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स्व
~जित (वि०) आत्म निग्रही, जितेंद्रिय तंत्र (वि०) आज़ाद, स्वाधीन तंत्रता (स्त्री०) स्वतंत्र होने का भाव, आज़ादी, स्वाधीनता; तंत्रता प्राप्ति (स्त्री०) आज़ादी पाना; ~तंत्रता प्रिय (वि०) स्वतंत्रता चाहने या पसंद करनेवाला; ~तंत्रता प्रेमी (वि०) स्वतंत्रता से प्रेम करनेवाला: तंत्र वाक्यांश (पु० ) ऐसा पदबंध जो वाक्य के और पदबंधों से अलग हो; ~ता (स्त्री०) स्वामित्व, हक, अधिकार; देश (पु० ) अपना देश, मातृभूमि देशज (पु० ) = स्वदेश बंधु - देश प्रत्यावर्तन (पु०) अपने देश लौटना; देश प्रत्यावर्तित (वि०) अपने देश लौटा हुआ; देश प्रेम (पु० ) मातृभूमि के प्रति होनेवाली भक्ति या प्रेम; ~देश प्रेमी (वि०) स्वदेश से प्रेम करनेवाला; देश बंधु (पु० ) अपने देश के लोग देशी (वि०) अपने देश का (जैसे- स्वदेशी व्यापार, स्वदेशी माल); -देशीय (वि०) स्वदेश संबंधी धर्म (पु० ) 1 अपना धर्म 2 अपना कर्तव्य; ~धर्म त्याग (पु० ) 1 अपना धर्म छोड़ना 2 अपने धर्म की उपेक्षा ~ धर्म त्यागी (पु० ) अपना धर्म त्याग करनेवाला; ~ धर्म पत्नी (स्त्री०) अपनी पत्नी धर्म वर्ती (वि०) अपने कर्तव्य में लगा रहनेवाला धर्मस्थ (वि०) अपने कर्तव्य में लगा हुआ; नाम (पु० ) अपना नाम नाम धन्य (वि०) जो अपने नाम के कारण धन्य हो; नाश (पु० ) अपनी बर्बादी; नियंत्रित (वि०) स्वयं पर नियंत्रण रखा हुआ; ~निर्णय (पु० ) अपना फैसला; ~ निर्णयाधिकार ( पु० ) अपने भविष्य के बारे में स्वयं निर्णय करने का अधिकार निर्मित (वि०) स्वयं बनाया हुआ; ~ पक्ष (पु०) 1 अपना दल 2 अपना मत पक्ष त्यागी (पु० ) = स्वधर्म त्यागी पक्षीय (वि०) स्वपक्ष का; - प्रधान (वि०) स्वाधीन प्रमितिक (वि०) अपना काम खुद करनेवाला; प्रशासन (पु० ) स्वराज्य; बंधु (पु० ) 1 अपने भाई 2 अपना मित्र ~ भाग्य (पु० ) अपना भाग्य; भाग्य निर्णय (पु० ) अपने भाग्य का फ़ैसला; ~ भाव (पु० ) 1 अपनी अवस्था 2 सहज प्रकृति, नेचर 3 आदत, हैबिट; ~ भाव गत (वि०) स्वभाव से संबंधित: ~ भावज (वि०) प्राकृतिक; ~भावतः, ~भावतया ( क्रि० वि०) प्राकृतिक रूप से भाव वश ( क्रि० वि०) स्वभाव के वश में; ~भाव सिद्ध (वि०) प्राकृतिक, सहज; ~ भाषा (स्त्री०) मातृभाषा भूमि (स्त्री०) 1 अपनी भूमि 2 जन्मभूमि 3 स्वदेश; मत (पु० ) 1 अपनी राय 2 अपना धर्म ~ मत त्यागी (वि०) अपना धर्म छोड़ देनेवाला; ~मानिता ( स्त्री०) अपने ऊपर मान करने का भाव; रक्षा (स्त्री०) खुद की रक्षा; ~ रक्षित (वि०) स्वयं रक्षा की गई; ~ रचित (वि०) स्वयं रचा हुआ; ~ रस (पु०) आत्मानंद; ~ रुचि (वि०) अपनी इच्छा का; ~लक्षण (पु० ) अपनी विशेषता, अपना गुण; ~ लिखित (वि०) खुद का लिखा हुआ; ~ वंश्य (वि०) अपने कुल का वर्गीय (वि०) अपने वर्ग का वश, वश्य ( क्रि० वि०) अपने अधीन होकर ~ वासिनी (स्त्री०) पिता के घर रहनेवाली कन्या या स्त्री विनाश (पु० ) अपनी बर्बादी, अपनी तबाही; ~ विवेक (पु०) उचित अनुचित का विचार करने की शक्ति; ~ शासन (पु० ) => स्वराज्य; ~ शासित (वि०)
