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आटा
आटा - (पु० ) 1 पिसा हुआ गेहूँ, जौ, मकई आदि का चूर्ण, पिसान। दाल (पु० ) 1 आटा और दाल 2 घर का सामान; ~ गीला होना कठिनाई में और भी संकट पैदा होना; माटी होना बर्बाद होना; आटे की आपा भोली भाली औरत; आटे के साथ घुन पीसना बड़े आदमी के साथ छोटे को भी हानि पहुंचाना, आटे और दाल का भाव मालूम होना 1 असलियत का पता चलना 2 करनी का फल मिलना; आटे दाल की फ़िक्र घर-गृहस्थी की चिंता; आटे दाल के फेर में रह जाना रोज़ी-रोटी के चक्कर में पड़े रहना आटोग्राफ़-अं० (स्त्री०) स्वाक्षर, हस्ताक्षर आटोपसं० (पु० ) 1 फूलना 2 घमंड 3 आडंबर 4 पेट में गुड़गुड़ाहट होना
आटोमैटिक-अं० स्वचालित
आठ - I (पु०) आठ की संख्या II (वि०) सात और एक, चार का दूना। ~ अठारह होना 1 तितर बितर होना 2 हैरान होना; ~ आठ आंसू रोना अत्यधिक विलाप करना; पहर हर वक़्त पहर चौसठ घड़ी प्रतिपल हर समय; आठों जामे से बाहर रहना हर वक़्त गुस्से में रहना, आठों गाँठ कुम्मैत 1 वह घोड़ा जिसके सभी अंग दुरुस्त हों और रंग कुम्मैत हो 2 दुष्ट 3 चालाक; आठों पहर हर समय; आठों सूली पर रहना हमेशा कष्ट में रहना आठें, आठै, आठों - (स्त्री०) अष्टमी तिथि
आडंबर - सं० (पु० ) 1 दिखावा 2 अनावश्यक या दिखाऊ आयोजन 3 बादलों का गर्जन 4 हाथी का चिंघाड़ना 5 युद्ध का डंका बजना 6 शोरगुल, कोलाहल 7 गर्व। पूर्ण, मय (वि०) आडंबर से युक्त आडंबरी-सं० (वि०) आडंबर करनेवाला
आड़ - I (स्त्री०) 1 ओट, परदा 2 बचाव, आश्रय 3 रोक 4 टेक 5 आड़ा तिलक II ( पु०) फ़कीरों या पहलवानों का एक वस्त्र, लँगोटा । ~ गीर हिं० + फ़ा० (पु० ) 1 आड़ करने के लिए लगाया जानेवाला परदा या खड़ी की जानेवाली दीवार 2 खेत के किनारे की घास
आड़ना - (स० क्रि०) 1 आड़ करना 2 रोकना 3 मना करना आड़ा, आड़ा-तिरछा - I (वि०) खड़ा या सीधा का उलटा, पड़ा II (पु० ) 1 एक धारीदार कपड़ा 2 जहाज़ का लट्ठा 3 शहतीर 4 बुनाई में सूत फैलाने की लकड़ी। आड़े-तिरछे होना नाराज होकर झगडा बढ़ानेवाली बातें करना ऑडिट-अं० (पु०) लेखा-परीक्षा आडिटर - अं० (पु० ) आय-व्यय की जाँच करनेवाला आडिटोरियम-अं० (पु० ) सभाभवन, प्रेक्षागृह आड़ी - I (स्त्री०) खेल में पक्ष का साथी या खिलाड़ी II (वि०) अपने पक्ष का
आडू - (पु० ) एक खटमिट्ठा फल और उसका पेड़ आढ़ - (स्त्री०) = आड़ आढ़, आढ़क-सं० (पु० ) चार सेर का वज़न या माप आढ़की -सं० (स्त्री०) 1 अरहर 2 गोपी चंदन आढ़त - (स्त्री०) 1 दलाली, कमीशन 2 कमीशन लेकर माल बिकवाने का रोज़गार 3 वह स्थान जहाँ इस तरह का व्यवसाय होता है। दार + फ़ा० आढ़तिया, आढ़ती (पु० ) आढ़त का व्यापारी
