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जरई
पूर्ण स्वामित्व प्राप्त हो; खेज़ (वि०) उपजाऊ (जैसे-ज़रखेज़ ज़मीन); -खेज़ी (स्त्री०) उपजाऊपन; ~गर (पु० ) स्वर्णकार, सुनार; ~गरी (स्त्री०) स्वर्णकार का काम, सुनारी; तार (पु०) सोने-चाँदी आदि के तार; -तारी (स्त्री०) ज़री से बना हुआ बेल-बूटों का काम; ~दार (वि०) धनी, मालदार, दोज I (वि०) जिसपर ज़री का काम हुआ हो II ( पु० ) ज़र दोज़ी का काम करनेवाला; दोज़ी I (स्त्री०) 1 सलमे सितारे का काम 2 सलमे - सितारे का किया हुआ काम II ( वि०) जिसपर सलमे सितारे का काम हुआ हो; दोस्त, परस्त (वि०) 1 लोभी 2 कंजूस, पेशगी (स्त्री०) बयाना; बफ़्त (पु०) वह कपड़ा जिसपर कलाबत्तू का काम किया गया हो; ~ खपती (वि०) 1 ज़रबफ़्त संबंधी 2 जिसपर ज़रबफ़्त का काम हुआ हो; खाफ़ (पु०) ज़रबफ़्त का काम करनेवाला व्यक्ति; खाफ्री I (वि०) जरबाफ़ संबंधी II ( स्त्री०) ज़रदोजी
जरई - (स्त्री०) 1 बीज से निकलनेवाला अंकुर 2 धान, जौ का छोटा अंकुर जरगा - फ़ा० (पु० ) जिरगा जरछार - (वि०) 1 जो जलकर राख हो गया हो 2 नष्ट जरजर - (वि०) जर्जर
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जरठ - I सं० (वि०) 1 बुड्ढा, वृद्ध 2 जीर्ण 3 कठिन, कठोर 4 कर्कश 5 जर्दी लिए हुए सफ़ेद रंग का II (पु०) बुढ़ापा ज़रण - सं० (पु० ) 1 क्षीण होना 2 वृद्ध होना जरणा-सं० (स्त्री०) वृद्धावस्था
जरत्-सं० (वि०) 1 बुड्ढा, वृद्ध 2 क्षीण, पुराना ज़रद - फ़ा० (वि०) पीले रंग का
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ज़रदा - फ़ा० (पु० ) मसालेदार सुगंधित सुरती
ज़रदालू-सं० (पु०) खूबानी
ज़रदी - फ़ा० (स्त्री०) 1 पीला होने की अवस्था, पीलापन 2 अंडे में से निकलनेवाला पीला अंश
जरनल - अं० (पु०) पत्रिका जरनैल अं० (पु०) = जनरल ज़रब - अ० (स्त्री०) 1 आघात, प्रहार 2 मृदंग, तबले आदि पर दिया जानेवाला आघात, चांटी 3 कपड़े आदि पर काढ़ी गई बेल 4 गुणा
जरमन - I अं० (पु० ) जर्मनी देश का निवासी II ( स्त्री० ) जर्मनी की भाषा III (वि०) 1 जरमनी देश में रहनेवाला 2 जर्मन देश संबंधी । ~ सिलवर (पु०) जस्ते, ताँबे एवं निकिल के योग से बनाई गई चमकदार धातु जमुआ - (वि० ) ईर्ष्या, द्वेष आदि से जलनेवाला ज़रर - अ० (पु० ) 1 नुकसान, हानि 2 आघात, चोट 3 विपत्ति, संकट
जरसी - अ० (स्त्री०) गरम कुर्ती, बंडी जरा-सं० (स्त्री०) 1 बुढ़ापा, वृद्धावस्था 2 बुढ़ापे में होनेवाली
कमज़ोरी । ~ ग्रस्त (वि०) वृद्धावस्था के कारण कमज़ोर एवं शिथिल जीर्ण (वि०) जरा से जर्जर
ज़रा - I अ० (वि०) अल्प, कम II (अ०) काम, बात आदि की अल्पता, तुच्छता, सामान्यता आदि पर जोर देने हेतु प्रयोग किया जानेवाला अव्यय (जैसे-ज़रा सी बात पर नाराज़ हो
