવા છતાં પણ તે રણમેદાનમાંથી સુરક્ષિત બહાર આવે છે. અને તે
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