Book Title: Shiksharthi Hindi Shabdakosh
Author(s): Hardev Bahri
Publisher: Rajpal and Sons

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Page 942
________________ 928 ई-(उर्दू) सं० से वि०- (आसमान से) आसमानी, (काग़ज़ से) काग़ज़ी, (किताब से) किताबी, (खून से) खूनी, (गुलाब से) गुलाबी, (पंजाब से) पंजाबी, (फ़ौज से) फ़ौजी, (बादाम से) बादामी, (माल से) माली (हालत), (रेशम से) रेशमी, (हवा से) हवाई। ई-(उर्दू) वि० से भाव०- (अफ़सर से) अफ़सरी, (खराब से) ख़राबी, (खुश से) खुशी, (गरम से) गरमी, (दोस्त से) दोस्ती, (नरम से) नरमी, (नेक से) नेकी, (बद से) बदी, (बेहतर से) बेहतरी, (सफ़ेद से) सफ़ेदी, (सर्द से) सर्दी। ई-भाषा-अंग्रेजी, असमी, पंजाबी, बंगाली, रूसी, हिन्दी । ईन-सं० से वि०-(कुल से) कुलीन, (ग्राम से) ग्रामीण, (प्राची से) प्राचीन । ईला-(हिं०) सं० से वि०- (ख़र्च से) खर्चीला, (छवि से) छबीला, (जहर से) जहरीला, (नोंक से) नुकीला, (पानी से) पनीला, (रंग से) रंगीला, (रस से) रसीला, (साज से) सजीला, (सुर से) सुरीला। उवा-लघुता०- (आँख से) अँछुआ, (बाबू से) बबुआ, (लाल से) ललुआ। एरा-(हिं०) सं० से कर्तृ०-कमेरा, लुटेरा, सपेरा। ऐला-(हिं०)सं० से वि०-अकेला, खपरैला, (I), तैल, दुकेला, दुधैल, बघेला, सौतेला । ओर (1)-(हिं०) क्रि० से कर्तृ०-चटोरा, भगोड़ा, हँसोड़ा। ओला-(हिं०) लघुता०-खटोला, गढ़ोला, मँझोला, सँपोला। औती-(हिं०) क्रि० से भाव०-चढ़ौती, बुढ़ौती, मनौती।। क-(हिं०) सं० से भाव०-कसक, ठंडक, धमक, महक। कर-वि०-अहितकर, कल्याणकर, लाभकर, सुखकर, स्वास्थ्यकर, हानिकर, हितकर । कार-भाव०-अंगीकार, बलात्कार, स्वीकार कार-(उर्दू) वि०-अहलकार, आबकार, जानकार, पच्चीकार, पेशकार । कारी-वि०-कल्याणकारी, कार्यकारी, परिवर्तनकारी, परोपकारी, प्रभावकारी, हितकारी। खाना-(उर्दू) सं०-आतशख़ाना, कसाईखाना, कूड़ाख़ाना, गाड़ीदाना,हमामखाना, जेलखाना, डाकखाना, तोपखाना, दवाख़ाना, पाख़ाना, पेशाबख़ाना, मुसाफिरखाना, मवेशीखाना, यतीमखाना, हमामख़ाना। खोर-(उर्दू) वि०-आदमखोर, घूसखोर, चुगलखोर, मुफ्तखोर, रिश्वतखोर, हरामखोर, हलालखोर। गर-(उर्दू) सं० कलईगर, ज़रग़र, जादूगर, बाजीग़र, राहग़र, सितमगर, सौदाग़र । गिरी-(उर्दू)-सं० गुंडागिरी, चमचागिरी, दादागिरी, नेतागिरी। गी-(उर्दू) सं०-दिल्लगी, बंदगी, सादगी। ज-वि० उत्पन्न-अंहुज, अंत्यज, अग्रज, अनुज, जलज, पंकज, पिण्डज, मलयज, स्वेदज । जनी-(उर्दू) भाव०-आगज़नी, आतशज़नी, रहज़नी। ठ-वि०-कर्मठ, जरठ। डा, डी-(हिं०) लघुता०-अँतड़ी, चमड़ी, टॅगड़ी, दुखड़ा, पंखुड़ी, पलंगड़ी, बछड़ा, बछड़ी। त-क्रि० से वि०-(कथ् से) कथित, (कृ से) कृत, (गम् से) गत, (च्यु से) च्युत, (तृप से) तृप्त, (नश् से) नष्ट, (पूर से) पूर्ण, (मृ से) मृत, (लग से) लग्न, (विद् से) विदित, (संभृ से) संभृत, (सुप् से) सुप्त, (हा से) हत।

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