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स्थितिमान्
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प्रकृति 4 कर्तव्य परायणता 5 निवास स्थान 6 अस्तित्व 7 सीमा, | स्नायविक-सं० (वि०) स्नायु संबंधी, स्नायु का। हद 8 ढंग, तरीका। ~गणित (पु०) गणित की एक शाखा स्नायवीय-I सं० (वि०) = स्नायविक II (पु०) कर्मेंद्रिय जिसमें सांख्यिक विवरण संग्रहीत रहते हैं तथा पदार्थों की सायु-सं० (स्त्री०) 1 रग, नाड़ी 2 पेशी। केंद्र (पु०) साम्यावस्था पर प्रभावी शक्तियों का अंकों में विवेचन होता है। तंत्रिका केंद्र; ~प्रणाली (स्त्री०) तंत्रिका तंत्र; विकार
जन्य (वि०) स्थिति से उत्पत्र; देश (पु०) देश की (पु०) तंत्रिका तंत्र में खराबी; ~विकृति (स्त्री०) = तंत्रिका सीमा; -निर्धारण (पु०) सीमा का निर्धारण या | विकार निश्चयीकरण; ~शील (वि०) सदा एक स्थिति में स्नायुमय-सं० (वि०) तंत्रिकायुक्त
रहनेवाला; ~स्थापक (वि०) पूर्व अवस्था प्रदान करनेवाला स्निग्ध-सं० (वि०) 1 स्नेह युक्त, प्रेममय (जैसे-स्निग्ध दृष्टि) स्थितिमान्-सं० (वि०) = स्थितिशील
2 चिकना (जैसे-स्निग्ध पदार्थ) 3 आर्द्र 4 ठंढा करनेवाला स्थित्यात्मक-सं० (वि०) स्थिति से संबंधित
(जैसे-स्निग्ध छाया)। ~ता (स्त्री०) 1 स्निग्ध होने का भाव स्थिर-सं० (वि.) 1 निश्चल, अचर 2 स्थायी 3 दृढ़, पक्का | 2 प्रियता 3 सौम्यता 4 आर्द्रता
4 शांत, धीर 5 निश्चित 6.विश्वसनीय 7 स्थायी। -चित्त स्निग्धा-सं० (वि०) गूदा, अस्थि मज्जा (वि०) स्थिर मनवाला; जीवी (वि०) लंबी उम्रवाला; | स्नुषा-सं० (स्त्री०) पुत्रवधू, बहू
ता (स्त्री०) स्थिर होने का भाव; ~प्रतिज्ञ (वि०) अपने | स्नेय-सं० (वि०) 1 नहलाने योग्य 2 नहाने योग्य वचन पर अडिग रहनेवाला; ~बुद्धि (वि०) ठहरी हुई | स्नेह-सं० (पु०) 1 प्रेम भाव, प्रेम, मुहब्बत 2 तेल 3 कोमलता, बुद्धिवाला
मुलायमत। पत्र (पु०) प्रेम की चिट्ठी, प्रेम पत्र; पात्र स्थिरत्व-सं० (पु०) = स्थिरता
(पु०) जो स्नेह का पात्र हो जिसके प्रति स्नेह उत्पन्न हआ हो; स्थिरांक-सं० (पु०) ऐसी राशि जो सदा एक रहती है, नियतांक ~मीन (स्त्री०) काड मछली; ~युक्त (वि०) प्रेम से भरा, स्थिरात्मा-सं० (वि.) दृढ़चित्त
प्रेमपूर्ण; ~शील (वि०) = स्नेहमय; ~सार (पु०) मज्जा स्थिरीकरण-सं० (पु०) स्थिर करने का काम
नामक धातु, अस्थिसार; ~सिक्त (वि०) प्रेम से सिंचित, स्थूण-सं० (पु०) स्तंभ, खंभा
