Book Title: Shiksharthi Hindi Shabdakosh
Author(s): Hardev Bahri
Publisher: Rajpal and Sons

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Page 868
________________ स्टैंड स्टैंड-अं० (पु० ) अड्डा स्टैंडर्ड - 1 अं० (पु० ) 1 श्रेष्ठता आदि का नियत मान 2 स्तर II (वि०) 1 आदर्श 2 श्रेष्ठता के नियत मान का स्टैंडिंग कमेटी-अं० (स्त्री०) स्थायी समिति स्टैंडिंग काउंसिल-अं० (स्त्री०) एडवोकेट जनरल को सहायता देनेवाला सरकारी एडवोकेट स्टैच्यू - अं० ( पु० ) मूर्ति, प्रतिमा स्टैथस्कोप -अं० (पु० ) चि० हृत्कंप दर्शी स्टोर - अं० ( पु० ) भंडार। -कीपर (पु० ) भंडारी स्टोरेज - अं० (पु० ) भंडारण स्टोव अं० (पु०) विशेष प्रकार का आधुनिक चूल्हा स्ट्राइक - अं० (स्त्री०) हड़ताल (जैसे-रेलवे स्ट्राइक) स्ट्रीट-अं० ( पु० ) छोटी सड़क स्ट्रेचर - अं० ( पु० ) रोगी डोला स्ट्रैटिफ़िकेशन - अं० (पु० ) स्तरीकरण, स्तर विन्यास स्ट्रैप -अं० (पु०) फीता स्तंभ - सं० ( पु० ) 1 खंभा 2 कार्य, संस्था, सिद्धांत आदि के आधार के रूप में तत्त्व या व्यक्ति 3 समाचार पत्रों के पृष्ठों, सारणियों आदि के अंक विभाग (जैसे- संपादकीय स्तंभ, स्थानिक स्तंभ) 4 पेड़ का तना 5 साहि० एक तरह का सात्विक अनुभाव 6 प्रतिबंध, रुकावट 7 जड़ता, अचलता। लेखक (पु०) समाचार पत्र में विशेष विषय पर लेखादि लिखनेवाला स्तंभक - सं० (वि०) रोकनेवाला, रोधक स्तंभन -सं० (पु० ) रुकावट, अवरोध स्तंभित - सं० (वि०) 1 निश्चल 2 निस्तब्ध, सुत्र 3 रुका हुआ स्तन - सं० ( पु० ) स्त्रियों या मादा पशुओं की छाती। चूचुक (पु० ) स्तन मुख; दान (पु०) बच्चे को दूध पिलाना; ~धारी (पु०) धनवाला; पतन (पु०) स्तन का ढीला पड़ना या लटकना; ~पान (पु० ) स्तन का दूध पीना; पायी (वि०) थनों से दूध पिलानेवाला; पोषित (वि०) थनों के दूध से पाला हुआ; ~भर (पु० ) 1 पीन पयोधर, स्थूल या पुष्ट स्तन 2 स्त्री जैसे स्तन वाला पुरुष; ~ मध्य (पु० ) 1 स्त्री के दोनों स्तनों के बीच की जगह 2 चूचुक; ~मुख (पु० ) स्तन या कुच का अगला भाग, चूची, चूचुक 854 स्तनन-सं० (पु० ) 1 ध्वनि 2 मेघशब्द 3 कराहना स्तनांशुक-सं० (पु०) स्तन बाँधने या ढकने का कपड़ा स्तनित - I सं० (वि०) 1 ध्वनित, शब्दायमान 2 गर्जित II (पु० ) 1 मेघगर्जन 2 आवाज़, ध्वनि स्तन्य - I सं० ( पु० ) माता का दूध II ( वि० ) 1 स्तन का 2 स्तन में रहनेवाला स्तब्ध-सं० (वि०) सुत्र, निश्चेष्ट । ~ता (स्त्री० ) 1 जड़ता 2 निश्चेष्टता स्तर-सं० (पु०) 1 परत 2 तल, लेवेल 3 सतह 4 मान (जैसे- जीवन स्तर ) स्तरण - सं० (पु० ) 1 फैलाना 2 बिखेरना 3 प्राकृतिक कारणों से पृथ्वी के धरातल पर की विभिन्न स्तरों की बनावट स्तरांक - सं० (पु०) मानक विंदु स्तरीकरण-सं० (पु० ) = स्तरण स्तव -सं० (पु० ) प्रशंसा, स्तुति स्तवक-सं० (वि०) स्तुति करनेवाला स्तवन-सं० (पु० ) स्तावक सं० (पु० ) = स्तुति स्तुति वादक स्त्रैण = स्तुत -सं० (वि०) प्रशंसित गान स्तुति - सं० (स्त्री०) 1 प्रशंसा 2 चाटुकारिता 3 स्तोत्र । गान (पु०) प्रशंसा या चाटुकारिता करना गीत (पु० ) = स्तुति पाठ (पु०) यशोगान पाठक (पु०) (पु०) स्तुति करनेवाला, चारण, मागध, सूत प्रिय (वि०) खुशामद पसंद, प्रशंसा का आकांक्षी; वादक (पु०) 1 प्रशंसा करनेवाला, प्रशंसक 2 खुशामद या चापलूसी करनेवाला, खुशामदी, चाटुकारी स्तुत्य -सं० (वि०) स्तुति के योग्य, प्रशंसनीय स्तूप - सं० ( पु० ) 1 मिट्टी या पत्थर का ऊँचा ढूह 2 ऊँचा ढेर 3 शिखर 4 इमारत में लगा हुआ बहुत बड़ा स्तूप स्तूपाकार-सं० (वि०) स्तूप के आकार का स्तूपीकरण-सं० (पु०) स्तूप का रूप देना स्तेय - सं० ( पु० ) 1 चोरी 2 रहजनी 3 चोरी गई हुई या चोरी जाने योग्य वस्तु 4 गोप्य वस्तु स्तोता - सं० (वि०) 1 स्तुति करनेवाला 2 प्रार्थना करनेवाला स्तोत्र - सं० ( पु० ) 1 स्तुति 2 स्तुत्यात्मक श्लोक 3 श्लोकबद्ध स्तुतिपरक ग्रंथ स्त्रियोपयोगी -सं० (वि०) स्त्री के लिए उपयोगी स्त्रीं दिय-सं० (स्त्री०) स्त्री की योनि, भग स्त्री-सं० (स्त्री०) 1 मनुष्य जाति की वयस्क मादा, औरत, नारी 2 मनुष्य जाति की विशेष सदस्या 3 पत्नी, जोरू । ~करण (पु०) 1 पत्नी बनाना 2 यौन संबंध, मैथुन । गमन (पु० ) स्त्री संभोग; ~ चिह्न (पु० ) 1 स्त्री संबंधी चिह्न 2 योनि; -जन (पु० ) स्त्रीजाति; जाति (स्त्री०) स्त्रीवर्ग; द्वेष (पु०) स्त्रियों के प्रति वैर भाव; ~ द्वैषक (पु० ) स्त्रियों के प्रति वैर भाव रखनेवाला; ~धन (पु० ) ऐसी संपत्ति जिस पर स्त्री का ही अधिकार हो; धर्म (पु० ) स्त्रियों का कर्तव्य; ~धर्मिणी (स्त्री०) रजस्वला स्त्री पुरुष (पु० ) स्त्री और पुरुष, नर और नारी; ~ प्रसंग (पु० ) = स्त्री संभोग, ~ भीति (स्त्री०) स्त्रियों से भय का भाव; ~भोग (पु० ) = स्त्री संभोग; ~ राज्य (पु०) स्त्री के हाथ में रहनेवाली सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था; ~लिंग (पु० ) 1 व्या० स्त्री जाति का बोध करानेवाला लिंग (जैसे- 'लड़का' का स्त्रीलिंग 'लड़की' है) 2 स्त्री का चिह्न, भग या योनि वर्ग (पु० ) स्त्रियों की श्रेणी; व्रण (पु० ) योनि, भग; व्रत (पु०) एक पत्नी व्रत; ~संग्रहण (पु० ) स्त्री के साथ बलात् संभोग करना, स्त्री के साथ किया जानेवाला व्यभिचार; ~संभोग (पु० ) स्त्री प्रसंग, मैथुन; ~ सदृश (वि०) स्त्री के समान; ~ समागम (पु० ) स्त्री संभोग, मैथुन सुख (पु०) स्त्री का सुख स्त्रीत्व - सं० (पु० ) 1 स्त्री होने का भाव या गुण, औरतपन 2 व्या० शब्दों के अंत में लगनेवाला स्त्रीलिंग का सूचक प्रत्यय स्त्रैण - सं० (वि०) 1 स्त्री संबंधी, स्त्रियों का 2 स्त्रियों का सा, स्त्रियों की तरह का 3 स्त्री या पत्नी के वश में रहनेवाला 4 स्त्रियों की सी प्रकृतिवाला । ~ता (स्त्री०) 1 जनानापन 2 स्त्रियों की अत्यंत इच्छा या लालसा

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