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मुक्तक
मात्राओं तथा अनुप्रास आदि से अलग कविता; ता (स्त्री०) छुटकारा; ~द्वार (वि०) निर्बाध पुरुष ( पु० ) मोक्ष प्राप्त व्यक्ति; ~विचार (वि०) स्वच्छंद विचारवाला; ~ व्यापार I (पु० ) स्वतंत्र व्यापार II (वि०) संसार त्यागी; ~संग I (वि०) विषय वासना से रहित II ( पु० ) परिव्राजक हस्त (वि०) खुले हाथ दान देनेवाला मुक्तक-सं० (पु० ) 1 साहि० काव्य का वह भेद जिसमें वर्णित बातों का कोई पूर्वापर संबंध न हो (जैसे- बिहारी सतसई मुक्तक काव्य है) 2 छंद शास्त्र में कवित्त का वह प्रकार जिसमें गणों का कोई बंधन न हो (जैसे - मुक्तक छंद) । ऋण (पु०) ज़बानी बातचीत पर दिया गया ऋण मुक्ता-सं० (स्त्री०) मोती। फल (पु० ) 1 कपूर 2 मोती; ~लता (स्त्री०) मोतियों की माला
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मुक्तात्मा - सं० (वि०) 1 मोक्ष प्राप्त 2 सांसारिक बंधनों से रहित
+ अ०
मुक्ताभ-सं० (वि०) मोती की तरह चमकदार मुक्तावली - सं० (स्त्री०) मुक्तालता मुक्ति-सं० (स्त्री०) 1 मुक्त होने की अवस्था 2 मोक्ष (जैसे- सांसारिक मुक्ति) 3 दायित्व, देन आदि से छुटकारा (जैसे-कर्तव्य से मुक्ति पाना)। ~ आंदोलन (पु०) आज़ादी की लड़ाई; दाता (पु०) मुक्ति देनेवाला; दायक, ~दायी (वि०) मुक्ति प्रदान करनेवाला, मोक्ष देनेवाला; ~धाम (पु० ) 1 तीर्थस्थान 2 स्वर्ग; फ़ौज (स्त्री०) मुक्ति सेना; ~ मार्ग (पु० ) मुक्ति का रास्ता; ल्युद्ध (पु०) मुक्ति संग्राम; ~ लाभ (पु० ) मोक्ष; ~वाहिनी (स्त्री०) = - मुक्तिसेना, मुक्ति फ़ौज संग्राम (पु० ) आज़ादी की लड़ाई सेना (स्त्री०) विरक्त ईसाइयों का संगठन, ईसाई धर्म का प्रचार करनेवालों का समूह मुक्तीकरण-सं० (पु०) मोक्ष प्राप्त करना मुख-सं० (पु० ) 1 प्राणी का मुँह (जैसे- मुख से रोटी खाना, मुख बंद कर लेना) 2 चेहरा (जैसे- मुख पर दाग़ होना) 3 पदार्थ का खुला भाग (जैसे- बर्तन का मुख, बोरी का मुख, गुफा का मुख) 4 आदि, शुरू का भाग या अंश (जैसे- रजनी मुख)। ~ गुहा (स्त्री०) - मुख विवर; चपल (वि०) वाचाल; ~ चित्र (पु०) मुखपृष्ठ पर छपा चित्र; चुंबन (पु० ) मुख चूमना; चूर्ण (पु०) मुँह पर लगाने का चूर्ण, पाउडर छवि (स्त्री०) = मुख रुचि; ~द्वार (पु० ) प्रवेश द्वार; ~पट (पु० ) 1 घूँघट 2 बुरका; पत्र (पु०) संस्था के नियम और सिद्धांत आदि विवरण से युक्त पत्र; पिंड (पु०) 1 कौर, प्रास 2 मृतक की अंत्योष्टि क्रिया से पहले दिया जाने वाला पिंड; पृष्ठ (पु०) पुस्तक, ग्रंथ आदि का सबसे ऊपर का पृष्ठ, आवरण पृष्ठ प्रसाधन (पु० ) चेहरे पर लगाने के पाउडर क्रीम आदि द्रव्य; ~प्रिय (वि०) स्वादिष्ट
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(पु०) ग्रंथ, पुस्तक आदि की प्रस्तावना, भूमिका; ~मंडल (पु० ) चेहरा (जैसे- मुख मंडल की छवि ); ~मुद्रा (स्त्री०) मुख की आकृति; रुचि (स्त्री०) मुख कांति; ~रोधन (पु०) मुँह बंद करना; लेप (पु०) सुंदरता के लिए मुख पर लगाया जानेवाला लेप; वाद्य (पु०) मुँह से बजाया जानेवाला बाजा; ~विवर (पु०) मुख का छेदः शुद्धि (स्त्री०) 1मुख साफ़ करना 2 मुख साफ़ करने की
