________________
सूरन
सूरन - ( पु० ) एक प्रसिद्ध कसैला कंद सूरमा - ( पु० ) योद्धा, बहादुर सूरसुत-सं० (पु०) शनिग्रह
सूरा -अ० ( पु० ) 1 अनाज का एक कीड़ा 2 अंधा व्यक्ति सूराख - फ़ा० (पु० ) छिद्र, छेद (जैसे-कमरे का सूराख) । ~दार (वि०) जिसमें सुराख हो (जैसे-सूराखदार कमरा ) सूरी-सं० (पु० ) विद्वान् पंडित सूर्य -सं० ( पु० ) सौर मंडल का प्रधान पिंड या तारा, आदित्य, भानु (जैसे-सूर्य का प्रकाश)। ~ कमल (पु०) सूरजमुखी का एक फूल; ~कर (पु०) सूर्य की किरण; ~कांत (पु० ) एक तरह का स्फटिक; ~काल (पु०) दिन; ~ किरण चिकित्सा (स्त्री०) सूर्य की किरणों द्वारा इलाज; ~ग्रहण (पु० ) चंद्रमा की छाया पड़ने से सूर्यबिंब का छिप जाना; ~ घड़ी + हिं० (स्त्री०) धूप घड़ी; ~ चित्रक (पु० ) सूर्य का ताप लेने और उसके ताप की घनता नापने का यंत्र; जगत् (पु० ) सूर्य संसार - ताप (पु०) सूर्य की किरणों से उत्पन्न गर्मी; ताप बैटरी + अं० (स्त्री०) = सूर्य बैटरी; तेज (पु० ) धूप, घाम; ~दर्शी (पु० ) सूर्य देखने का यंत्र, परिमंडल (पु० ) = सौर किरीट पर्व (पु० ) सूर्य का नई राशि में प्रवेश या सूर्य ग्रहण आदि का पुण्यकाल; पुत्र ( पु० ) 1 शनि 2 यम 3 वरुण 4 कर्ण; (स्त्री०) यमुना भौतिकी (स्त्री०) सूर्य संबंधी भौतिक विज्ञान; ~ मंडल (पु०) सूर्य की परिधि या घेरा; मुखी (पु० / स्त्री०) सूर्य की गति के साथ ऊपर उठने और नीचे झुकनेवाला एक बड़ा पीला फूल; ~ लोक ( पु० ) सौरभुवन; ~ वंश (पु० ) भारत के दो प्रमुख राजवंशों में से एक, इक्ष्वाकुवंश; ~ वंशी I (वि०) सूर्य वंश का II (पु० ) सूर्य वंश में उत्पन्न पुरुष; ~ विलोकन (पु०) बच्चे को सूर्य दर्शन कराने की एक रस्म संक्रमण (पु० ), संक्राति (स्त्री०) सूर्य का दूसरी राशि में प्रवेश संसार ( पु० ) सौरमंडल स्नान (पु० ) धूप स्नान
पुत्री
सूर्या - सं० (स्त्री०) 1 सूर्य की पत्नी 2 नवविवाहिता स्त्री, नवोढ़ा सूर्याश्म -सं० ( पु० ) सूर्यकांत मणि सूर्यास्त - सं० ( पु० ) सूर्य का छिप जाना सूर्योदय - सं० ( पु० ) सूर्य का उदित होना सूर्योन्मुख - सं० (वि०) सूर्य की ओर उन्मुख सूर्योपासक - सं० ( पु० ) सूर्य का उपासक सूर्योपासना-सं० (स्त्री०) सूर्य की उपासना सूल - (पु० ) शूल
सूलना - I (अ० क्रि०) 1 गड़ना या चुभना 2 पीड़ित होना II (स० क्रि०) 1 चुभाना 2 कष्ट देना
=
846
सूली - (स्त्री०) 1 लोहे का नुकीला छड़ 2 प्राण दंड देने की एक विधि । प्राण ~ पर टँगे रहना दुविधा के कारण अत्यंत मानसिक कष्ट होना
सूस, सूसमार - ( पु० ) एक प्रकार का जलजंतु, शिशुमार सृजन - सं० ( पु० ) 1 रचना, सर्जन 2 उत्पत्ति, सृष्टि । शक्ति (स्त्री०) रचना करने की सामर्थ्य शील (वि०) रचना करनेवाला