आतिश
आठ्यंकर-सं० (वि०) धनी बनानेवाला आठ्य-सं० (वि० ) 1 धनवान 2 संपन्न 3 पर्याप्त आश्यक - सं० ( पु० ) धन, सम्पत्ति आणविक सं० (वि०) अणु संबंधी
आणि सं० (स्त्री०) 1 तलवार की धार 2 पहिये की धुरी की कील 3 सीमा 4 मर्मस्थान
आतंक - सं० (पु० ) 1 भय, डर 2 दबदबा 3 पीड़ा, दर्द 4 डंके का शब्द। कारी, वादी (वि०) 1 आतंकवाद को माननेवाला 2 आतंक फैलानेवाला; ~ युद्ध (पु०) शत्रुता के परिणामस्वरूप उत्पन्न होनेवाली वह स्थिति जिसमें दोनों पक्ष बगैर लड़े-भिड़े एक-दूसरे के मन में भय उत्पन्न करके उसे दबाने का प्रयत्न करते हों; ~वाद (पु० ) राज्य या विरोधभाव को दबाने के लिए हिंसा या भयोत्पादक उपायों का अवलंबन
आतंकित सं० (वि०) आतंक से प्रभावित, भयभीत आतंचन -सं० (पु० ) 1 दूध जमाना 2 दूध जमाने का जामन आतत-सं० (वि०) 1 फैलाया हुआ 2 खींचा हुआ 3 ताना हुआ
आततायी -सं० (पु०) दुष्ट और उपद्रवी, अत्याचारी आतति-सं० (स्त्री०) 1 फैलाव 2 तनाव
आतनन-सं० (पु० ) 1 खींचना 2 तानना आतनिक-सं० (वि०) 1 तनावयुक्त 2 जिसमें आशंका और विकलता हो
आतप - I सं० (पु० ) 1 गरमी 2 धूप II (वि०) दुःख देनेवाला । स्नान (पु० ) धूप में बैठना आतपत्र - सं० (पु० )
1 पत्तों या रेशम का बना हुआ छाता
2 राजा का छत्र
आतपी-सं० (वि०) धूपवाला आतपोदक-सं० (पु०) मृगतृष्णा
आतश - फ़ा० (स्त्री०) 1 आतिश, आग 2 अत्यधिक गर्मी 3 गुस्सा, क्रोध । जनी (स्त्री०) आग लगाना, आगज़नी; ~दान (पु० ) अंगीठी; परस्त (पु० ) अग्निपूजक, पारसी, ~बाज़ (पु० ) गोले फुलझड़ियाँ बनानेवाला; बाज़ी (स्त्री०) गोला फुलझड़ी पटाखे आदि का परकाला कठिन काम को सरलता से कर लेनेवाला आतशक - फ़ा० (पु० ) व्यभिचार से जननांग में होनेवाला रोग. सुजाक आतशी-फ़ा० (वि०) 1 आग संबंधी 2 आग से उत्पन्न
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होनेवाला 3 आग की लपट जैसा लाल । शीशा एक तरह का शीशा जिसमें सूर्य किरणों से अनि निकलती है आतिथेय - I सं० ( पु० ) 1 अतिथि का सत्कार करनेवाला
2 अतिथि को अपने यहाँ ठहरानेवाला, मेज़बान 3 अतिथि सत्कार की सामग्री II ( वि० ) 1 अतिथि योग्य 2 अतिथि संबंधी
करना
आतिश-फ़ा० (स्त्री०) = आतश
आतिथ्य -सं० (पु० ) अतिथि सत्कार, मेहमानदारी । कारी (वि०) अतिथि का स्वागत करनेवाला; विमुख (वि० ) अतिथि सत्कार की उपेक्षा करनेवाला; शील (वि०) = आतिथ्यकारी; ~सत्कार ( पु० ) अतिथि का आदर-सम्मान