________________
उजका
106
उठौवा
उजका-(पु०) पक्षियों आदि को डराने के लिए खेत में गाड़ उन-अ० (पु०) 1 आपत्ति, एतराज़ 2 हेतु, कारण 3 आक्षेप; दिया जानेवाला 'पुतला'
~ख्खाही + फ़ा० (स्त्री०)क्षमायाचना; दार + फ़ा० उजड़ना-(अ० क्रि०) 1 बस्ती नष्ट होना 2 बर्बाद होना ! (वि०) उज़ करनेवाला; दारी - फ़ा० अदालत की आज्ञा उजड़वाना-(स० क्रि०) 1 तबाह करना 2 वीरान करवाना के विरोध में दी जानेवाली दरखास्त, आपत्ति-निवेदन 3 नष्ट-भ्रष्ट करवाना
उझकना-(अ० क्रि०) 1 उचकना 2 चौंकना 3 उचककर उजड़ा-(वि०) । तबाह किया हुआ 2 वीरान किया हुआ। झाँकना पुजड़ा (वि०) बर्बाद किया हुआ
उझलना-I (स० क्रि०) उँडेलना II (अ० क्रि०) उमड़ना उजहु-(वि०) 1 गँवार असभ्य 2 उदंड 3 अक्खड़; ~पन उंटंग, उटंगा-(वि०) 1 उचित से कम लम्बाई का 2 ओछा (पु०) 1 असभ्यता 2 उदंडता 3 रूखा व्यवहार
(कपड़ा) उजबक-तुर्क० (वि०) मूर्ख, बेवकूफ़
उटक्करलैस-(वि०) अटकलपच्चू उजबेक -अ० (पु०) तातारियों की एक जाति
उटज-सं० (पु०) झोपड़ी, पर्णकुटी उजरत-अ० (स्त्री०) 1 मज़दूरी 2 पारिश्रमिक
उटड़पा, उटड़ा-(पु०) गाड़ी का अगला भाग टिकाने के लिए उजलत-अं० (स्त्री०) उतावली, जल्दबाज़ी। पसंद, जूए के नीचे लगायी जानेवाली लकड़ी .
बाज़ + फ़ा० (वि०) जल्दबाज़; बाज़ी + फ़ा० अटारी-(स्त्री०) चारा काटने के लिए कुंदा, निहटा (स्त्री०) उतावली
उट्ठी-(स्त्री०) प्रतियोगिता में हार जाना उजला-(वि०) 1 सफ़ेद 2 स्वच्छ, साफ़ 3 चमकता हुआ ॐगन-(पु०) आड़, टेक लेकर बैठनेवाली वस्तु 4 प्रकाश युक्त; ~पन (पु०) उज्जवलता; --मुँह करना उठक-बैठक-(स्त्री०) उठना-बैठना गौरव बढ़ाना 2 कलंक मिटाना; ~उजली समझ 1 निर्मल उठगाना-(स० क्रि०) 1 लुढ़कने से बचाने के लिए सहारा बुद्धि 2 स्वच्छ विचार
लगाना 2 बंद करना (किवाड़) उजागर-I (वि०) 1 प्रकट, प्रकाशित 2 दीप्तिमय 3 प्रसिद्ध उठना-(अ० क्रि०) 1ऊँचाई में बढ़ना 2 लेटे हुए का बैठना II (क्रि० वि०) प्रकट रूप से, खुलेआम
3 बैठे का खड़ा होना 4 जागना 5 मन में उपजना 6 उगना। उजाड़-I (वि०) 1 ध्वस्त, उजड़ा हुआ 2 वीरान, जनशून्य ~ बैठना उठना और बैठना । —उठ खड़ा होना चलने को II (पु०) वीरान स्थान
तैयार होना; दुनिया से उठ जाना मर जाना, चल बसना; उजाड़ना-(स० क्रि०) नष्ट, बर्बाद करना
~उठती जवानी किशोरावस्था, खिलती जवानी; उजाडू-(वि०) 1 उजाड़ने वाला 2 बर्बाद करनेवाला