सृजनात्मक-सं० (वि०) सृजनशील सृज्य-सं० (वि०) सृजन के योग्य
सेंसर
सृज्यमान-सं० (वि०) जो रचित किया जा रहा हो सृत-सं० (वि०) 1 खिसका हुआ, सरका हुआ 2 गया हुआ सृति-सं० (स्त्री०) 1 खिसकना, सरकना 2 आवागमन 3 मार्ग 4 निर्माण
सृष्ट - सं० ( वि० ) 1 रचा हुआ 2 उत्पन्न किया हुआ 3 मिला हुआ
सृष्टि-सं० (स्त्री०) 1 निर्माण, रचना 2 उत्पत्ति, पैदाइश 3 निर्मित वस्तु 4 जगत्, संसार 5 प्रकृति। ~कर्ता (स्त्री०) ब्रह्मा; ~ विज्ञान, शास्त्र (पु०) सृष्टि की रचना आदि की मीमांसा करनेवाला शास्त्र या विज्ञान सेंक- (स्त्री०) सेंकने की क्रिया
सेंकना - (स० क्रि०) 1 आग पर पकाना (जैसे-रोटी सेंकना) 2 गरम करना (जैसे- हाथ पैर सेंकना) 3 ताप पहुँचाना (जैसे-फोड़ा सेंकना)। आँखें ~ रूपवती स्त्री को देखकर प्रसन्नता का अनुभव करना
सेंगर - (पु० ) एक प्रकार का पौधा 2 एक तरह का धान सेंगरा - बो० भारी वस्तु को लटकाकर ले जाने का डंडा सेंट-अं० ( पु० ) 1 महक, गंध 2 सुगंधियुक्त द्रव्य सेंटर - अं० ( पु० ) 1 केंद्र 2 केन्द्र विंदु या स्थान फारवर्ड
(पु० ) फुटबाल और हाकी में टीम के बिल्कुल आगे बीच में खेलनेवाला खिलाड़ी ~ हाफ़ (पुं०) सेंटर के खिलाड़ियों के पीछे खेलनेवाला खिलाड़ी
सेंटीग्रेड -अं० (पुं०) ताप नापने का पैमाना (जैसे- जल का क्वथनांक 100 डिग्री सेंटीग्रेड है)
सेंट्रल - अं० (वि०) मुख्य, केंद्रीय (जैसे-सेंट्रल रेलवे, सेंट्रल तारघर, सेंट्रल जेल)
सेंत - ( क्रि० वि० ) 1 मुफ़्त में, बिना दाम चुकाए 2 नाहक । -मेंत ( क्रि० वि०) बिना मूल्य दिए 2 व्यर्थ, फ़जूल (जैसे- सेंत मेंत परेशान करना)
सिंदूर दानी फ़ा
सेंदुर - बो० (पु० ) सिंदूरदानी
सेंदुरा - (वि०) सिंदूरी सेंदुरिया - (वि०) सिंदूर के रंग का
दुरी - I (स्त्री०) लाल रंग की गाय II (वि०) सिंदूर के रंग
का
सेंद्रिय -सं० (वि०) 1 इंद्रियोंवाला, सजीव 2 पौरुष से युक्त या
=
=
+
हिंο
1=1
पुंसत्व
सेंध - (स्त्री०) 1 चोर द्वारा चोरी के उद्देश्य से दीवार में किया
गया छेद, नकब 2 नकब या सेंध लगाकर की गई चोरी सेंधना - (स० क्रि०) बो० चोरी के उद्देश्य से सेंध लगाना सेंधा - ( पु० ) एक खनिज नमक
सेंधिया - I ( पु० ) सेंध लगाकर चोरी करनेवाला चोर सेंधिया - II ( पु० ) ककड़ी की जाति की एक लता सेंधी - (स्त्री०) खजूर
सेंधुर बो० (पु० ) = सिंदूर
सेंवई - (स्त्री०) मैदे से बनाए हुए सूत से लच्छे सेंसर - अं० (पु० ) 1 समाचार पत्र आदि छपने तथा पुस्तक आदि प्रकाशित होने से पूर्व उसे देखने के लिए नियुक्त एक राजकीय कर्मचारी 2 इस तरह की जाँच आदि का काम ~बोर्ड (पु०) सेंसर करनेवाले अधिकारियों की समिति;