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संकट
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संकेतार्थक
संकल्पना-सं० (स्त्री०) 1 संकल्प करना 2 धारणा 3 इच्छा संकल्पात्मक-सं० (वि०) संकल्प से युक्त संकल्पित-सं० (वि०) संकल्प किया हुआ
संकाय-सं० (स्त्री०) विशिष्ट विभाग या शाखा (जैसे-कला संकट-सं० (पु०) 1 आफ़त, विपत्ति (जैसे-संकट आने पर संकाय, विज्ञान संकाय) मित्र की सहायता करना) 2 खतरा (जैसे-संकट का सामना संकायाध्यक्ष-सं० (पु०) संकाय का प्रधान अधिकारी, डीन करना) 3 कठिनाई (जैसे-काम करने में संकट आना, संकट | ऑफ़ फ़ैकल्टी दूर करना) 4 सँकरा रास्ता, तंग रास्ता (जैसे-गिरि संकट, मेले | संकार-बो० (स्त्री०) इशारा, संकेत में संकट से गुज़रना) 5 मुसीबत (जैसे-औद्योगिक संकट)। संकाश-[ सं० (क्रि० वि०) पास. निकट
~काल (पु०) संकट का समय; ~कालीन (वि०) संकट | संकाश-II सं० (पु०) 1 प्रकाश, रोशनी 2 चमक, दीप्ति काल संबंधी; ~ग्रस्त (वि०) संकट में फँसा हआ | संकीर्ण-[सं० (वि०) 1 सँकरा. तंग 2 मिश्रित, संयुक्त जनक (वि०) संकट उत्पन्न करनेवाला
3 तुच्छ. नीच 4 छोटा 5 जो उदार न हो (जैसे-संकीर्ण हृदय, संकटमय-सं० (वि०) संकट में फँसा हआ
संकीर्ण विचार) II (पु०) संकट, विपत्ति । ~ता (स्त्री०) संकटस्थ-सं० (वि०) 1 संकट में पड़ा हुआ 2 दुःखी संकीर्ण होने का भावः हृदय (वि०) तंगदिल संकटापन्न-सं० (वि०) 1 संकटपूर्ण 2 संकटग्रस्त
संकीर्तन-सं० (पु०) 1 यश गान 2 कीर्तन-भजन संकटावस्था-सं० (स्त्री०) संकट की अवस्था
संकुचक-सं० (वि०) संकुचित करनेवाला. सिकोड़नेवाला संकटी-सं० (वि०) = संकटापत्र
संकुचन-सं० (पु०) सिकुड़ना. संकोचन संकटोत्तीर्ण-सं० (वि०) संकट मुक्त
संकुचित-सं० (वि०) संकोच युक्त, लज्जित संकर-[ सं० (पु०) 1 दोगला 2 मिश्रण 3 योग 4 साहि० दो | (जैसे-संकुचित नायिका. संकुचित दृष्टि) 2 सिकुड़ा हुआ
या अधिक अलंकारों का संयोग II (वि०) 1 मेल से बना (जैसे-संकुचित पुष्प) 3 तंग, सँकरा, संकीर्ण (जैसे-संकुचित हआ (जैसे-संकर राग) 2 दोगला (जैसे-संकर संतान)। मार्ग) 4 अनुदार (जैसे-संकुचित हृदय)। ~वाद (पु०) =
क्रिया (स्त्री०) = संकरण; ज (वि०) मिश्र जाति से संकीर्णतावाद उत्पत्र, जातीय (वि.) संकर संबंधी; ~ता (स्त्री०) | संकुल-[ सं० (वि०) 1 घना 2 पूर्ण 3 सारा, समूचा ।। (पु०) 1 मिलावट, घालमेल 2 संकर होने का भाव; ~पद (पू०) | 1जन समूह, भीड़ 2 जनता 3 असंगत वाक्य। ~ता दो भाषाओं के योग से बना पद; ~शब्द (पु०) दो भाषाओं (स्त्री०) संकुलित होने का भाव के योग से बना शब्द
