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विश्व
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विषय
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2 जगत, संसार। ~आधिपत्य (पु०) संसार का स्वामित्व; विश्वस्त-सं० (वि०) 1 विश्वास किए जाने योग्य 2 विश्वास ~आबादी + फा० (स्त्री०) संसार की जनसंख्या; ~कर्ता, | किया गया -कर्मा (पु०) विश्व का स्वामी, ईश्वर; ~कल्याण विश्वात्मा-सं० (पु०) 1 ब्रह्मा 2 विष्णु 3 शिव (पु०) संसार का हित; ~कवि (पु०) सर्वश्रेष्ठ कवि; विश्वामित्र-सं० (वि०) जो विश्व का मित्र हो ~कोश (पु०) 1 ऐसा कोश जिसमें विश्वभर के पदार्थ विश्वास-सं० (पु०) 1 निश्चित धारणा, यकीन 2 भरोसा संग्रहीत हों 2 ऐसा विशाल ग्रंथ जिसमें विश्व भर की समस्त (जैसे-लंपट स्त्री का विश्वास करना मूर्खता है)। कारक महत्त्वपूर्ण बातों का विवरण हो; ~कोशीय (वि०) विश्व (वि०) विश्वास करनेवाला; ~घात (पु०) धोखा, द्रोह कोश से संबंधित; क्रांति (स्त्री०) विश्व आंदोलन; (जैसे-मित्र के प्रति विश्वासघात अक्षम्य है); घातक
छवि (स्त्री०) संसार की शोभा; ~जनता (स्त्री०) विश्व (वि०) = विश्वासघाती; ~घातिनी (स्त्री०) विश्वासघात जनसंख्या; ~जयी (वि०) संसार को जीतनेवाला; ज्ञान करनेवाली स्त्री; ~घाती (वि०) विश्वासघात करनेवाला; कोश (पु०) = विश्वकोश; ~धर्मों सम्मेलन (पु०) संसार पात्र (वि०) विश्वसनीय; ~प्रवण (वि०) जो जल्दी से के सभी धर्मों का सम्मेलन; नाथ (पु०) विश्व का स्वामी, विश्वास कर ले शिव; ~परिस्थिति (स्त्री०) = विश्व स्थिति; ~पाल | विश्वासिक-सं० (वि०) = विश्वसनीय (पु०) ईश्वर; ~पूजित (वि०) विश्व द्वारा पूज्य; विश्वासी-सं० (वि०) विश्वास किए जाने योग्य ~प्रदर्शनी (स्त्री०) विश्व महोत्सव; ~प्रभुत्व (पु०) = | (जैसे-विश्वासी मित्र) विश्व आधिपत्य; ~बंधु I (पु०) शिव II (वि०) विश्व का | विश्वासोत्पादक-सं० (वि०) = विश्वासकारक मित्र; ~बंधुत्व (पु०) विश्व बंधु होने का भाव; बाज़ार | विश्वास्य-सं० (वि०) = विश्वसनीय + फ़ा० संसार भर का बाजार ब्रह्मांड (पु०) संपूर्ण जगत् | विश्वोत्पत्ति-सं० (स्त्री०) विश्व की उत्पत्ति ~भर्ता (पु०) ईश्वर; ~भ्रमण (पु०) संसार की यात्रा, विष-सं० (पु.) 1 ज़हर, हलाहल 2 नाशक पदार्थ या तत्त्व दुनिया की सैर; ~मंच (पु०) संसार; ~माता (स्त्री०) (जैसे-धूम्रपान स्वास्थ्य हेतु विष है)। कन्या (स्त्री०) दुर्गा; युद्ध (पु०) विश्व में होनेवाली लड़ाई राजनीति ऐसी विषाक्त कन्या जिसके साथ संभोग करनेवाले को मृत्यु हो (स्त्री०) विश्व से संबंधित नियम क़ानून; रूप (वि०/पु०) जाती है; ~ता (स्त्री०) = विषत्व; ~धर I (वि०) विषैला सर्वव्यापक; ~रूपिणी (स्त्री०) महाशक्ति; ~वाद (पु०) II (पु०) साँप, सर्प; ~पान (पु०) विष पीना; ~मार - 1 ऐसा मत कि सारा विश्व एक स्वतंत्र सत्ता है तथा निश्चित हिं० (पु०) विष के प्रभाव को खत्म करनेवाला पदार्थ नियमों