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लंबमान रोगनी रोग़नी-फा० (वि०) = रोग़नी
वह स्थान जहाँ बना बनाया भोजन बँटता हो; ~गाह (स्त्री०) रौजा-अ० (पु०) 1 बाग़ बगीचा 2 मकबरा, समाधि बंदरगाह (जैसे-ताज बीबी का रौज़ा)
लैंगराई -(स्त्री०) नटखटी, शरारती रौताईन-(स्त्री०) 1 रावत की पत्नी, ठकुराइन 2 स्त्रियों के लिए लँगराना-(अ० क्रि०) बो० = लँगड़ाना आदर सूचक संबोधन
लैंगरैया-(स्त्री०) = लँगराई रौताई-(स्त्री०) 1 रावत होने का भाव 2 अकड़, ऐंठ लंगल-सं० (पु०) हल रौद्र-[सं० (वि०) 1 रुद्र का 2 भीषण, विकट 3 अत्यंत क्रोध लंगी-(स्त्री०) कुश्ती में अपनी एक टाँग लँगड़ी करके दूसरे की
का परिचायक II (पु०) क्रोध, गुस्सा। ~ता (स्त्री०) टाँग में फँसाकर विपक्षी को गिराने की विधि 1 भयंकरता 2 प्रखरता 3 रुद्रभाव; दर्शन (वि०) भीषण लंगूर-(पु०) 1 हाथ, पैर और काले मुँहवाला तथा लंबी आकृतिवाला रस (पु०) एक रस जिसका स्थायी भाव दुमवाला एक बंदर 2 दुम, पूँछ। ~फल (पु०) नारियल क्रोध है
लंगूल-(पु०) = Jछ, दुम रौद्री-सं० (स्त्री०) रुद्र की पत्नी, गौरी
लँगोट-(पु०) कमर में बाँधने का एक प्रकार का उपस्थ और रौनक्र-अ. (स्त्री०) 1 संदर वर्ण और आकृत्ति 2 चमक दमक नितंब को ढकने का वस्त्र । ~बंद + फ़ा० (वि०) ब्रह्मचारी;
और शोभा 3 जमघट, बहार (जैसे-शाम को बाज़ार की रौनक ~का ढीला कामी; ~का सच्चा स्त्री सहवास से बचा बढ़ जाती है)
रहनेवाला रौप्य-[सं० (पु०) चाँदी, रूपा II (वि०) चाँदी का बना हुआ
लँगोटा-(पु०) = लँगोटी रौब-अ० (पु०) = रोब
लैंगोटियायार-(पु.) = बालमित्र रौरव-[ सं० (वि०) 1 भयंकर 2 भीषण, घोर 3 धूर्त और | लँगोटी-(स्त्री०) छोटा लँगोट । ~पर फाग खेलना कुछ न बेईमान II (पु०) भीषण नरक
होने पर भी भोग विलास करना; बँधवाना दरिद्र बना देना; रौरा-बो० (पु०) रौला
बाँध लेना 1 दरिद्र होना 2 सांसारिक सुख का त्याग; ~में रौल चौल-(स्त्री०) हल्ला, हुल्लड़
मस्त ग़रीबी में भी खुश रहनेवाला रौला-(पु०) हलचल (जैसे-रौला मचाना)
लंघक-सं० (वि०) 1 लाँघनेवाला 2 नियम भंग करनेवाला रौशन-फा० (पु०) रोशन
लंघन-सं० (पु०) 1 लाँघने का भाव, उल्लंघन रौस-फा० (स्त्री०) 1 गति, चाल 2 चाल ढाल, रंग ढंग | लंघनीय-सं० (वि०) लाँघने योग्य 3 बागीचे की क्यारियों के बीच का मार्ग
लँघाना-(स० क्रि०) लाँघने में प्रवृत्त करना रौसली-(स्त्री०) एक तरह की चिकनी और उपजाऊ मिट्टी लंधित-सं० (वि०) 1 लाँघा हआ 2 अतिक्रमित 3 उपेक्षित,
तिरस्कृत लंध्य-सं० (वि०) लाँघने योग्य लंच-अंक (पु०) दोपहर का भोजन लंठ-(वि०) 1 परम मूर्ख 2 उजड्ड लंठई-(स्त्री०) लंठ होने का भाव, लंठपन
लंड-I (पु०) पुरुष की जननेंद्रिय, शिश्न, लिंग लंक-1 (स्त्री०) कमर, कटि || (स्त्री०) लंका (द्वीप) | लंड-II सं० (पु०) गू, विष्ठा लंक लाट-अं० (पु०) एक प्रकार का चिकना और मोटा कपड़ा। लँडूरा-(वि०) 1 कटी पूँछवाला 2 बिना पूँछ का 3 जिसका लंका-सं० (स्त्री०) भारत के दक्षिण का एक प्रसिद्ध द्वीप। कोई शोभाजनक अंग नष्ट हो गया हो नाथ, पति (पु०) लंकाधिपति
लंतरानी-अ० (स्त्री०) लंबी चौड़ी और आत्मप्रशंसात्मक बात, लंकाधिपति-(पु०) लंका का राजा, रावण
शेखीभरी लंबी चौड़ी बात, डींग, शेखी लंकेश-सं० (पु०) रावण
लंप-अं० (पु०) - लैंप लंग-I (स्त्री०) लाँग
लंपट-[ सं० | (वि०) कामी, व्यभिचारी II (पु०) कामी लंग-II फ़ा० (पु०) लँगड़ापन
पुरुष। ता (स्त्री०) दुराचार, कुकर्म लँगड़, लँगड़ा-(वि०) 1 जिसका एक पैर बेकार हो 2 पैर के | लंपाक-सं० (पु०) दुराचारी, लंपट दोष के कारण लचककर चलनेवाला 3 अच्छी तरह खड़ा न हो। लंब-[सं० (वि०) 1 आधार से समकोण बनाती हुई ऊपर
सकनेवाला 4टेढ़ा। ~लूला (वि०) लँगड़ा और दंडा जानेवाली (रेखा) 2 नीचे को लटकता हआ II (पु०) किसी लँगड़ाना-(अ० क्रि०) लँगड़े होने के कारण कुछ दबते और रेखा पर खड़ी और सीधी रेखा। -कर्ण (वि०) लंबे कुछ उचकते हुए चलना
कानोंवाला; ~प्रीव (वि०) लंबी गर्दनवाला; तइंग लँगर-(वि०) 1 नटखट 2 दुष्ट, पाजी
(वि०) 1 ताड़ के समान लंबा, बहत लंबा 2 विशालकाय लंगर-[फा० (पु०) 1 लोहे का बहुत बड़ा काँटा 2 गाय आदि और हृष्ट पुष्ट
पशु के गले में बाँधा जानेवाला लकड़ी का कंदा 3 लोहे की लंबन-स० (पु) 1लंबा करना 2 झूलना 3 सहारा 4 नाभि भारी और मोटी जंजीर 4 बहत लोगों का भोजन एक साथ | तक लटकनेवाला हार पकने का स्थान || (वि०) भारी, वज़नी। खाना (पु०) | लंबमान-सं० (वि०) दूर तक फैला हुआ