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मुख्य
वस्तु ~ शोष (पु० ) 1 मुख का सूखा होना 2 मुख सूखने का कारण 3 व्यास; ~सुख (पु०) उच्चारण की सरलता और सुंदरता; ~स्थ (वि०) 1 कंठस्थ 2 मुख में आया हुआ; ~स्राव (पु० ) लार
मुखड़ा - (पु० ) 1 चेहरा, मुख 2 अति सुंदर मुख हेतु प्रशंसा और प्रेम सूचक शब्द (जैसे-चाँद सा मुखड़ा, चंचल मुखड़ा) मुखतार - अ० ( पु० ) 1 विशिष्ट अवसरों पर प्रतिनिधि के रूप में कार्य करनेवाला व्यक्ति 2 वकील से छोटा क़ानूनी सलाहकार 3 एजेंट | ~आम (पु०) हर तरह का अधिकार प्राप्त व्यक्ति; ~ ख़ास (पु०) विशेष कार्य हेतु नियुक्त किया गया प्रतिनिधि; ~नामा + फ़ा० (पु०) मुख़तार का अधिकार
पत्र
मुखतारी -अ० फ़ा० (स्त्री०) 1 मुख़तार होने का भाव 2 मुख़तार का पद या पेशा 3 प्रतिनिधित्व 4 एक तरह की क़ानूनी परीक्षा
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मुखन्नस - अ० (वि०) हिजड़ा, नपुंसक मुखबिर - अ० (पु०) जासूस (जैसे- पुलिस का मुखबिर, मुखबिर का काम )
मुखबिरी - अ० + फ़ा० (स्त्री०) मुखबिर का काम या पद मुखम्मस - I अ० (वि०) पंचकोना II (पु० ) पाँच चरणों का
पद्य
मुखर - (वि०) 1 वाचाल, वाक्पटु 2 बातूनी, बकवादी मुखरित—सं० (वि०) ध्वनित, शब्दायमान मुखाकृति - सं० (स्त्री०) मुखमुद्रा
मुखाग्र - I सं० ( पु० ) 1 वस्तु का अगला भाग 2 होंठ II (वि०) कंठस्थ
मुख़ातिब - अ० (वि० 1 जिससे कुछ कहा जाए, संबोध्य 2 किसी की ओर प्रवृत्त
मुखापेक्षा - सं० (स्त्री०) दूसरों का मुँह ताकना मुखापेक्षी - सं० (वि०) मुँह ताकनेवाला, पराश्रित मुख़ालिफ़ - I अ० (वि०) 1 विरोधी 2 प्रतिद्वंद्वी II ( पु० ) शत्रु
मुखालिफ़त - अ० (स्त्री०) 1 मुख़ालिफ़ होने की अवस्था 2 विरोध 3 शत्रुता
मुखावरण-सं० (पु०) घूँघट
मुखिया - ( पु० ) 1 प्रधान (जैसे-गाँव का मुखिया) 2 सभापति (जैसे-दल का मुखिया)। ~गिरी + फ़ा० (स्त्री०) मुखिया का पद और कार्य
मुखी - (वि०) मुखवाला (जैसे- चंद्रमुखी) मुखौटा - (पु० ) 1 छोटा मुँह 2 मुख के आकार का बना खंड (जैसे- बंदर का मुखौटा)
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मुख़्तलिफ़ - अ० (वि० ) 1 भिन्न, पृथक् 2 अनेक प्रकार का मुख़्तसर-अ० (वि०) 1 संक्षिप्त, छोटा किया हुआ 2 थोड़ा, अल्प 3 संक्षेप में लाया हुआ मुख़्तार - अ० (पु० ) मुख़तार मुख्य-सं० (वि०) 1 ख़ास, प्रधान 2 सबसे बड़ा (जैसे- मुख्य न्यायाधीश) । ~ता (स्त्री०) मुख्य होने का भाव; द्वार (पु० ) प्रवेश द्वार ; पात्र (पु० ) प्रधान पात्र, विशेष व्यक्ति (जैसे- उपन्यास का मुख्य पात्र); पृष्ठ (पु० ) = मुख पृष्ठ; ~ मंत्री (पु०) राज्य का सबसे बड़ा मंत्री (जैसे- उत्तर प्रदेश