Book Title: Shiksharthi Hindi Shabdakosh
Author(s): Hardev Bahri
Publisher: Rajpal and Sons
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930 दार-(उर्दू) सं०-कामदार, किरायादार, खरीददार, चौकीदार, जमींदार, ठेकेदार, नातेदार,
पहरेदार, भागीदार, रिश्तेदार, सरदार, हिस्सेदार । धा-वि० से क्रि० वि०- (त्रि से) त्रिधा, (द्वि से) द्विधा, (नव से) नवधा, (बहु से) बहुधा । न-भाव०-(दा से) दान, (प्रश् से) प्रश्न, (यत् से) यत्न, (स्वप् से) स्वप्न । नाक-(उर्दू) वि०-ख़तरनाक, खौफ़नाक, दर्दनाक। नी-(हिं०) क्रि० से भाव०-कटनी, करनी, छंटनी, भरनी, मरनी। नी-(हिं०) पुं० से स्त्री०-ऊँटनी, बाघनी, मोरनी, रीछनी, शेरनी। पन-(हिं०) सं० या वि० से भाव०-अपनापन, कमीनापन, कालापन, गँवारपन, छुटपन, नीलापन, परायापन, पीलापन, बचपन, बड़प्पन, बालापन, भद्दापन, भेंगापन, भोलापन, लड़कपन, सीधापन। पूर्वक-सं० से क्रि० वि०-आनंदपूर्वक, कुशलपूर्वक, दयापूर्वक, दृढ़तापूर्वक, न्यायपूर्वक,
प्रसन्नतापूर्वक, विधिपूर्वक, सहृदयतापूर्वक, सुखपूर्वक, सुविधापूर्वक।। बंद-(उर्दू) सं० से वि०-कमरबंद, डिब्बाबंद, बिस्तरबंद, मोर्चाबंद, मोहरबंद, हथियारबंद । बाज़-(उर्दू) वि०-अंटीबाज़, अंड्गेबाज, चालबाज़, दगाबाज़, धोखेबाज़, पतंगबाज़,
रंडीबाज़, लौंडेबाज़। बाज़ी-(उर्दू) सं०-अड़ेंगेबाज़ी, आतशबाज़ी, कबूतरबाज़ी, चालबाज़ी, चुहलबाज़ी,
दगाबाज़ी, धोखेबाज़ी, पतंगबाज़ी, रंडीबाज़ी, लौंडियाबाज़ी। मंद-(उर्दू) सं० से वि०-अक्लमंद, एहसानमंद, गर्ज़मंद, ज़रुरतमंद। मय-सं० से वि०-अग्निभय, आभामय, करुणामय, गरिमामय, जलमय, ज्योतिर्मय, दयामय,
मधुमय, शान्तिमय, सुखमय। मान-सं० से वि०-(आयुष् से) आयुष्मान, (बुद्धि से) बुद्धिमान, (शक्ति से) शक्तिमान,
(श्री से) श्रीमान। य-सं० से वि०-(ओष्ठ से) ओष्ठय, (ग्राम से) ग्राम्य, (दन्त से) दन्त्य, (न्याय से) न्याय्य,
(पद से) पद्य। य-क्रि० से वि०- (कृ से) कार्य, (क्षम् से) क्षम्य, (खाद् से) खाद्य, (दा से) देय, (दृश से) दृश्य, (निंद् से) निंद्य, (पा से) पेय, (पूज् से) पूज्य, (प्राय् से) प्राप्य, (युज् से) योग्य, (श्रु से) श्रव्य। य-वि० से भाव०-(चंचल से) चांचल्य, (चोर से) चौर्य, (धीर से) धैर्य, (पंडित से) पांडित्य, (विधवा से) वैधव्य, (शूर से) शौर्य, (सहश् से) सादृश्य, (सामर्थ से) सामर्थ्य, (सुन्दर से) सौन्दर्य, (स्वस्थ से) स्वास्थ्य । या-भाव०-(कृ से) क्रिया, (चर् से) चर्या, (तपस् से) तपस्या, (विद् से) विद्या, (शी से)
शय्या। वत्-सं० से क्रि० वि०-आत्मवत्, पितृवत्, पुत्रवत्, मातृवत, मित्रवत्, शत्रुवत् । वान्-सं० वि०-गुणवान्, धनवान्, रूपवान्, विद्यावान्, शीलवान् । वान-(उर्दू) सं० से सं०-इक्कावान, कोचवान, गाड़ीवान, पीलवान, हाथीवान । वार-(उर्दू) वि० क्रि० वि०-उम्मीदवार, क्रमवार, घंटेवार, तारीख़वार, नंबरवार, भाषावार, सिलसिलेवार।

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