के अनुसार विकास पथ पर चलता है 2 ऐसा सिद्धांत ~वमन (पु०) विष की उल्टी; ~विज्ञान (पु०) ऐसी कि तत्त्वज्ञान संबंधी सभी बातें सारे विश्व में पाई जाती है, विद्या जिसके अंतर्गत विष और विष संबंधी तत्त्वों की जानकारी युनिवर्सलिज्म; ~वादी (वि०) विश्ववाद से संबंधित; ___ की जाती है; हीन (वि०) बिना ज़हर का, विष रहित ~वास (पु०) संसार, जगत्; ~वासी (वि०) = | | विषण्ण-सं० (वि०) उदास, दुःखी विश्ववादी; विख्यात (वि०) विश्व में प्रसिद्ध विषण्णमना-सं० (वि०) उदास, मन से दुःखी
विजयी (वि०) विश्व को जीतनेवाला; विजेता (पु०) । | विषत्व-सं० (स्त्री०) चि० विष का भाव, ज़हरीलापन संसार पर विजय प्राप्त करनेवाला योद्धा; विदित (वि०) विषम-सं० (वि०) 1 असमान (जैसे-विषम गति) ग० दो से 1 विश्व विख्यात 2 जिसे विश्व जानता हो; विद्यापीठ | भाग देने पर पूर्ण विभक्त न होनेवाली संख्या, 2 विकट (पु०) विश्व विद्यालय; विद्यालय (पु०) सर्वोच्च शिक्षा | (जैसे-विषम कार्य, विषम स्थिति) 3 भीषण, प्रचंड देनेवाली वह बड़ी संस्था जिसके अधीन अनेक महाविद्यालय (जैसे-विषम ज्वाला) 4 भयंकर 5 तीव्र, तेज़ (जैसे-विषम भी आते हैं. यूनीवर्सिटी: विद्यालय खेल + हिं० (पु०) ज्वर)। ~ता (स्त्री०) विषम होने का भाव विश्वविद्यालय स्तर पर खेले गए खेल; विद्यालय प्रबंध विषमय-सं० (वि०) विषयुक्त समिति (स्त्री०) विश्वविद्यालय की व्यवस्था आदि करनेवाली विषमांग-सं० (वि०) विषम अंगवाला समिति या संगठन; विद्यालयीय (वि०) विश्व विद्यालय विषमीकरण-सं० (पु०) सम को विषम बनाना से संबंधित; विश्रुत (वि०) = विश्व विख्यात; ~वेदा विषय-सं० (पु०) 1 ज्ञानेंद्रियों द्वारा प्राप्त रस, पदार्थ या तत्त्व (वि०) सबकुछ जाननेवाला, सर्वज्ञ; ~व्यापार (पु०) (जैसे-गंध और स्वाद का विषय) 2 आधारिक कल्पना विश्व में देश विदेश से होनेवाला व्यापार; ~व्यापक, (जैसे-कहानी का विषय क्या होगा) 3 बात (जैसे-मेरे आते ~~व्यापी (वि०) विश्व में व्याप्त; ~शांति (स्त्री०) पूरे ही आपने विषय बदल दिया) 4 अध्ययन की सामग्री, संसार में अमन चैन; -शांति परिषद (स्त्री०) विश्व में सब्जेक्ट आदि (जैसे-परीक्षा विषय, कक्षा दस में पाँच विषय शांति शापित करनेवाली सभा समस्या (स्त्री०) संसार की | हैं) 5 विवेचन, विचार, मैटर (जैसे-रामायण का विषय क्या समस्या; सृष्टि (स्त्री०) संसार की रचना:-हिंदू परिषद् है) 6 विषय वासना, इंद्रिय सूख 7 भोग विलास की सामग्री (स्त्री०) विश्व हिंदू सभा
(जैसे-विषय वासना में पैसा खर्च करना) ४ स्थान, जगह । विश्वक-सं० (वि०) 1 विश्व संबंधी 2 विश्वव्यापा
~गत (वि०) विषय में आया हुआ; -ज्ञान (पु०) विश्वतः-(अ०) चारो ओर, सभी ओर, सर्वत्र
1 सांसारिक ज्ञान 2 विषय की जानकारी; निर्धारिणी विश्वमय-सं० (वि०) विश्वरूप
समिति (स्त्री०) विषय निश्चित करनेवाली समिति या विश्वसनीय-सं० (वि०) विश्वास के योग्य ... संगठन; ~प्रधान (वि०) जो मुख्यतः किसी निश्चित विषय