Book Title: Bhadrabahu Sanhita Part 2
Author(s): Bhadrabahuswami, Kunthusagar Maharaj
Publisher: Digambar Jain Kunthu Vijay Granthamala Samiti
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ग्रहयुद्ध के समय होने वाले ग्रह वर्णों के अनुसार फलादेश युद्ध करने वाले ग्रह के वर्ण के अनुसार फल ग्रहों द्वारा परस्पर युद्ध का वर्णन रोहिणी नक्षत्र के घातित होने का फल ग्रहों की वात, पित्तादि प्रकृतियों का विचार ग्रहों के नक्षत्रों का कथन ग्रहयुद्ध के भेद और उनका स्वरूप ग्रहयुद्ध के अनुसार देश, विदेश का फल ज्ञात करना पच्चीसवाँ अध्याय ग्रह निमित्त की आवश्यकता पर जोर ग्रहों की आकृति, वर्ण तथा विभिन्न प्रकार के चिह्नों द्वारा तेजी मंदी का विचार शुक्र और चन्द्रमा के नक्षत्रों द्वारा तेजी मन्दी का विचार नक्षत्रों का सम्बन्धानुसार विभिन्न ग्रहों द्वारा तेजी मन्दी का विचार चन्द्रमा की आरोहण स्थिति का फल राहु, केतु, चन्द्रमा, शुक्र और मंगल के उत्तर से उत्तर द्वार के सेवन करने का फल चन्द्रमा की विशेष स्थिति द्वारा सोना, चौंदी आदि की तेजी-मन्दी को जानने की प्रक्रिया कमजोर ग्रहों के गमन का फल चन्द्रमा की विभिन्न कांति, उदय, अस्त द्वारा तेजी मन्दी का विचार नक्षत्रों के सम्बन्ध से ग्रहों की विशेष स्थिति द्वारा फलादेश द्वादश पूर्णमासियों का विचार भौमग्रह की स्थिति के अनुसार तेजी मन्दी का विचार बुध ग्रह की स्थिति के अनुसार तेजी मन्दी विचार गुरुग्रह की स्थिति का फलादेश शुक्र की स्थिति का फलादेश
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