Book Title: Shiksharthi Hindi Shabdakosh
Author(s): Hardev Bahri
Publisher: Rajpal and Sons

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Page 892
________________ हाल हाल - IV (स्त्री०) लकड़ी के पहिये पर चढ़ाया जानेवाला लोहे का पट्टा हाल - V (स्त्री०) 1 झोंका, झटका 2 हिलना, कंप हालगोला - बो० (पु०) गेंद हालडोल - (स्त्री०) 1 गति 2 हलचल 3 कंप हालत - अ० (स्त्री०) 1 अवस्था, दशा 2 परिस्थिति 3 समाचार 4 मौजूदा हैसियत, वर्तमान स्थ हालना - (अ० क्रि०) बो० 1 हिलना डोलना 2 काँपना 3 झूमना हालरा - (पु० ) 1 बच्चों को गोद में हिलाना 2 झटका, झोंका 3 लहर, हिलोर हालाँकि - अ० + फ़ा० (अ०) यद्यपि, अगरचे हाला - सं० (स्त्री०) शराब मद्य वाद (पु०) साहि० वह कविता जिसमें स्वर्ण सुरा और सुंदरी की प्रधानता हो हालात - अ० (पु०) 1 स्थितियाँ 2 परिस्थितियाँ हालाहल सं० (पु० ) = हलाहल हालिम - ( पु० ) 1 दवा के काम आनेवाला चंसुर नामक पौधा 2 इस पौधे का बीज 878 हाली -बो० (पु० ) हल जोतनेवाला, हलधर, हलिया हालीमवाली - अ० (पु० ) संगी साथी, यार दोस्त हालों - (पु० ) चंसुर, चंद्रसुर हाल्ट - अं० (पु० ) ठहराव, एकदम रुक जाना। ~ स्टेशन ( पु० ) ठहराऊ स्टेशन हाव-सं० ( पु०) साहि० श्रृंगार के क्षेत्र में नायिका द्वारा की जानेवाली आकर्षक तथा मोहक क्रियाएँ । भाव (पु० ) 1 नाज़ नखरा, चोचलापन 2 आकर्षक और कोमल चेष्टाएँ हावका - (पु० ) 1 किसी की तरक्की देखकर या अपनी भारी क्षति के स्मरण होने पर ली जानेवाली ठंडी साँस, दीर्घ निश्वास, गहरी या ठंडी साँस 2 प्रबल इच्छा या कामना हावला बावला - (वि०) पागल, विक्षिप्त हाविज़र-अं० (स्त्री० ) हविज़र हावी - अ० (वि०) 1 दबा रखनेवाला 2 घेरनेवाला 3 कुशल, दक्ष, प्रवीण हाशिया - अ० ( पु० ) 1 किनारा (जैसे- किताब या कापी का हाशिया ) 2 कपड़ों में टाँकी जानेवाली गोट या मगजी 3 हाशिये पर लिखित टिप्पणी, फुटनोट, टीका की टीका । ~आराई + फ़ा० (स्त्री०) हाशिया चढ़ाना; नशीन + फ़ा० (पु०) आस पास बैठनेवाले, मुसाहब; चढ़ाना 1 गोट टाँकना 2 टीका लिखना 3 अपनी ओर से कुछ जोड़ना, नमक मिर्च लगाना = हास-सं० ( पु० ) 1 हँसी 2 प्रसन्नता, खुशी । परिहास (पु० ) हँसी मज़ाक, विलास (पु०) मौज मस्ती हासक -सं० ( पु० ) 1 हँसानेवाला व्यक्ति 2 विदूषक, भाँड़ हासिल - I अ० (वि०) प्राप्त, लब्ध II (पु० ) गo 1 जोड़ में संख्या का अंश 2 गणित की क्रिया का फल 3 लाभ 4 निचोड़, नतीजा, परिणाम हास्पिटल - अं० ( पु० ) अस्पताल, चिकित्सालय हास्य - I सं० (वि०) 1 हास संबंधी 2 उपहास के योग्य II (पु० ) 1 हँसी 2 साहि० श्रृंगार रस का स्थायी भाव 3 दिल्लगी, मज़ाक 4 उपेक्षा तथा