जाना, ज़रा मेरी भी अर्ज़ सुनिए) ज़राअत- (स्त्री०) खेती-बारी जरातुर-सं० (वि०) = जरा ग्रस्त, बूढ़ा ज़राफत-अ० (स्त्री०) मसखरापन जरायम- पेशा-अ० + फ़ा० (वि०) जो अनेक अपराधों के ज़रिए अपनी जीविका चलाता हो, अपराधशील जरायु -सं० (पु० ) 1 वह झिल्ली जिसमें लिपटा हुआ बच्चा माँ गर्भ से बाहर आता है, आँवल 2 गर्भाशय । ज (पु०) वह शिशु, जीव जो खेड़ी में लिपटा हुआ पैदा हो, पिंडज जराह- अ० (पु० ) = जर्राह जरित सं० (वि०) बुड्ढा
जरिमा-सं० (स्त्री०) वृद्धावस्था, बुढ़ापा
ज़रिया - अ० (पु० ) 1 साधन 2 कारण, हेतु संबंध, लगाव जरी -सं० (वि०) बुड्ढा, वृद्ध
ज़री -फ़ा० (स्त्री०) सोने के तार जिनसे कपड़ों पर बेल-बूटे बनाए जाते हैं (जैसे- इस साड़ी पर ज़री का काम है) जरीदा - I अ० (पु० ) बही, पुस्तक II (वि०) अकेला, तनहा ज़रीफ़ अं० (वि०) 1 परिहास - प्रिय 2 हंसोड़
ज़रीब - अ० (स्त्री०) 1 खेत, ज़मीन नापने की डोरी, जंजीर जो लगभग साठ गज लंबी होती है, लाठी, डंडा । कश + फ़ा० (पु० ) जरीब से ज़मीन नापनेवाला व्यक्ति; कशी + फ़ा० (स्त्री०) 1 ज़मीन नापना 2 जरीब कश का काम जरीमाना-अ० + फ़ा० (पु०) बो० ज़रीया - अ० (पु० ) ज़रिया जरीला - (वि०) 1 सोने का 2 सोने के तारों का ज़रूर - I अ० ( क्रि० वि०) अवश्य, अवश्यमेव II ( वि० ) आवश्यक, अवश्य करणीय, ज़रूरी
जुरमाना
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ज़र्दी
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ज़रूरत -अ० (स्त्री०) 1 आवश्यकता 2 प्रयोजन।
बेज़रूरत-फ्रा० + अ० (क्रि० वि०) आवश्यकता और बिना आवश्यकता के ; मंद फ़ा० (वि०) आवश्यकता रखनेवाला, मुहताज
ज़रूरियात - अ० (स्त्री०) आवश्यक क्रियाएँ, आवश्यकताएँ । ~ज़िंदगी + फ़ा० (स्त्री०) जीवनोपयोगी वस्तुएँ आदि; ~से फ़ारिग होना शौचादि से निवृत्त होना ज़रूरी -अं० (वि०) 1 आवश्यक वाजिब (जैसे- रोगी को समय से दवा देना ज़रूरी है) 2 जिसका होना पूर्णतः निश्चित हो ( जैसे - सायंकाल सूर्यास्त होना ज़रूरी है) 3 जिसे होना चाहिए (जैसे - मुज़रिम को दंड मिलना ज़रूरी है) 4 जिसे तुरंत करना पड़े (जैसे- मुझे एक ज़रूरी काम से दिल्ली जाना पड़
गया)
ज़र्दा - फ़ा० (पु० ) = जरदा ज़र्दालू-फ़ा० (पु० ) जरदालू ज़र्दी-फ़ा० (स्त्री०)
ज़रदी
ज़र्क -बर्क - अ० (वि०) चमक दमक वाला, चमकीला जर्जर - सं० (वि०) 1 जो कमज़ोर एवं बेकार हो (जैसे-जर्जर झोपड़ी, जर्जर कपड़ा) 2 जिसका महत्त्व कम हो गया हो। (जैसे - साहित्यिक परंपराओं का जर्जर हो जाना) 3 खंडित, टूटा-फूटा 4 वृद्ध, बुड्ढा जर्जरित - सं० (पु० ) जर्जर किया हुआ, जीर्ण ज़र्द - फ़ा० (वि०) पीले रंगवाला, पीला
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