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सुदर्शिनी टीका अ० ४ सू० १० युगलिकस्वरूपनिरूपणम् सुजाता=सुन्दरः पीनः पुष्टश्च कुक्षिः-उदरैकदेशो येषां ते तथा । तथा 'झपोयरा' झपोदराः-झपस्योदरवदुदरं येषां ते तथा कृशोदरा इत्यर्थः, पम्हरियडणाभी' पद्मविकटनाभयः पद्मवत् कमलकोषवत् विकटा-मुन्दरा नाभि येषां ते तथा, 'संनयपासा' सन्नतपार्थाः पुष्टत्वादधो नमत्पार्श्वभागाः 'संगयपासा' सङ्गतपार्थाः मुमिलितपार्श्वभागाः, अतएव 'सुंदरपासा' सुन्दरपार्थाः 'सुनायपासा' मुजातपार्थाः = सुसंस्थितपाचीः ‘मियमाश्यपीणरइयपासा' मितमात्रिकपीतरतिदपार्था:-मितौ-मानोपेतौ, मात्रिको = मात्रायुक्तौ-परिमाणसंपन्नौ पीनौसुपुष्टौ रतिदौ = रमणीयौ पार्श्वभागौ येषां ते तथा 'अकरंडुयकणगरुयगनिम्मलसुजायनिरुवहयदेहधारी ' अकरण्डुकनकरुचकनिमलसुजातनिरुप - हतदेहधारिणः = तत्र अकरण्डुकं = पुष्टत्वादनुपलक्ष्यपृष्ठपार्थाद्यस्थिकं तथा कनकरुचकनिमलं, कनकरुचकं सुवर्णाभरणं तद्वत् निर्मल सुजातं शोभनं निरुपहतं चम्नीरोगं देहं शरीरं धारयन्ति ये ते तथा । तथा · कणगसिलातलपसत्थसम की कुक्षि के समान सुन्दर और पुष्ट होती है। तथा (झसोयरा) जिनका उदर मत्स्य के उदर के समान कृश होता है । तथा ( पम्हवियडणाभी ) जिनकी नाभि कमल के कोष की तरह गंभीर होती है । तथा (संनयपासा ) पुष्ट होने के कारण जिनके दोनों पार्श्वभाग नीचे की
ओर झुके रहते हैं इसीलिये (संगयपासा) जो परस्परमें मिले हुए जैसे प्रतीत होते हैं और बड़े सुहावने लगते हैं तथा (सुजायपासा) जिनके दोनों पोश्र्व भागोंका आकार भी बडा सुहावना लगता है, तथा (मियमाइय पीणरइय पासा ) वे दोनों पार्श्वभाग मान और प्रमाणसे युक्त और पीन पुष्ट होते हैं तथा रमणी होते हैं । तथा(अकरंड-कण-गरुयग-निम्मल सुजाय -निरुवहय-देहधारी) पुष्ट होने के कारण जिनकी रीढको और पार्श्वभाग की अस्थियां दिखलाई नहीं देती हैं, तथा जो सुवर्णाभरण के ભાગ) મત્સ્ય તથા પક્ષીની કુક્ષિ સમાન સુંદર અને પુષ્ટ હોય છે. તથા " झसोयरा” भनु ६२ मत्स्यना १२ समान श य छे. तथा “ पम्हवियडणाभी" भनी नालि मानवी समीर हाय छ, नश! “सनयपासा" पुष्ट डावाने रेमना मन्ने पाय ला नीयनी मामे अदा २ छ, भने तेथी "संगयपासा" मापसभा भजी गया हय मेवा लागेछ तथा घ! सु४२ सागे छ. तथा “ सुजायपासा" तेमनाने लामो ५७मान। मा.२ ५४ घो। सुद२ वा छ, तथा “मियमाइयपीनरइ-पासा" ते मन પર્ધભાગે પ્રમાણ અને માનથી યુક્ત-પ્રમાણસરનાં, અને પીન-પુષ્ટ અને २मणीय य छे. " अकरंडु-कण गरुयग निम्मल--सुजाय--निरुवय- देहधारी" શરીર પુષ્ટ હેવાને કારણે જેમની કરેડ તથા પાસળીનાં હાડકાં દેખાતાં નથી
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