~उठते-बैठते 1 हर समय 2 हर हालत में; उठना-बैठनाउजालना-(स० क्रि०) मैल साफ़ करना 2 चमकाना, दीप्त मेल-जोल; उठा-बैठी 1 हैरानी 2 उठो-बैठने की कसरत करना
उठल्लू-(वि०) 1 एक स्थान पर न रहनेवाला 2 आवारा। उजाला-I (पु०) प्रकाश, रोशनी; घर का~ कुल का दीपक, ~का चूल्हाव्यर्थ इधर-उधर घूमनेवाला बेटा; II (वि०) 1 उज्जवल 2 साफ़ उजाले का तारा भोर उठवाना-(स० क्रि०) उठाने में प्रवृत्त करना का तारा, शुक्रग्रह
उठाँगन-(पु०) 1 बड़ा आँगन 2 बड़ा सहन उजाली-I (स्त्री०) चाँदनी II (वि०) चाँदनीवाली, प्रकाशमयी उठाईगीर-हिं० + फ्रा० + हिं० (पु०) वह जो छोटी मोटी चीज़ उजास-(पु०) 1 उजाला, रोशनी 2 चमक
उठाकर चलता बने, उचक्का उजियरिया-(स्त्री०), उजियाला (पु०) = उजाला उठाईगीरी-हिं० + फ़ा० (स्त्री०) चोरी चीजें उठा ले जाना, उजुर-अं० (पु०) = उन
उचक्कापन उजेला-(वि०) - उजाला
उठाऊ-(वि०) जो उठाया जा सके (जैसे-उठाऊ चूल्हा) उज्जल-I (वि०) उज्जवल II (क्रि० वि०) धारा के प्रतिकूल | उठान-(स्त्री०) 1 उठने की क्रिया 2 बाढ़ 3 आरंभ 4 ऊँचाई उज्जासन-सं० (पु०) मारण, वध
उठाना-(स० क्रि०) 1 नीचे से ऊपर ले जाना 2 लेटे हए को उज्जीवन-सं० (पु०) 1 नया जीवन 2 फिर से पनपना3 नष्ट बैठाना 3 बैठे हए को खड़ा करना 4 जगाना 5 निकाल देना, होकर पुनः अत्तित्ववान् होना
छेड़ना 6 निर्माण करना 7 कसम खाने के लिए हाथ में लेना। उज्जीवी- (सं०) वि. पुनर्जीवन-प्राप्त
~धरना उठाना और रखना रखना कसर रखना, छोड़ उज्वल-सं० (वि०) 1 सफ़ेद 2 स्वच्छ 3 कांतिमान और सुंदर रखना; उठा ले जाना बलपूर्वक ले जाना, हरण करना
4 चमकीला, प्रकाशमान् 5 जलता हुआ। ~ता (स्त्री०) उठा-पटक-(पु०) उठाना-पटकना 1 स्वच्छता, निर्मलता 2 कांतिमयता और सुंदरता उठा-बैठी-(स्त्री०) उठना-बैठना उज्वलन-सं० (पु०) 1 चमकना 2 जलना
उठाव-(पु०) = उठान उज्वलित-सं० (वि०) 1 प्रकाशित 2 चमकाया 3 जलता उठावनी-(स्त्री०) 1 उठौनी 2 क्रिया-कर्म 3 मृतक सबंधी एक हुआ
रीति, यज्ञ उज्झटित-सं० (वि०) उलझन में पड़ा हुआ, विकल उठौआ-(वि०) जो उठाया जा सके उज्झाड़-(वि०) = उजडड्
उठोनी-(स्त्री०) 1 भार उठाने की मजदूरी 2 पेशगी, अग्रिम उज्झन-सं० (पु०) परित्याग
राशि 3 उधार लेन-देन उझित-सं० (वि०) 1 त्यागा हुआ 2 अलग किया हुआ | उठौवा-(वि०) = उठौआ