निंदा से युक्त हँसी, उपहास। ~कर (वि०) 1 हँसानेवाला 2 हास्यास्पद; पात्र. हिंदुत्व (पु० ) जिस व्यक्ति का मज़ाक उड़ाया जाए; प्रिय (वि०) मौजी, मज़ाकिया; प्रियता (स्त्री०) हास्य प्रिय होने का भाव; ~ मूलक (वि०) हास्यमय रस (पु० ) साहि० एक रस जिसका स्थायी भाव हास्य है; रसात्मक (वि०) हास्य रस संबंधी; ~ रसिक (पु० ) हास्य प्रिय, विनोदी; ~ रहित (वि०) दे० हास्यहीन रूपक (पु० ) हँसी पैदा करनेवाली नाट्य रचना; - विनोद (पु० ) हँसी मज़ाक; ~ हीन (वि०) 1 जो हँसता न हो 2 जो हास्य रस से रहित हो, बिना हास्य रस का हास्यमय सं० (वि०) हँसी से भरा हुआ हास्यास्पद - सं० (पु० ) 1 हँसी का विषय 2 उपहास का विषय हास्योत्पादक-सं० (वि०) हास्यकर हाहंत-सं० (अ०) शोक सूचक उद्गार हाहा - I (पु० ) ज़ोर से हँसने का शब्द। कार + सं० (पु०) 1 घबराहट की चिल्लाहट 2 कुहराम; ठीठी, हीही (स्त्री०), हूहू (पु०) विनोद क्रीड़ा, हँसी ठट्ठा हाहा - II (अ०) आश्चर्य, शोक आदि का सूचक एक शब्द हाही - (स्त्री०) 1 व्यग्रता 2 उत्कट लोभ या इच्छा। पड़ना अत्यंत व्यग्र होना हाहूबेर - (पु० ) जंगली बेर हिंकरना - ( अ० क्रि०) घोड़ों का हिनहिनाना हिंकार - सं० (पु० ) 1 गौ के रँभाने का शब्द 2 चीते या शेर आदि की गरज हिंगाष्टक चूर्ण-सं० (पु०) सोंठ, पीपल, काली मिर्च, अजमोदा, सफ़ेद जीरा, स्याह जीरा, हींग और सेंधा नमक के मिश्रण से बना चूर्ण हिंगु-सं० (पु० ) हींग हिंगुल - सं० ( पु० ) ईंगुर, सिंगरफ हिंगोट - ( पु० ) मँझोल आकार का एक झाड़दार कँटीला जंगली पेड हिंग्वाष्टक चूर्ण-सं० (पु०) दे० हिंगाष्टकचूर्ण हिंडन - सं० (पु० ) घूमना या चलना फिरना हिंडोरा, हिंडोल, हिंडोला - ( पु० ) 1 झूला 2 पालना 3 चरखी (जैसे- हिंडोला में बैठने के चार आसन होते हैं) हिंद - फ़ा० (पु० ) भारतवर्ष, हिंदोस्तान हिंद यूरोपी - फ़ा० + अं० + हिं० (वि०) जिसके माता पिता में से एक भारतीय और यूरोपीय हो हिंदवी - फ़ा० (स्त्री०) हिंदुस्तान की भाषा हिंदी - I फ़ा० (वि०) भारतीय II ( पु० ) हिंद का निवासी, भारतवासी III (स्त्री०) हिंद या हिंदुस्तान की भाषा, भारतवर्ष की राष्ट्रभाषा (जैसे- हिंदी का सम्मान करना हम सबका नैतिक कर्तव्य है) । भाषी + सं० (वि०) हिंदी बोलनेवाला (जैसे- हिंदीभाषी प्रदेश) ~ की चिंदी निकालना 1 कुतर्क 2 व्यर्थ का दोष निकालना हिंदीतर - फ्रा० + सं० (वि०) हिंदी से भिन्न । भाषी (वि०) हिंदी से भिन्न भाषा बोलनेवाला हिंदुआनी - फा० + हिं० (स्त्री०) हिंदू स्त्री. हिंदुई-फ़ा० (स्त्री०) हिंदुत्व - फा० = हिंदवी + सं० (पु० ) 1 हिंदू होने की अवस्था 2 हिंदू का

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