________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
-
३०४
प्रश्नव्याकरणसूत्रे भ्रमरगुञ्जितमिव गुञ्जितं तथा निर्घान्तः व्यन्तरकृतो महाध्वनिः गुरुकनिपवित=विशुद्विशेषादि संपातेन च जायमानोध्वनिः सुदीर्घः अत्यथै निहादीप्रतिध्वनियुक्तो निर्घोषः दूरश्रूयमाणः अतिदूरदेशादपि भूयमाणः गम्भीरो धुगू धुगिति शब्दश्च यत्र स तथा तं 'पडिपहरुंभंत-जनवरक्खस कुहंड-पिसायरुसिय - तज्जायउवसग्गसहस्ससंकुलं । प्रतिपथरुन्धानयक्षराक्षसकूष्माण्ड पिशाचरुष्टतज्जातोपसर्गसहस्रसंकुलं = तत्र प्रतिपथं प्रतिमार्ग रुन्धानाः पथिकानां मार्गावरोधं कुर्वाणा ये यक्षाः राक्षसाः कूष्माण्डाः पिशाचाश्च सर्व व्यन्तरविशेषास्ते च ते रुष्टाः रोषयुक्ता स्तै जर्जातानि यान्युपसर्गसहस्राणि-उपद्रवसह स्राणि तैः संकुला व्याप्तो यः स तथा तं ' बहूपाइयभूयं ' बहोत्पातिकभूतंबहून्यौत्पातिकानि-उत्पातभवानि दुःखानि भूतानि यत्र स तथा तं ' विरइय होता है। तथा (विउलगज्जिय गुंजिय) जिसका मेघ की तरह विशाल गर्जित एवं भ्रमरों के जैसा विशाल गुंजित, (निग्याय) निर्घात-व्यन्तरों की ध्वनि, तथा ( गरुयनिवडिय) विजली आदि का जो इसमें गिरना होता है उस समय निला हुआ जो अत्यन्त निहींदी प्रतिध्वनि युक्त विशेष निर्घोष ( दूरसुच्चंत ) दूर से सुनाई देने वाले (गंभीर ) गम्भीर ( धुगधुगंति ) ' धुग युग' ऐसा शब्द, ये (सई) शब्द हैं जिसमें, तथा (पडिपहरुभंत-जक्ख-रक्खस-कुहंङ-पिसायरुसिय-तजायउवसग्गसहस्ससंकुलं ) जो रुष्ट होकर पथिको के मार्ग का अवरोध करने वाले यक्ष, राक्षस, कूष्माण्ड ( व्यन्तरविशेषदेव ) एवं पिशाचों के हजारों उपसर्गों से सदा व्याप्त रहता है ( बहूप्पाइय भूयं ) तथा जिसमें जीवों को अनेक उत्पातजन्य दुःखों का साम्हना तथा “ विउलगज्जियगुंजिय" २ भेधन वा मोटी ना ४२ छ भने प्रभारी वा विशm Y२५ ४२ छ, “निग्याय" निर्धातव्यन्तशनी भापनि तथा “गरुयनिवडिय" पीणी माहितमा ५ त्यारे तमाथी नीत! निहींदी-प्रतिध्वनि युत निषि, “ दूरसुच्चंत ” २थी सन जातो " गंभीर " मी२ " धुगधुगंति " " धुर धु" वो मावा२८, मा " सई" शोभा समय छे तथा “ पडिपहरुभंत-जक्ख-रक्खस-कुहंड -पिसाय-रुसिय-तज्जाय उवसगसहस्ससंकुलं ” २ २८ ने भुसाना માર્ગને અવરોધ કરનારા યક્ષ, રાક્ષસ, કુષ્માંડ, (વ્યન્તર વિશેષ દેવ) અને पिशयाना ७०१२S५साथी सहा व्यास २९ छ, “ बहूप्पाइयभूयं " तथा
मा ७वाने माने त्यात न्य मान सामन। ४२३॥ ५ छ, “ विरइय
For Private And Personal Use Only