संकलित-सं० (वि०) 1 घना किया हुआ 2 भरा हुआ 3 इकट्ठा संकरक-सं० (वि०) संकर रूप में लानेवाला
किया हुआ संकरण-सं० (पु०) संकर अथवा मिलाने की क्रिया संकेंद्रण-सं० (पु०) 1 एक केंद्र पर लाना 2 एक ही विषय पर सँकरा-[ (वि०) 1 कम चौड़ाई का (जैसे-सँकरा रास्ता) विचार, भाव आदि को लाना (जैसे-सद्वत्तियों का संकेंद्रण) 2 तंग (जैसे-सँकरा पायजामा)
संकेत-सं० (पु०) 1 इशारा, इंगित (जैसे-आँख से संकेत सँकरा-II बो० (पु०) संकट की स्थिति
करना) 2 निशान, चिह्न (जैसे-किताब में पदों पर संकेत संकरित-सं० (वि०) मिलाया हआ, मिश्रित
लगाना) 3 प्रतीक, बात (जैसे-घटना का संकेत) 4 यादगार संकरी-सं० (पु०) संकर, दोगला। -करण (प.) हेतु दी गई वस्तु 5 संकेत स्थल! -चिह्न (पु०) । शब्द का 1 मिलाना 2 जाति का अवैध मिश्रण 3 नौ प्रकार के पापों में से संक्षिप्त रूप (जैसे-म० प्र० मध्य प्रदेश का संकेत चिह्न है) एक
2 शब्द के संक्षिप्त रूप के आगे लगाया गया चिह्नः पूर्वक संकर्षण-सं० (पु०) 1 खींचकर निकालना 2 संयोग का साधन | (क्रि० वि०) संकेत रूप में; रूप (पु०) - संकेत चिह्न 3 पास लाना
लिपि (स्त्री०) गृढ़ संहिता लिखने की लिपि: लिपिक संकल-बो० (स्त्री०) सांकल. जंजीर।
(पु०) संकेत रूप में लिखनेवाला. संकेत लिपि लिखनेवाला; संकलन-सं० (पु०) इकट्ठा करना, एकत्रीकरण (जैसे-सूर के वाचक (वि०) संकेत बतानेवाला (जैसे-संकेतवाचक
पदों का संकलन)। कर्ता (पु०) संकलन करनेवाला सर्वनाम); ~वाची (वि०) संकेत का बोध करानेवाला; व्यक्ति; त्रय (पु०) देश, काल और घटना का एक एक -~सूत्र (पु.) संकेत रूप में सूत्र (जैसे-कार्बन डाई
ऑक्साइड का संकेत सूत्र-C0, है); ~स्थल । (पु०) संकलयिता-सं० (पु०) - संकलनकर्ता
साहिल प्रेमी-प्रेमिका का मिलन स्थल 2 नियत या स्थिर किया संकलित-सं० (वि०) संकलन किया हुआ
हुआ स्थान संकल्प-सं० (पु०) 1 दृढ़ निश्चय (जैसे-शराब न पीने का | संकेतक-सं० (वि०) संकेत करनेवाला
संकल्प) 2 विचार, इरादा (जैसे-बुरे संकल्प का त्याग) | संकेतन-सं० (पु०) संकेत करना 3 प्रतिज्ञा (जैसे-संकट में मदद या सहायता करने का संकल्प | संकेताक्षर-सं० (पु०) संकेत रूप में लिखे गए अक्षर, साइफ़र करना)। ज (वि०) संकल्प से उत्पन्न; -पत्र (पु०) संकेतात्मक-सं० (वि.) संकेत संबंधी प्रतिज्ञा पत्र व्रती (वि०) संकल्प करनेवाला संकेतार्थ-सं० (पु०) क्रिया का भाव जो 'शर्त' का बोधक हो संकल्पक-सं० (वि०) संकल्प करनेवाला
| संकेतार्थक-सं० (वि.) 'शर्त' का बोधक
होना