प्रेम से आप्लावित (जैसे-स्नेह सिक्त वाणी, स्नेह सिक्त स्वर स्थूणा-सं० (स्त्री०) 1 थूनी 2 खंभा 3 धरन 4 निहाई में कहना) स्थूल-सं० (वि०) 1 मोटा 2 घना 3 मंद बुद्धिवाला, मूर्ख स्नेहक-सं० (वि०) 1 प्रेम करनेवाला, प्रेमी 2 चिकनापन 4 सूक्ष्म रहित (जैसे-स्थूल विचार) 5 सुस्त । ~काय लानेवाला (वि०) मोटे शरीरवाला; ~ता (स्त्री०) 1 स्थूल होने का। स्नेहन-सं० (पु०) तेल लगाना, चिकनाना, चिकना बनाना भाव 2 मोटाई 3 घनापन; ~दर्शक (पु०) स्थूल करके स्नेहनीय-सं० (वि०) 1 प्रेम करने योग्य 2 चिकना करने योग्य दिखानेवाला यंत्र, सूक्ष्मदर्शी यंत्र
3 तेल लगाने योग्य स्थूलांग-सं० (वि०) बड़े शरीरवाला
स्नेहमय-सं० (वि०) स्नेहवाला, स्नेहयुक्त स्थूलोदर-सं० (वि०) तोंदवाला
स्नेहल-सं० (वि०) 1स्नेहपूर्ण 2 कोमल 3 चिकना स्थैतिक-सं० (वि०) स्थिर, गतिहीन
स्नेहांजलि-सं० (स्त्री०) प्रेमपूर्ण श्रद्धांजलि स्थैतिकी-सं० (स्त्री०) स्थिति विज्ञान
स्नेहाकुल-सं० (वि०) प्रेम से विह्वल स्थैर्य-सं० (पु०) = स्थिरता
स्नेहाक्त-सं० (वि०) 1 चिकनाया हुआ 2 तैललिप्त स्थौर-सं० (पु०) 1 दृढ़ता 2 स्थिरता 3 खेप
स्नेहातिरेक-सं० (पु०) प्रेम की अतिशयता स्थौल्य-सं० (पु०) 1 स्थूलता 2 बुद्धि की मंदता स्नेहाई-सं० (वि०) प्यार से पसीजा हुआ स्नात-सं० (वि०) स्नान किया हुआ
स्नेहित-सं० (वि०) 1 स्नेह करनेवाला, प्रेमी 2 जिससे स्नेह स्नातक-सं० (पु०) विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त व्यक्ति किया जाए 3 तैलयुक्त स्नातकीय-सं० (वि०) स्नातक का
स्नेहिल-सं० (वि०) प्रेमयुक्त स्नातकोत्तर-सं० (वि०) स्नातक की डिग्री के ऊपर का | स्नेही-सं० (वि०) 1 स्नेह करनेवाला. प्रेमी 2 जिससे स्नेह स्नातिका-सं० (स्त्री०) महिला स्नातक
__किया जाए 3 तैलयुक्त स्नान-सं० (पु०) 1 जल से पूरा शरीर धोना, नहाना 2 धूप, स्नेह्य-सं० (वि०) 1 प्रेम करने योग्य 2 चिकनाने योग्य, तेल वायु आदि का सेवन 3 नियम पूर्वक किसी जलाशय में कुछ __ लगाने योग्य समय तक नहाना (जैसे-माघ स्नान, कार्तिक स्नान)। ~ग्रह, स्पंज-अं० (पु०) एक जलजीव, इस्पंज ~घर + हिं० (पु०) नहाने का कमरा, गुसलखाना, हमाम; स्पंद-सं० (पु०) 1 कंपन, काँपना 2 विस्फुरण, फड़कना यात्रा (स्त्री०) ज्येष्ठ पूर्णिमा को होनेवाली विष्णु जल यात्रा; 3 गति, धड़कन (जैसे-हृदय का स्पंदन)। ~शील (वि०) वस्त्र (पु०) स्नान का कपड़ा; ~शाला (स्त्री०) = स्नान 1 कंपनशील 2 धड़कनेवाला
स्पंदित-सं० (वि०) 1 काँपता हुआ 2 स्पंदनयुक्त स्नानागार-सं० (पु०) स्नानघर
स्पंदिनी-सं० (स्त्री०) रजस्वला स्त्री स्नानार्थी-सं० (पु०) स्नान करने का इच्छुक
स्पंदी-सं० (वि०) = स्पंदित स्नापन-सं० (पु०) स्नान कराना, नहलाना
स्पर्द्ध-सं० (वि०) स्पर्धावाला स्नापित-सं० (वि०) स्नान कराया हुआ, नहलाया स्पर्धन-सं० (पु०) स्पर्धा करना
गृह