स्वधिष्ठित
~ संचालित (वि०) स्व चालित; संवेदन (पु०) अपना प्राप्त किया गया ज्ञान; संवेद्य (वि०) संवेदन योग्य: ~ समान (वि०) अपनी तरह का सम्मान (पु० ) आत्म सम्मान हस्त (पु० ) 1 अपना हाथ 2 हस्ताक्षर हस्त लेख (पु० ) 1 अपने हाथ का लिखा हुआ लेख आदि 2 हस्ताक्षर ; ~ हस्त लेख (पु० ) 1 अपने हाथ का लिखा हुआ लेख आदि 2 हस्ताक्षर ; ~ हस्ताक्षर (पु० ) = स्वहस्त; ~हित I (वि०) अपने लाभ का II (पु० ) अपना हित स्वक - I सं० (वि०) अपना निजी II ( पु० ) 1 अपनी संपत्ति
2 स्वजन
स्वकीय-सं० (वि०) अपना, निजी स्वगतोक्ति-सं० (स्त्री०) - स्वकथन
स्वच्छंद - I सं० (वि०) 1 मनमाना 2 स्वइच्छानुकूल आचरण करनेवाला II ( क्रि० वि०) बिना किसी भय, विचार या संकोच के । चारी (वि०) 1 स्वेच्छाचारी 2 मनमौजी; ~ता (स्त्री०) स्वच्छंद होने का भाव; ता वाद (पु० ) स्वच्छंदवाद; ~तावादी (वि०) स्वच्छंदवादी, वाद (पु०) साहित्य में० भावात्मकता, रोमांसवाद, वादी (पु० ) स्वच्छंदवाद का समर्थक स्वच्छंदाचारिणी-सं० (स्त्री०) पुंश्चली, कुलटा, स्वच्छंद विचरण करनेवाली स्त्री
स्वच्छ-सं० (वि०) साफ़, निर्मल, पवित्र 2 उज्ज्वल 3 शुद्ध (जैसे- स्वच्छ हवा) । ~ता (स्त्री०) 1 निर्मलता, पवित्रता, सफ़ाई 2 उज्ज्वलता 3 शुद्धता;
1 सफ़ाई करनेवाला 2 शुद्धताकारी बिल्लौर स्वतः - सं० ( क्रि० वि०) आप से आप अपने आप, आप ही, स्वयं । चालित (वि०) स्वयं चलने या चलानेवाला; ~ प्रमाण, सिद्ध (वि०) आप ही आप सिद्ध, स्वयं प्रत्यक्ष स्फूर्त (वि०) अपने आप मन में उठनेवाला स्वतोविरोध-सं० (पु० ) स्वयं ही अपना विरोध करना, आप ही आप अपना विरोध स्वतोविरोधी-सं० (वि०) आप ही अपना विरोध करनेवाला स्वत्व - सं० (पु० ) 1 अपना भाव, अपनापन 2 अधिकार, स्वामित्व । ~ त्याग (पु० ) अपना अधिकार छोड़ना; धारी (पु० ) = स्वत्वाधिकारी ; ~शुल्क (पु०) स्वत्व का उपयोग किए जाने पर मिलनेवाला शुल्क, रायल्टी हस्तांतरण (पु० ) संपत्ति आदि का अधिकार दूसरों को देना या उसके नाम लिखना
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ता कारक (वि०) मणि (पु० ) स्फटिक,
स्वत्वाधिकार-सं० (पु० ) स्वत्व रूप में होनेवाला अधिकार स्वत्वाधिकारी-सं० (पु० ) स्वामी, मालिक स्वदन-सं० (पु० ) आस्वादन, खाना स्वदित-सं० (वि०) चखा हुआ, खाया हुआ स्वदेशागमन -सं० (पु० ) अपने देश आना स्वदेशागामी -सं० ( पु० ) अपने देश जानेवाला स्वदेशानुरागी - सं० (पु०) स्वदेश प्रेमी स्वदेशाभिमान-सं० ( पु० ) अपने देश का अभिमान स्वदेशार्पण-सं० ( पु० ) स्वदेश प्रतिप्रेषण स्वधिष्ठित सं० (वि०) 1 ठहरने या रहने के लिए उपयुक्त 2 अच्छी तरह सिखलाया हुआ या सधाया हुआ
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